जिलाधिकारी का भ्रष्टाचार पर वार, कमीशनखोर दलालों में हड़कम्प

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सुनील जैन/हवलेश कुमार की खास रपट......

मुजफ्फरनगर। जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय जनपद को भ्रष्टाचार मुक्त, पारदर्शी व ईमानदार प्रशासन देने के लिए नित नये सार्थक प्रयोग कर रहे है। उनके द्वारा की जा रही कार्यवाही से कमीशनखोरों व दलालों में हड़कम्प मचा हुआ है। इसी कडी में उन्होंने आमजन की शिकायत को गम्भीरता से लेते हुए नगर पालिका खतौली द्वारा आमंत्रित ऐसे टेण्डर, जिनके कार्य पहले से ही पूर्ण हैं, की गोपनीय जांच कराई, जिसमें प्राप्त जांच आख्या में अधिकारियों द्वारा कार्यो के पुनः निर्माण की आवश्यकता न होने का उल्लेख करते हुए आमंत्रित निविदायें निरस्त किये जाने की संस्तुति की गई है। आख्या के आधार पर डीएम ने निविदाएं तत्काल प्रभाव से निरस्त करने के साथ ही नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी के निलम्बन व सम्बन्धित के विरूद्व कडी की संस्तुति शासन को की है। उन्होने कहा कि टैण्डर में खर्च धनराशि की वसूली भी ईओ के व्यक्तिगत खातो से की जायेगी। जिलाधिकारी द्वारा बजट की अनुपलब्धता के बावजूद कराये गये कार्यों की जांच भी करायी जा रही है और अगर गडबडी पायी गयी तो कडी कार्यवाही की जायेगी।



इससे पूर्व भी जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय ने नगर पंचायत शाहपुर एवं चरथावल में ऐसे मामले पकडे थे, जिनमें शासन द्वारा जिन कार्यो के लिए धनराशि स्वीकृत की गई, उन कार्यो से अलग अन्य कार्यो के लिए ई-टेण्डरिंग प्रक्रिया द्वारा फर्म या ठेकेदारों को टेण्डर स्वीकृत कर दिए गए थे, जबकि शासनादेशों में स्पष्ट उल्लेख है कि जिस कार्य या मद में धनराशि स्वीकृत की जा रही है, उसका व्यय प्रत्येक दशा में उसी कार्य या मद में किया जायेगा, उसमें किसी प्रकार का डाइवर्जन नहीं किया जा सकता। नगर पंचायत शाहपुर एवं चरथावल के इस भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार करते हुए सभी निविदा निरस्त करते हुए जिलाधिकारी ने दोषियों के खिलाफ प्रशासनिक एवं अपराधिक धाराओं में मुकदमा दर्ज कराने के आदेश दिये थे।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय ने नगरपालिकाओं व नगर पंचायतों में वित्तीय अनुशासन का अनुपालन करने के निर्देश दे रखे है, उनका स्पष्ट निर्देश है कि वित्तीय नियमों का पालन न करने वाली पालिकाओं के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी तथा वित्तिय हानि की प्रतिपूर्ति सम्बन्धित अधिकारियों से की जायेगी।

जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय ने जल निगम द्वारा कराये जा रहे कार्यो पर सर्तक दृष्टि रखने के लिए सचिव एमडीए, अपर जिलाधिकारी प्रशासन, अपर जिलाधिकारी वि0/रा0, नगर मजिस्ट्रेट, एसडीएम सदर व जिला विकास अधिकारी की टीम को लगा रखा है। यह टीम सुनिश्चत करेगी कि कार्यो मे किसी प्रकार की गड़बड़ी या अनियमितता न हो और कार्य की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता न हो। टीम अपनी आख्या जिलाधिकारी को उपलब्ध करायेगी।

पीडीएस सिस्टम मे फैले भ्रष्टाचार पर सर्जिकल स्ट्राइक करते हुए जिलाधिकारी द्वारा लगातार कडे प्रहार किये जा रहे है। राशन व मिटटी के तेल की कालाबाजारी पर उचित दर विक्रेता के विरूद्व जिलाधिकारी के निर्देश पर एफआईआर दर्ज कराई गई है।

जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय ने भ्रष्टाचार पर जोरदार प्रहार करते हुए पारदर्शी व ईमानदार प्रशासन देने की मुहिम को आगे बढाते हुए आम आदमी बनकर आधा दर्जन जनसुविधा केन्द्रों की हकीकत परखी थी। इस दौरान उन्होंने 3 जन सेवा केन्द्रों पर निर्धारित शुल्क से अधिक शुल्क लिये जाने को पकडा था और तीनों जनसुविधा केन्द्रों को निर्धारित शुल्क से अधिक शुल्क लेने पर तत्काल इनका लाईसेंस निरस्त करने के निर्देश दिये थे। उन्होने कहा था कि सभी तहसीलों में ऐसे ही औचक निरीक्षण चलेंगे।

शिक्षा विभाग के भ्रष्टाचार पर जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय ने टेढ़ी निगाह करते हुए प्रवीण कुमार मिश्र को जिला विद्यालय निरीक्षक मुजफ्फरनगर के प्रभार से तत्काल कार्यमुक्त करके डीआईओएस का कार्यभार राजकीय इण्टर कालेज के कार्यवाहक प्रधानाचार्य बृजेश कुमार को सौंप दिया था। ज्ञात हो कि जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय ने जनता इण्टर काॅलेज बाढ में बोर्ड परीक्षा के दौरान एसटीएफ द्वारा सामूहिक नकल पकडे जाने के सम्बंधित प्रकरण पर जिला विघालय निरीक्षक प्रवीण मिश्र के विरूद्व कराई गई जांच के आधार पर सामूहिक नकल एवं अनियमितता पर अनुशासनिक कार्यवाही व आरोप पत्र निर्गत किये जाने के लिए अपनी संस्तुति अपर प्रमुख सचिव, माध्यमिक शिक्षा व प्रमुख सचिव, मा0 मुख्यमंत्री उ0प्र0 शासन को भेजी थी।



जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय ने मेरठ रोड पर प0 दीनदयाल उपाध्याय नगर में बन रहे प्रधानमंत्री आवास के निर्माण कार्यो का औचक निरीक्षण करते हुए दीवारों व उस पर कराये गये प्लास्टर को हथौडी मारकर उसका रियेलिटी चैक भी किया था। उन्होने निर्माण एजेंसी को चेतावनी दी थी कि निर्माण कार्यो में गडबडी पर कडी कार्यवाही की जायेगी। उन्होने निर्माण कार्य को शीघ्र पूर्ण कराने के निर्देश भी दिये थे। उनकी चेतावनी का ऐसा असर पड़ा कि निर्माण कार्य में लगे जिम्मेदारों में हड़कम्प मच गया और निर्माण के मानकों को ध्यान में रखते हुए निर्माण में अभूतपूर्व तेजी आ गयी है।

जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने ग्राम विकास अधिकारियों के स्थानातन्तरण में सिफारिशें व रिश्वत पर करारा प्रहार करते हुए ग्राम विकास अधिकारियेां के स्थानान्तरण लाॅटरी के माध्यम से कराये हैं। इसके लिए उन्होने 12 ग्राम विकास अधिकारियों व जिला विकास अधिकारी को अपने कार्यालय बुलाकर ब्लाॅकवार पर्ची बनाकर ग्राम विकास अधिकारियों से उठवाकर जिस पर्ची में जिस ब्लाॅक का नाम था, उस ग्राम विकास अधिकारी की तैनाती उसी ब्लाॅक में कर दी। जिलाधिकारी ने लाॅटरी सिस्टम से पूरी तरह पारदर्शिता अपनाते हुए दर्जन भर वीडीओ व वीपीओ के स्थानातरण कराये हैं। उन्होने कहा कि आगे भी इसी प्रकार स्थानातरण किये जायेगे। इसके साथ ही जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय किसानों के बकाया गन्ना मूल्य भुगतान मे टालमटोल कर रही चीनी मिलों पर नकेल डाल चुके हैं। हुआ यूं था कि चीनी मिल के प्रतिनिधि शुगर प्रमोशन पाॅलिसी की पत्रावली पर डीएम के हस्ताक्षर कराने पहुंचे थे, लेकिन बकाया गन्ना 55 करोड रूपये बकाया रहने के कारण डीएम ने मिल प्रतिनिधियों को अपने कार्यालय मे बैठा लिया था और उनकी पत्रावलियों को बंधक बनाते हुए बकाया गन्ना मूल्य भुगतान का दबाव बना दिया था। बकाया गन्ना मूल्य भुगतान भुगतान के लिखित आश्वासन पर चीनी मिल प्रतिनिधियों की जान बच पायी थी।

जिलाधिकारी ने प्रदूषण विभाग द्वारा की जा रही सुस्त कार्यप्रणाली को गम्भीरता से लेते हुए अपेक्षित कार्यवाही कराये जाने के लिए प्रमुख सचिव पर्यावरण को अवगत करा चुके हैं कि जनपद मुजफ्फरनगर में ईंट-भट्टे, पेपर मिल, चीनी मिल एवं विभिन्न औद्योगिक ईकाईयां स्थापित हैं, जिनसे समय-समय पर अवशिष्ट के रूप में जल तथा वायु का प्रदूषण कारित होता है। एनसीआर में स्थित होने के कारण जनपद मुजफ्फरनगर पर्यावरण प्रदूषण हेतु संवेदनशील जनपद है। इस समस्या के निवारण हेतु प्रभावी कार्यवाही किया जाना आवश्यक है।

जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि शासन की मंशा के अनुरूप कार्य किया जाये। उन्होने कहा कि विकास कार्यो मे किसी भी प्रकार की शिथिलता पर कडी कार्यवाही होगी। सभी अधिकारी केन्द्र सरकार एवं प्रदेश सरकार की संचालित सभी योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्ति तक पहुचाना सुनिश्चत करें।

जिलाधिकारी ने व्यापारियों, व्यापार मंडल के पदाधिकारियों से कहा कि जनपद के व्यापारियों की समस्याअेां का समय से निराकरण कराया जायेगा। उन्होने अधिकारियों को निर्देश दिये कि बैठकों को औपचारिकता न समझे, बैठक में लिये गये निर्णयों व निर्देशों का अनुपालन कडाई से कराया जाये। उन्होने कहा कि अगर कोई अधिकारी विलम्ब करता है या कार्य नही करता है तो अवगत कराये तत्काल कडी कार्यवाही की जायेगी।

जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय ने सभी अधिकारियों को मुख्यमंत्री के निर्देशों से अवगत कराते हुए स्पष्ट संदेश दिया है कि अधिकारी चार्ज मोड में आ जाये औरप्रातः 9 से 11 बजे तक अपने अपने कार्यालयों में बैठकर जनसमस्याएं सुन उनका निस्तारण करना सुनिश्चत करें।

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