अखिलेश यादव ने सैफई में 71वां गणतंत्र दिवस पर 155 फीट ऊंचे राष्ट्रध्वज का ध्वजारोहण किया

अखिलेश यादव ने सैफई में 71वां गणतंत्र दिवस पर   155 फीट ऊंचे  राष्ट्रध्वज का ध्वजारोहण किया
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सैफई भारत का 71वां गणतंत्र दिवस समारोह पूर्वक मनाया गया। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हजारों कार्यकर्ताओं एवं स्थानीय नागरिकों के बीच ध्वजारोहण किया। सैफई में बड़े आकार का राष्ट्रध्वज 155 फीट ऊंचाई के पोल पर लहराया गया। इससे पूर्व सैफई पहुंचने पर अखिलेश यादव तथा राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव एवं सांसद प्रो रामगोपाल यादव के द्वारा पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं गांधी शान्ती मार्च के नेता यशवंत सिन्हा का शाल ओढ़़ाकर स्वागत किया गया।





सैफई के गणतंत्र दिवस समारोह में अखिलेश यादव के साथ पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव एवं सांसद प्रो रामगोपाल यादव तथा राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी, पूर्व सांसद धर्मेन्द यादव एवं तेज प्रताप यादव तथा विधायकगण डाॅॅ दिलीप यादव, राज कुमार राजू, सहित अनुराग यादव, अंशुल यादव तथा हजारों लोग मौजूद थे।





अखिलेश यादव ने अपने सम्बोधन में गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज सरकार में बैठे लोगों ने देश में डर पैदा कर दिया है। गुजरात से लाठी लेकर एक धोती पहन ओढ़कर गांधी चले थे उन्होंने दुनिया को सत्य अहिंसा का रास्ता दिखाया। लेकिन जो उसी गुजरात के हैं सत्य अहिंसा के रास्ते में रोड़ा बनकर खड़े हैं। खतरा पैदा कर रहे हैं। झूठे सपने दिखाकर देश को वे किस रास्ते पर ले जा रहे हैं?

यादव ने कहा कि यह भरोसा है कि हम लोगों को दुबारा मौका मिला तो वोट की ताकत से वहीं पहुंचा देंगे जहां से आए थे। यहां किसान दुःखी है, नौजवानों की जिंदगी में अंधेरा है। देश के नौजवानों किसानों के सपने टूट जाएंगे तो आखिर भविष्य क्या होगा? देश का विकास अवरूद्ध है। भारत की अर्थव्यवस्था पूरी तरह डूब गई।





अखिलेश यादव ने कहा कि भारत के बारे में यही लिखा गया कि यहां साधु संतो तथा संपेरो का देश है लेकिन संपेरों के पास न खेत है न घर है। उनका सांप भी छिन गया अब केवल बीन बची है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार जन्मस्थान और पूर्वजों का पता ठिकाना पूछ रही है, वह कहा से लाया जाएगा इसलिए हमने तय किया है कि नागरिकता का कोई कागज नहीं दिखाएंगे। एनपीआर का फार्म नहीं भरेंगे।



यादव ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था डूब गई है। देश में रोजगार नहीं है। कहीं खुशहाली नहीं दिख रही है। दुनिया में भारत की बदनामी हो रही है। उन्होंने कहा कि हम गांधी-लोहिया के देश को बचाना है। बाबा साहेब डाॅ भीमराव अम्बेडकर ने जो संविधान दिया उस संविधान को बचाना है।





यशवंत सिन्हा ने कहा कि हम गांधी के साथ अहिंसा का संदेश लेकर यात्रा पर निकले हैं। हम धर्म बांटकर गांधीजी की दुबारा हत्या नहीं होने देंगे। गांधीजी के विचारों तथा भारत के संविधान को बचाने के लिए संघर्ष करेंगे। उनके साथ आए प्रशांत गेवांडे ने हम नागरिकता का कागज नहीं दिखाएंगे और जिन्दा है दो गीत प्रस्तुत किए।


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