फिर भाजपा के हुए कल्याण सिंह, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने ग्रहण करायी सदस्यता

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह को भारतीय जनता पार्टी को सदस्य बनाया गया है। अयोध्या राममन्दिर आंदोलन के महानायक 87 वर्षीय कल्याण सिंह को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने आज सदस्यता ग्रहण करायी। उनकी सदस्यता संख्या 3,04,29,38,286 है। कल्याण सिंह के पता वाले काॅलम में 2 माॅल एवेन्यू लखनऊ व स्थाई पता ए-10, राज पैलेस, मैरिस रोड़ अलीगढ़ अंकित किया गया है।


बड़ी भूमिका में नजर आ सकते हैं कल्याण सिंह

बता दें कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह रामजन्म भूमि मन्दिर आंदोलन के महानायक रहे हैं। जब कभी राममन्दिर का जिक्र आयेगा, तो लालकृष्ण आडवानी, अशोक सिंघल सहित कल्याण सिंह का नाम अवश्य लिया जायेगा। कल्याण सिंह उस समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे और उन्हें मुद्दे पर अपनी सरकार कुर्बान करनी पडी थी। कल्याण सिंह बीते दिवस ही राजस्थान के राज्यपाल पद से मुक्त हुए हैं। वहां कलराज मिश्र उनके उत्तराधिकारी बने हैं। माना जा रहा है कि लंबे समय तक पार्टी के प्रमुख रणनीतिकार कल्याण ने आगे की भूमिका के लिए खुद को तैयार करना शुरू कर दिया है। अब वे अयोध्या में राम मंदिर निर्माण और 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में कल्याण सिंह एक बड़ी भूमिका में नजर आ सकते हैं। उनके द्वारा भाजपा की सदस्य ग्रहण करने को कई मायनों से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। कल्याण सिंह उत्तर प्रदेश में बहुतायत लोधा बिरादरी का प्रमुख चेहरा हैं और ये उनका ही दम था कि प्रदेश के ही नहीं, बल्कि देश भर के लोधा बिरादरी के लोगों को उन्होंने भाजपा के भगवा ध्वज के नीचे लाकर खडा कर दिया था। हालांकि उन्होंने स्पष्ट कहा है कि यूपी में मौजूदा समय में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कोई विकल्प नहीं है. साथ ही उन्होंने योगी सरकार को सहयोग करने का आश्वासन भी दिया है, लेकिन पार्टी का सदस्य बनने के बाद प्रदेश की राजनीति में थोडी उथल-पुथल से जानकार इंकार नहीं कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के 2 बार मुख्यमंत्री रहे कल्याण सिंह की कट्टर हिंदुत्ववादी नेता के रूप में पहचान रही है। उन्होंने भविष्य में कोई भी चुनाव लड़ने से स्पष्ट इंकार किया है।

यूपी में योगी आदित्यनाथ का कोई विकल्प नहीं

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह द्वारा सदस्य घोषित करने के बार प्रेस कॉन्फ्रेंस में कल्याण सिंह ने कहा कि सरकार के लिए सहयोग करता रहूंगा। यूपी में योगी आदित्यनाथ का कोई विकल्प नहीं है। राजस्थान के पूर्व राज्यपाल ने कहा कि मैं बीजेपी को मजबूत करने के लिए काम करता रहूंगा। उन्होंने कहा कि मैं आगे चुनाव नहीं लड़ूंगा। राजनीति में वापसी के बाद कल्याण सिंह ने कहा कि मैं बतौर राज्यपाल कुछ नहीं बोलता था, लेकिन हर रोज डेढ़ घंटा यूपी की जानकारी लेता रहता था। कल्याण सिंह ने 4 सितंबर 2014 को राजस्थान के राज्यपाल पद की शपथ ली थी। इस साल 3 सितंबर को उनका 5 साल का कार्यकाल पूरा हो गया था। कल्याण सिंह का जन्म 5 जनवरी 1932 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुआ था। उनके पिता का नाम तेजपाल सिंह लोधी राजपूत और माता का नाम सीता था। एक दौर में वह उत्तर प्रदेश में बीजेपी के चेहरा माने जाते थे और उनकी पहचान कट्टरपंथी हिंदुत्ववादी और प्रखर वक्ता की थी।

राम मंदिर मामले में सजा पाने वाले भी वे एकमात्र शख्स हैं कल्याण सिंह

जानकारों की मानें तो अयोध्या आंदोलन ने बीजेपी के कई नेताओं को देश की राजनीति में एक पहचान दी, लेकिन राम मंदिर के लिए सबसे बड़ी कुर्बानी नेता कल्याण सिंह ने दी थी। वे ऐसे इकलौते नेता थे, जिन्होंने 6 दिसंबर 1992 में अयोध्या में बाबरी विध्वंस के बाद अपनी सत्ता की बलि चढ़ा दी थी। इतना ही नहीं इस मामले में सजा पाने वाले भी वे एकमात्र शख्स हैं।

कल्याण सिंह 4 सितम्बर 2014 को नियुक्त हुए थे राजस्थान के राज्यपाल

कल्याण सिंह जून 1991 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे और बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद उन्होंने इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए 6दिसम्बर 1992 को मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया। इसके बाद वे बसपा के समर्थन से सितम्बर 1997 से नवम्बर 1999 तक पुनः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। 21 अक्टूबर 1997 को बसपा ने कल्याण सिंह सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद नरेश अग्रवाल लोकतांत्रिक कांग्रेस के 21 विधायकों के समर्थन से अपना कार्यकाल पूरा किया था। हालांकि बाद में उन्होंने 1999 को भाजपा छोड़ दी थी, लेकिन 2004 में उनकी घर वापिसी हो गयी थी। 2009 में एक बार फिर कल्याण सिंह का भाजपा से मनमुटाव हुआ, जल्द ही फिर वे भाजपा से जुड़ गये और 4 सितम्बर 2014 को उन्हें राजस्थान का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। जनवरी 2015 में हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल का अतिरिक्त कार्यभार भी उन्हें सौंपा गया था।

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