कानून व्यवस्था के हालात रोज-ब-रोज बिगड़ते जा रहे हैं : अखिलेश यादव

कानून व्यवस्था के हालात रोज-ब-रोज बिगड़ते जा रहे हैं : अखिलेश यादव
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लखनऊ समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकारों के कामकाज से जनता की कठिनाइयां बढ़ी हैं। जिससे लोगों में कुंठा तथा निराशा पनप रही है। कल पेश हुए केन्द्रीय बजट में भाजपा ने अपनी बहकाने वाली राजनीति का नग्न प्रदर्शन किया है। एक हाथ से कथित रियायतें दी है तो तमाम दूसरी सुविधाएं छीन ली हैं। घरेलू उपयोग की चीजों को मंहगा कर दिया है। बिगड़ी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की दिशा में कोई संकेत नहीं मिल रहा है। किसानों नौजवानों, गरीबों के लिए झांसे के सिवाय कुछ नहीं है।

वास्तव में, भाजपा सरकारों की नीयत जनहित में कोई भी काम करने की नहीं है। चाहे केन्द्र हो या राज्य सरकार दोनों में डबल इंजन के बाद भी कोई उल्लेखनीय विकास कार्य अभी तक देखने को नहीं मिला है। उत्तर प्रदेश के हितों की केन्द्र सरकार द्वारा लगातार उपेक्षा की जा रही है। अर्थव्यवस्था अंधेरी गुफा में जा चुकी है। किसी का कुछ भला होने वाला नहीं है। भाजपा से उम्मीद भी नही है। किसान करे तो क्या करे, उसकी जिंदगी तो ऊपर वाले की दया पर ही निर्भर है।

जहां तक उत्तर प्रदेश की बात है, मुख्यमंत्री को शासन-प्रशासन की समस्याओं पर गौर करने की फुर्सत नहीं है। वे दिल्ली में चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं। यहां कानून व्यवस्था के हालात रोज-ब-रोज बिगड़ते जा रहे हैं। आज राजधानी में दिनदहाड़े हत्या हो गई। अयोध्या की रामनगरी में बम से हमला हुआ तो हापुड़ में दो बहनों से सामूहिक दुष्कर्म की घटना हुई। हरचन्दपुर रायबरेली में युवती की हत्या हो गईं। छेड़छाड़, लूट, हत्या, बलात्कार में उत्तर प्रदेश सभी राज्यों को पछाड़ता जा रहा है। भाजपा राज में देश विदेश तक में उत्तर प्रदेश की बदनामी हो रही है। जनता को इससे राहत 2022 में सत्ता परिवर्तन के बाद ही मिल सकेगी।

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