कोर्ट के स्टे व आचार संहिता के बावजूद प्रबंधकों को जॉइनिंग का आदेश

कोर्ट के स्टे व आचार संहिता के बावजूद प्रबंधकों को जॉइनिंग का आदेश

उमरिया। लोकसभा चुनाव- 2024 के चलते इलेक्शन कमिशन की ओर से लागू की गई आदर्श आचार संहिता एवं अदालत के स्थगन आदेश के बावजूद आदिम जाति सेवा सहकारी समिति नरोजाबाद के अधीनस्थ काम कर रही समितियों के प्रबंधको को जॉइनिंग करने का आदेश जारी किया गया है। जिसके चलते समिति प्रबंधकों के कोर्ट के स्टे की प्रासंगिकता पर प्रश्नचिन्ह लग गया है।

आदिम जाति सेवा सहकारी समिति नौरोजाबाद के अधीनस्थ कार्य कर रही समितियों में प्रबंधकों की भर्ती प्रक्रिया में सवाल खड़े होने लगे हैं। जबकि प्रबंधको की भर्ती प्रक्रिया में स्थगन आदेश लगा हुआ है। इसके बाबजूद आदिम जाति सेवा सहकारी समिति के जिला मैनेजर के द्वारा कोर्ट के स्थगन आदेश को चुनौती देते हुए समितियों मे प्रबंधको को ज्वाइन करने का आदेश दे दिया गया है।

आदिम जाति सेवा सहकारी समिति नौरोजाबाद के अधीनस्थ कार्य कर रही समितिया निपानिया, करकेली, कंचनपुर, कौड़िया,रहठा, छादा खुर्द, कल्दा मे प्रबंधकों के नियुक्ति आदेश जारी कर दिए गए है। इन नियुक्तियों को लेकर अब सबसे बड़ा सवाल यह उठना लाजमी है कि कोर्ट के स्थगन आदेश के बावजूद भी किस तरह नियम कायदे कानून को दरकिनार आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों मे प्रबंधकों की भर्तियां कर ली गईं। अब इसका जवाब खुद विभाग के पास नहीं है।

वर्तमान में आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों मे जो प्रबंधक पदस्थ हैं उनको यह समझ में नहीं आ रहा है कि यह भर्ती प्रक्रिया हुई कैसे? सूत्रों के अनुसार समिति प्रबंधक की जिम्मेदारी अगर किसी को दी जाती है तो वह सबसे पहले कार्यालय मे ज्वाइन करेगा, इसके बाद समिति के प्रस्ताव पंजी में हस्ताक्षर करेगा।

अब यह सवाल उठना लाजमी है कि एक समिति में दो-दो प्रबंधक कैसे काम करेंगे? वर्तमान में पदस्थ समितियों के प्रबंधकों ने बताया कि उन्हें बैंक से जानकारी मिली है कि अब उनके जगह किसी अन्य प्रबंधक की आईडी बन गई है। लोकसभा चुनाव के कारण आदर्श आचार संहिता जिले मे लागू है। आखिर विभाग को क्या ऐसी जरूरत पड़ी कि जिले में आदर्श आचार संहिता लागू होने के बावजूद भी प्रबंधकों के ज्वाईनिंगके आदेश जारी कर दिए गए है।

रिपोर्ट- चंदन श्रीवास मध्य प्रदेश

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