फल पट्टी के विकास के लिए 50 लाख रु0 की धनराशि स्वीकृत

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा फलों के विकास के लिए आम, अमरूद और आंवला को फल पट्टी क्षेत्र घोषित किया गया है। यह फल पट्टी क्षेत्र राज्य के 15 जिलों में प्रभावी रूप से क्रियान्वित होगी। इन फलों के समुचित विकास के लिए चालू वित्तीय वर्ष 2019-20 में 50 लाख रु0 की धनराशि स्वीकृत की गई है।

यह जानकारी प्रदेश के उद्यान निदेशक एस.बी. शर्मा ने आज यहां दी। उन्होंने बताया कि राज्य के कुछ क्षेत्रफल विशेष उत्पादन के लिए अधिक उपयुक्त हैं। इन क्षेत्रों में फल विशेष के गुणवत्तायुक्त उत्पादन तथा इस क्षेत्र विस्तार को बढ़ावा देने हेतु फल पट्टी विकास योजना शुरू की गई है। उन्होंने बताया कि अमरूद फल पट्टी के अंतर्गत जनपद कौशाम्बी एवं बदायूं के 6 विकास खण्ड तथा आंवला फल पट्टी के तहत जनपद प्रतापगढ़ के 2 विकास खण्डों का चयन किया गया है।

उद्यान निदेशक एस.बी. शर्मा के अनुसार आम फल पट्टी के अंतर्गत जनपद सहारनपुर, मेरठ, बागपत, बुलंदशहर, अमरोहा, प्रतापगढ़, वाराणसी लखनऊ, उन्नाव, सीतापुर, हरदोई, अयोध्या तथा बाराबंकी के 31 विकास खण्डों को चयनित किया गया है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत कैनोपी प्रबंधन, जीर्णोद्धार, ग्रेडिंग, पैकिंग सेंटर, पावर्ड, नैपसेक स्प्रेयर/पावर आपरेटेड ताइवान स्प्रेयर, ट्रैक्टर माउण्टेट, आपरेटेड स्प्रेयर तथा आई.पी.एम. (इन्टीग्रेटेड पेस्ट मैनेजमेन्ट) के वितरण के कार्यक्रम संचालित किए जायेंगे। इसके साथ ही फल उत्पादकों को फल विकास की नवीनतम तकनीकी में प्रशिक्षण दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि इसके लिए कार्यक्रमवार इकाई लागत का 30 से 50 प्रतिशत तक सहायता फल उत्पादकों को उपलब्ध कराने का भी प्राविधान किया गया है।

उद्यान निदेशक एस.बी. शर्मा ने बताया कि इच्छुक कृषकों को योजना के अंतर्गत लाभार्थी चयन हेतु ऑनलाइन पंजीकरण कृषि विकास की वेबसाइट www.upagriculture.com पर कराना होगा। तदोपरान्त उन्हें निर्धारित प्रारूप पर प्रार्थना-पत्र जिला उद्यान अधिकारी को देना होगा, जिसके साथ कृषक होने का साक्ष्य (किसान जोत बही), प्रस्तावित क्षेत्रफल में जिसमें कार्यक्रम लिया जाना हो विशेष साक्ष्य 10 रुपये के स्टाम्प पर अनुबन्ध पत्र संलग्न करना होगा। उन्होंने बताया कि प्राप्त आवेदन पत्र संबंधित योजना प्रभारी/क्षेत्रीय कार्यकर्ता के स्थलीय निरीक्षण की आख्या/संस्तुति खण्ड विकास अधिकारी द्वारा संस्तुति/अग्रसारण के उपरान्त जिला उद्यान अधिकारी के कार्यालय में प्रस्तुत की जायेगी, जिन्हें उनके पूर्ण पता सहित एक पंजिका में क्रमबद्ध रूप में अभिलिखित किया जायेगा।

उद्यान निदेशक एस.बी. शर्मा बताया कि प्राप्त पूर्ण आवेदन पत्र प्रथम आवक-प्रथम पावक के आधार पर जिला उद्यान अधिकारी/अधीक्षक राजकीय उद्यान द्वारा स्वीकृति पत्र जारी किया जायेगा। जिला उद्यान अधिकारी द्वारा स्वीकृति जारी होने पर आवेदक योजना का लाभार्थी माना जायेगा। उन्होंने कृषकों से अपील की है कि इस योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु संबंधित जनपदीय उद्यान अधिकारी से सम्पर्क कर तथा पंजीकरण कराकर विभाग द्वारा अनुमन्य सुविधाएं प्राप्त कर सकते हैं।

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