अखिलेश यादव अपने साथ लेकर आए थे मेरा कांग्रेस से निष्कासन पत्र, मीडिया का बांटा

अखिलेश यादव अपने साथ लेकर आए थे मेरा कांग्रेस से निष्कासन पत्र, मीडिया का बांटा
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एक तरफ सोनिया गांधी जी कार्यर्ताओं से ज़मीनी सतेह पर लड़ने की अपील कर रही हैं तो दूसरी तरफ लखनऊ में बैठे कांग्रेस नेता ज़मीनी लड़ाई लड़ने वालों को नियम विरुद्ध पार्टी से निकाल रहे हैं यह अनुशासन हीनता और कांग्रेस से गद्दारी दोनों है।
कांग्रेस के इन नेताओं का बस चले तो यह कांग्रेस को समाजवादी पार्टी में विलय करा दें और यूपीए का अध्यक्ष अखिलेश यादव को बनवा दें।


रामपुर । फैसल खान लाला ने जारी बयान में कहा कि यह बात जग ज़ाहिर है कि पहले अखिलेश यादव 9 सितंबर को आज़म खान जैसे भूमाफिया के समर्थन में रामपुर आना चाहते थे लेकिन जैसे ही उन्हें यह आभास हुआ कि कांग्रेस नेता फैसल लाला पीड़ित परिवारों के साथ मिलकर उनका विरोध करेंगें तो उन्होंने अपना दौरा 5 दिनों के लिए टाल दिया क्योंकि वह चाहते थे कि उनका यह विरोध काँग्रेस का विरोध न लगे सिर्फ फैसल लाला का विरोध लगे इसलिए मुझे डिफेम करने के लिए अखिलेश यादव ने अपने पुराने साथी कांग्रेस विधायक दल के नेता लल्लू सिंह, पूर्व विधायक अनुग्रह नारायण, पूर्व विधायक राम जियावन, पूर्व विधायक विनोद चौधरी आदि को इस्तेमाल करके पहले मुझे 9 सितंबर को अनुशासन हीनता का नोटिस दिलवाया उसके बाद अपने रामपुर आने से एक दिन पहले निष्कासन पत्र जारी कराकर रामपुर लेकर आए और पत्र मीडिया को बंटवाया ताकि जनता में गलत संदेश दिया जा सके। उसके बाद भी हम पीछे नही हटे और हज़ारों पीड़ितों के साथ उनको ज्ञापन देने के लिए घण्टो खड़े रहे लेकिन अखिलेश यादव के अंदर उन मज़लूमो का सामना करने का साहस नही था इसलिए उन्होंने अपने आने का रास्ता बदल दिया जिसके बाद मैंने पीड़ितों को साथ लेकर हमसफ़र रिज़ोर्ट पहुंचकर अखिलेश यादव का घिराव करने का ऐलान किया तो पुलिस ने सभी को गिराफ्तार कर लिया।



फैसल लाला ने कहा कि अखिलेश से अपनी पुरानी दोस्ती निभाने के चक्कर में कांग्रेस अनुशासन समिति के तीन सदस्यों ने खुद अनुशासन हीनता की है उन्होंने कांग्रेस संविधान के Article 14(b) का खुला उल्लंघन करते हुए मुझे निष्कासित किया है, नोटिस में जवाब देने के लिए 5 दिन का वक्त मुझे दिया गया था लेकिन मेरा जवाब सुने बिना ही मुझे 4 दिन में निष्कासित कर दिया जो न्याय हित मे सही नही है। कांग्रेस पार्टी किसी के घर की पार्टी नही है पूरे देश की पार्टी है जिसको नेहरू गांधी परिवार ने सींचा है, अनुशासन समिति ने गांधी परिवार को बिना भरोसे में लिए मुझे गैरकानूनी ढंग से निकाला है जो गलत है इसलिए अनुशासन समिति का अनुशासन हीनता और निष्कासन का पत्र दोनों ही फ़र्ज़ी है। कहा एक तरफ पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी जी कार्यर्ताओं और नेताओं से ज़मीनी लड़ाई लड़ने की अपील कर रही हैं और दूसरी तरफ लखनऊ में बैठे नेता ज़मीनी सतेह पर मज़लूमों की लड़ाई लड़ने वाले कांग्रेसियों को पार्टी से निकाल रहे हैं वास्तव में यह अनुशासन हीनता और कांग्रेस से गद्दारी दोनों है।



फैसल लाला ने कहा कांग्रेस के इन नेताओं का बस चले तो यह कांग्रेस को समाजवादी पार्टी में विलय करा दें और यूपीए का अध्यक्ष अखिलेश यादव को बनवा दें।


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