दलितों-पिछड़ों के लिए संविधान में आरक्षण की व्यवस्था की गई है : अखिलेश यादव

दलितों-पिछड़ों के लिए संविधान में आरक्षण की व्यवस्था की गई है : अखिलेश यादव
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लखनऊ समाजवादी पार्टी मुख्यालय, लखनऊ में मैनपुरी से 297 किलोमीटर लखनऊ तक समाजवादी विचार पदयात्रा में शामिल नौजवानों का अभिनंदन समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 150वें जयंती वर्ष में समाजवादी विचार पदयात्रा 30 जनवरी 2020 को मैनपुरी से प्रारम्भ हुई थी जिसका समापन 10 फरवरी 2020 को लखनऊ में हुआ। इस यात्रा के संयोजक रावल सिंह यादव, पूर्व जिलाध्यक्ष लोहिया वाहिनी, मैनपुरी थे। यात्रा में 193 नौजवान और उनके तमाम साथी शामिल थे। रावल सिंह के दो बच्चों ने अपनी गुल्लकों की धनराशि अखिलेश यादव को भेंट की। उनकी पत्नी नीलम यादव भी मौजूद रहीं।





समाजवादी विचार पदयात्रा में शामिल सैकड़ों नौजवानों को सम्बोधित करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि ये पदयात्री आलू और सरसों के खेतों में काम करते किसानों, गांव की गलियों और कारोबारियों से सम्पर्क करते हुए आए हैं। उन्होंने मौसम की मार सहते हुए यह यात्रा पूरी की है। इस साहस के लिए वे बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा उनकी इस यात्रा से समाजवादी आंदोलन को आगे बढ़ाने में मदद मिली है। इन यात्राओं से सन् 2022 में समाजवादी पार्टी की सरकार बनाने के लिए भी जनसमर्थन हासिल होगा।

अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार असली मुद्दों पर बात करने के बजाय उलझाने का काम करती है। दलितों-पिछड़ों के लिए संविधान में आरक्षण की व्यवस्था की गई है भाजपा साजिशन उसको समाप्त करना चाहती है। संसद में और बाहर हम जनगणना में जातियों की गणना की मांग करते आए हैं। हमारी मांग है 'जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी'। कांग्रेस ने अपने शासनकाल में जनगणना में जाति के आंकड़े नहीं दिए। उसी रास्ते पर अब भाजपा चल रही है।





उन्होंने कहा अगर जनगणना में जातियों की गणना हो जाए तो आबादी के हिसाब से सबको अपना हक और सम्मान मिल सकेगा। इससे किसी को नाराजगी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि भाजपा हिन्दू-मुस्लिम की दीवार खड़ी कराती है। वह आपस में लड़ाई करके नफरत पैदा करती है। समाजवादी पार्टी सामाजिक रिश्तों में खाई नहीं पैदा होने देगी। डाॅॅ राममनोहर लोहिया, बाबा साहेब डाॅ भीमराव अम्बेडकर सामाजिक न्याय हेतु समानता के इन्हीं अवसरों के लिए संघर्षरत रहे।

अखिलेश यादव ने कहा कि किसानों को लागत का डेढ़ गुना और 2022 तक उनकी आय दुगनी करने का भरोसा दिया गया था। किसान आज भी परेशान है। किसान की खेती चौपट हैं वे खेतों में तार लगाकर अपनी फसल बचा रहे हैं। युवा बड़ी तादाद में बेरोजगार हो जाएंगे। नौकरी-रोजगार है नहीं। भाजपाई बताते है कि सूर्य नमस्कार से बेकारी दूर हो जाएगी। ऐसा होना तो सम्भव नहीं। भाजपा के प्रिय काम झाड़ू सफाई और साण्ड, शौचालय है। समाजवादी पार्टी की राज में सड़क से रफ्तार तेज होती है, उससे प्रगति होती है। छात्र-छात्राओं को लैपटाॅप दिए गए जिससे उनको आगे बढ़ने का रास्ता मिला। हम विकास की बात करते है, भाजपाई बहकाते हैं।





अखिलेश यादव ने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार के लक्षण नहीं दिखते हैं। बड़े कारखाने बिक रहे हैं। जिन संस्थानों पर गर्व था वे बंद हो रहे हैं। समिट मीट, इन्वेस्टर्स मीट में पिछली बार 4 लाख करोड़ रूपए के एमओयू हुए थे। इस बार तो 50 हजार रूपए के ही हुए हैं। कहां-कितने उद्योग लगे-कहां नौजवानों को रोजगार मिला? भाजपा सरकार में न गंगा साफ हुई और नहीं गोमती। हजारों करोड़ रूपए बस गंगा सफाई के नाम पर बहा दिए गए। नोटबंदी से कालाधन और भ्रष्टाचार नहीं मिटा। उन्होंने पूछा बुलेट ट्रेन कब दिल्ली, कलकत्ता, लखनऊ होते हुए पटना पहुंचेगी?

यादव ने सुझाव दिया कि बबीना (बुन्देलखण्ड) में टैंक निर्माण का कारखाना बन सकता है। राफेल बनाया जा सकता है। कानपुर, अलीगढ़ में भी सहूलियतें मिलें तो रक्षा सामग्री का उत्पादन बढ़ सकता है। समाजवादी सरकार इस दिशा में काम करेगी। भाजपा सरकार अब काम आगे बढ़ाने से उदासीन है। एक्सप्रेस-वे के किनारे तो मंडियों की व्यवस्था होनी थी, भाजपा ने वह काम भी नहीं किया। यह भी एक सच्चाई है कि भाजपा ने तीन वर्ष में कोई विकास कार्य नहीं किया।

अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा के पास न भाषा, न व्यवहार और नहीं संस्कृति है। समाजवादी सरकार के समय गोमती किनारे जो रिवरफ्रंट बना है वह साबरमती से बेहतर है। आगरा- लखनऊ से बेहतर एक्सप्रेस-वे नहीं बना सकते है।

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय, नरेश उत्तम पटेल, पूर्व मंत्री राजेन्द्र चौधरी एवं सांसद तेज प्रताप यादव, रविदास मेहरोत्रा, विधायक एसआरएस यादव, अरविन्द कुमार सिंह तथा राजेश यादव राजू, पूर्व विधायक मो0 रेहान, जिलाध्यक्ष जयसिंह जयंत, महानगर अध्यक्ष सुशील दीक्षित पूर्व नगर अध्यक्ष फाकिर सिद्दीकी की विशेष उपस्थिति रही।

इसके अतिरिक्त अरूण शंकर शुक्ला, सीएल वर्मा, अनीस राजा, दिग्विजय सिंह देव, गीता सिंह, विजय यादव, सुधा जैसवार, नसरीन फातिमा, सुलेखा, डाॅॅ पूनम केसरी, मीना यादव, सुनीता कश्यप, जयसिंह प्रताप यादव, जेबा यास्मीन, मनभावती, धर्मेन्द्र बड़े, विकास यादव, जीनत, फरहाना, दानिश सिद्दीकी, सागर धानुक, लता जायसवार, मुदस्सिर हसन, किशन सिंह धानुक आदि भी मौजूद रहे।


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