बड़े दल से गठबंधन नहीं, सरकार बनी तो शिवपाल होंगे कैबिनेट मंत्री:अखिलेश

बड़े दल से गठबंधन नहीं, सरकार बनी तो शिवपाल होंगे कैबिनेट मंत्री:अखिलेश

इटावा समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दीपावली के दिन प्रेस कान्फ्रेंस कर बड़ा एलान किया है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी 2022 के विधानसभा चुनाव में जसवंतनगर की सीट प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल यादव के लिए छोड़ देगी। राज्य में सपा सरकार बनी तो चाचा शिवपाल को कैबिनेट मंत्री भी बनाया जाएगा।


चाचा शिवपाल यादव की पार्टी से भी गठबंधन कर सकते हैं गौरतलब है कि पूर्व में शिवपाल यादव भी समाजवादी पार्टी से गठबंधन की इच्छा जता चुके हैं। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अखिलेश और शिवपाल के बीच तल्खी बहुत बढ़ गई थी। शिवपाल ने बाद में सपा से अलग होकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का गठन किया था।


अब बड़े दलों से गठजोड़ नहीं

अखिलेश के इस एलान को शिवपाल की ओर से पूर्व में सपा से गठजोड़ की संभावनाओं पर दिए गए बयानों के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है। पिछले चुनावों में पहले कांग्रेस फिर बसपा से गठबंधन का असफल प्रयोग कर चुके अखिलेश यादव ने साफ कर दिया कि अब यूपी में सपा किसी अन्य बड़े दल से कोई गठबंधन नहीं करेगी। इसकी बजाए छोटे दलों से गठजोड़ किया जाएगा।

भाजपा पर बोला हमला

सपा प्रमुख अखिलेश ने भाजपा सरकार पर भी जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि यह सरकार कहती थी कि हम किसानों की इतनी मदद करेंगे कि उनकी आय दुगनी हो जाएगी। हम जानना चाहते हैं सरकार से कि आखिरकार किस किसान की आय दुगनी हुई।

समाजवादियों की कोशिश रहेगी कि लोगों को लगातार जोड़ें। हमें खुशी है कि कांग्रेस और बसपा को छोड़ अन्य दलों से जो लोग हमारे साथ जुड़े हैं उनसे पार्टी की ताकत बढ़ेगी।

अखिलेश ने भाजपा पर बिहार विधानसभा के हालिया चुनाव में महागठबंधन को बेईमानी से हराने का आरोप लगाते हुए कहा कि सबसे ज्यादा जनसमर्थन महागठबंधन की रैलियों में था। जितने भी सर्वे हुए उन सभी में गठबंधन को ऐतिहासिक जीत की तरफ बताया गया था लेकिन जब मशीन खुली, परिणाम आया, नतीजे रोके गए और जीत के प्रमाण पत्र किसी और को दे दिए गए। उत्तर प्रदेश की सात विधानसभा सीटों के पिछले दिनों हुए उपचुनाव में सपा का प्रदर्शन आशा के अनुरूप न रहने के सवाल पर अखिलेश ने कहा "जब चुनाव जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, अपर जिलाधिकारी, थानाध्यक्ष और सिपाही लड़ेंगे तो और कौन जीतेगा? उपचुनाव में भाजपा चुनाव नहीं लड़ रही थी बल्कि उसकी सरकार के अधिकारी लड़ रहे थे।




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