हिमाचल की उभरती गायिका है सोनिया सहगल

हिमाचल की उभरती गायिका है सोनिया सहगल
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शिमला। जीवन मे कोई साथ देने वाला न हो और आप गायक बनना चाहते हो, वो भी आज की प्रतिस्पर्धा से भरी दुनिया मे, जहां पर हर किसी को सफल होने के लिए किसी न किसी के सहारे की जरूरत होती है।वैसे तो भारत मे गायक बनने का ख्वाब बहुत से युवा संजोते मगर कुछ के ख्वाब या तो आर्थिक स्थिति, तो कुछ के ख्वाब सही पथ प्रदशित न कर पाने गुरू के अभाव मे पूरे नही हो पाते। ऐसे हालात मे अगर कोई युवती हो मानो उसका तो इस फील्ड मे आना और सफल होना और भी मुश्किल भरा होता है। पर इनमे से कुछ ऐसे दृढ संकपित भी होते जो बडी से बडी कठिनाई से घबराते नही बल्कि डट कर उनका सामना करते है और सफल होकर दुनिया मे संदेश देते है कि यदि निश्चय कर लिया तो दुनिया की कोई ताकत आपको हरा सकता।




आप किसी हिल स्टेशन पर है तो आपका मन गाना सुनने को न करे ऐसा हो ही नही सकता और वो हिल स्टेशन शिमला जैसा हो तो फिर तो सोने पर सुहागा। हिमाचली गीतो की धुन भी कुछ ऐसी ही होती जो आपको झूमने पर मजबूर कर देगी। शिमला अपनी हसीन वादिया के चलते बाहर के लोगो को भी अपनी ओर आकर्षित करती है।




ऐसी ही कठिनाईयो को दरकिनार करते हुए गायक बनी हिमाचल की मिट्टी पर जन्म लेने वाली सोनिया सहगल। जो आज हिमाचल मे किसी परिचय की मोहताज नही है। आज हिमाचल मे हर तरफ उनके चाहने वालो की संख्या दिनो-दिन बढ रही है। अब तक 50 से ज्यादा गाने गा चुकी सोनिया सहगल का जन्म 2 अक्टूबर 1993 को अपनी खूबसुरत वादियो के लिए मशहूर शिमला मैं हिमाचल सरकार मे सरकारी नौकरी पर कार्यरत चरणदास के यहां पर हुआ। सोनिया के जन्म लेने के 11 माह के बाद ही इनके पिता का देहान्त हो। पिता के देहांत के बाद इनके परिवार पर दुखो का पहाड टूट पडा। परिवार अब उस मोड पर आ खडा था जिसके सामने आर्थिक के साथ विभिन्न समस्याएं खडी हो गयी थी। मगर इनके दादा गीताराम ने परिवार को आर्थिक हालातो से गुजर रहे परिवार को संभाल लिया। दादा गीताराम का ही सपना था कि उनकी पोती सोनिया एक अच्छी गायक बनकर उनका व अपने पिता का नाम रोशन करे।



आज सोनिया का कहना है आज वो जो कुछ है वो सिर्फ और सिर्फ अपने दादा के कारण ही है। उनके दादा ने ही उनको हमेशा आगे बढने के प्रोत्साहित किया। सोनिया की प्रारम्भिक शिक्षा राष्ट्रीय विधा केन्द्र कसुमटी शिमला 10 वीं और डी0ए0वी0 स्कूल लक्कड बाजार से 12 वीं तक की शिक्षा प्राप्त की। अपनी उच्च शिक्षा मे इन्होने ए0 पी0 गोयल यूनिवर्सिटी शिमला से बी0जी0एम0सी0 किया। सोनिया को वैसे तो गाना गाने का शौंक बचपन से ही था मगर इन्होने अपना पहला गाना तब रिकार्ड किया जब ये 12 वीं क्लास मे पढती थी। जिस गाने का नाम था ''खनक'' जिसको इन्हाने सुरेन्द्र नेगी जो आज हिमाचल के जाने माने म्युजिक डायरेक्टर है और हिमाचली गायक किशन वर्मा की मद्द् से किया था। पहली एलबम और गाने से सोनिया को अच्छा फीडबैक मिला। जिसके बाद सोनिया ने पीछे मुडकर नही देखा।


अपने जीवन मे अपने दादा गीताराम को अपना गुरू मानने वाली सोनिया ने बताया कि बाॅलीवुड से गायक शान,उदित नारायण और लता मंगेशकर को ,हिमाचली मे किशन वर्मा को और पंजाबी मे मास्टर सलीम की गायिकी को पसन्द करती है। अभी हाल ही मे कांवड के समय मे उनका ''भोले के सुपरमैन'' भक्ति गाना बहुत ही लोकप्रिय हुआ।


जल्द ही इनका ''माही वे'' के नाम से पंजाबी गाना भी रिलीज होगा। इसके अलावा जन्माष्टमी पर इनका भगवान कृष्णा के लिए गाया हुआ भक्ति गीत भी रिलीज होगा।


सोनिया ने खोजी न्यूज को बताया कि वह तब तक नही रूकेगी,जब तक वह खुद अपने अपनी सफलता से खुद संतुष्ट नही हो जाती। वास्तव मे जीवन मे सबके सामने कठिनाईया आती है, जो इन कठिनाईया पर पार पा जाये वह ही जीवन का असली खिलाडी है। सोनिया खुद के बलबूते पर हिमाचल के अलावा उतराखण्ड मे नाम कमा चुकी हैै।




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