विधायक से MP बने चार राजेनता फिर से सियासी पिच पर आतिशी पारी खेलने....

विधायक से MP बने चार राजेनता फिर से सियासी पिच पर आतिशी पारी खेलने....

पटना। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में विधायक से सासंद बने पांच राजनेताओं में से चार फिर से ‘सियासी पिच’ पर आतिशी पारी खेलने के लिये तैयार हैं।

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में सांसद बनने के इरादे से 12 तत्कालीन विधायक चुनावी मैदान में उतरे, लेकिन उनमें से पांच ही संसद तक पहुंचने में कामयाब हो पाये।राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दल जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के टिकट पर सिमरी बख्तियारपुर के तत्कालीन विधायक दिनेश चंद्र यादव ,मधेपुरा संसदीय सीट से ,नाथनगर के तत्कालीन विधायक अजय कुमार मंडल, भागलपुर से, बेलहर के तत्कालीन विधायक गिरधारी यादव, बांका से और दरौंधा की तत्कालीन विधायक कविता सिंह, सीवान संसदीय सीट से चुनावी रणभूमि में उतरी और उन्हें सांसद बनने का अवसर मिला।

महागठबंधन की ओर से परसा के तत्कालीन विधायक एवं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा प्रसाद राय के पुत्र चंद्रिका राय सारण से, रोसड़ा (सुरक्षित) के तत्कालीन विधायक डॉ. अशोक कुमार समस्तीपुर (सुरक्षित) से, बेलागंज के तत्कालीन विधायक सुरेंद्र प्रसाद यादव जहानाबाद से, राजापाकड़ (सु) के तत्कालीन विधायक शिवचंद्र राम हाजीपुर (सु) से, अलीनगर के तत्कालीन विधायक और पूर्व मंत्री अब्दुलबारी सिद्दीकी दरभंगा से, इमामगंज (सु) के तत्कालीन विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी गया (सु) से, किशनगंज से तत्कालीन विधायक डॉ. मोहम्मद जावेद किशनगंज से और झंझारपुर के तत्कालीन विधायक गुलाब यादव झंझारपुर संसदीय क्षेत्र से चुनावी समर में उतरे। इनमें से किशनगंज के तत्कालीन विधायक डॉ. मोहम्मद जावेद को छोड़कर अन्य विधायकों का सासंद बनने का ख्वाब अधूरा रह गया।

इस बार के चुनाव में सीवान से जीती कविता सिंह बेटिकट हो गयी हैं। सीवान सीट से जदयू ने कविता सिंह की जगह जीरादेई के पूर्व विधायक रमेश सिंह कुशवाहा की पत्नी विजया लक्ष्मी देवी को उम्मीदवार बनाया है। विजया लक्ष्मी देवी पहली बार लोकसभा के चुनावी रण में अपना भाग्य आजमां रही हैं। वहीं दिनेश चंद्र यादव मधेपुरा ,अजय कुमार मंडल भागलपुर ,गिरधारी यादव बांका और डॉ. मोहम्मद जावेद किशनगंज सीट से सियसी पिच पर फिर से आतिशी पारी खेलने के लिये तैयार हैं।

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