बर्थडे स्पेशल- दुःख सुख के साथी हैं सपा के समर्पित सिपहसालार राकेश शर्मा

बर्थडे स्पेशल- दुःख सुख के साथी हैं सपा के समर्पित सिपहसालार राकेश शर्मा

मुजफ्फरनगर। किसान परिवार में 10 अप्रैल को जन्में राकेश शर्मा ने छात्र राजनीति के रूप में शुरूआत की। छात्र राजनीति के दौरान से ही राकेश शर्मा के जीवन में काफी चुनौतियां आई लेकिन वह हमेशा चुनौतियों को डटकर मुकाबला करते रहे। सहारनपुर मंडल की सियासत में राकेश शर्मा अपनी एक जुदा पहचान रखते हैं। मुलायम सिंह यादव को आदर्श मानने वाले राकेश शर्मा समाजसेवा और पार्टी के प्रति समर्पित होकर कार्य करते रहे हैं। तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने राकेश शर्मा के कार्य को देखकर लखनऊ में मंच पर बुलाकर उन्हें शाबाशी दी थी। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की स्वीकृति से राकेश शर्मा को मुजफ्फरनगर महानगर की नगर पालिका परिषद मुजफ्फरनगर का प्रभारी नामित किया है। सपा नेता राकेश शर्मा को नगर पालिका परिषद मुजफ्फरनगर का प्रभारी बनाये जाने पर उनके प्रशंसकों में खुशी की लहर है। सपा नेता राकेश शर्मा के जन्मदिन पर पेश है खोजी न्यूज की स्पेशल स्टोरी...


बता दें कि राकेश शर्मा का जन्म 10 अप्रैल को किसान परिवार में हुआ था। राकेश शर्मा की सियासत की शुरूआत छात्र नेता के रूप में हुई। राकेश शर्मा कहते हैं कि गांव से पढ़ने आने वाले बच्चों को डिग्री कॉलेज में आने के बाद बहुत सारी समस्याएं आती थी, जिसके निराकरण के लिये उन्होंने शुरूआत की, जिसने धीरे-धीरे बाद में राजनीति का रूप ले लिया। राकेश शर्मा ने छात्र संघ के लिये वर्ष 1992 में जिलाधिकारी कार्यालय पर टैंट लगाकार धरना दिया और चार दिन तक वहीं भूख हड़ताल की। छात्र संघ के चुनाव की घोषणा हुई और वाइस चांसलर ने राकेश शर्मा को जूस पिलाकर उठाया। समाजवादी पार्टी के गठन के बाद राकेश शर्मा को मुलायम सिंह यादव ने यूथ का जिलाध्यक्ष बनाया। राकेश शर्मा समाजवादी युवजन सभा के सबसे पहले जिलाध्यक्ष थे। उसके बाद 20 साल सरकारी सेवा की। राकेश शर्मा ने वर्ष 2016 में वीआरएस लेकर बसपा से वर्ष 2017 में मुजफ्फरनगर की शहर विधानसभा सीट पर विधानसभा चुनाव लड़ा। इसके बाद फिर बसपा को छोड़कर सपा का दामन थाम लिया था। राकेश शर्मा कहते हैं कि चाहे वह किसी भी पार्टी में रहे हों, हमेशा उनके दिल में मुलायम सिंह यादव ही बसते हैं। वह कहते हैं कि वह बचपन से संघर्ष करते आ रहे हैं और जीवनभर ऐसे ही संघर्ष करते रहेंगे। मुलायम सिंह यादव को अपना आदर्श मानने वाले राकेश शर्मा ने सपा के जेल भरो आंदोलन से लेकर हर धरना प्रदर्शन और आंदोलन में हिस्सा लेकर सपा के सिपाही के रूप में कार्य किया।


मानवता को माना अपना धर्म

सपा नेता राकेश शर्मा के जब कोई घर जाता है तो उनका नौकर अगर घर पर नहीं है तो वह खुद ट्रे में पानी के गिलास खुद रखकर उनका स्वागत करते हैं। उसके बाद आंगुतक की परेशानी ज्ञात कर उसे दूर करने का हर संभव प्रयास करते हैं। लोगों को भी उनसे इतनी आशाएं हैं कि वह चाहे छोटी या बड़ी अपनी उस समस्या के समाधान के लिये सपा नेता राकेश शर्मा के पास ऐसे पहुंच जाते है जैसे वह उनके अत्यधिक नजदीकी हों। सपा नेता की यह एक खासियत ही कही जायेगी कि जिससे वह एक बार मिल लेते हैं उसका चेहरा वर्षों तक याद रखते हैं, भले ही एक मर्तबा उनसे मिले व्यक्ति का उन्हें नाम न पता हो। परंतु उसकी सूरत जरूर याद रखते हैं, जिसके चलते वर्षों बाद मिलने पर भी उस व्यक्ति को यह अहसास होता है कि सपा नेता राकेश शर्मा आज भी उस व्यक्ति को अच्छी तरह जानते हैं।


तत्कालीन सीएम मुलायम ने लखनऊ में थपथपाई पीठ

राकेश शर्मा ने युवा जोश के रूप में समाजवादी पार्टी ज्वाइन कर जब साईकिल पर सवार होकर सियासत की पटरी पर चलने का कार्य किया तो जनपद मुजफ्फरनगर से युवा नेता राकेश शर्मा ने पार्टी को ज्वाइन करते ही अपना दमखम दिखाना प्रारंभ कर दिया था। उन्होंने पूरे सूबे में हुए यूथ सम्मेलनों में जनपद मुज़फ्फरनगर में सबसे ज्यादा भीड़ एकत्रित करते हुए अपने जोश का लोहा मनवा दिया था। बाद में राजधानी लखनऊ में हुई मीटिंग में राकेश शर्मा की मुलायम सिंह यादव ने पीठ थपथपकार उनको शाबाशी दी और वहां मौजूद अन्य लोगों को राकेश शर्मा से प्रेरणा लेने के लिये कहा। माना जा सकता है एक पार्टी मुखिया अपने सिपहसालार से अन्य को प्रेरणा लेने के लिये यूं ही नहीं कहेगा। राकेश शर्मा ने सपा में रहते हुए नामुमकिन को मुमकिन कर दिखाया।


छात्रों की बुलंद आवाज के रूप में डटे रहे नेता ने खाई लाठियां

अक्सर देखा जाता है कि जब नेता आंदोलन या धरना देता है और पुलिस उन पर लाठीचार्ज कर देती है तो वह वहां से भाग जाते हैं और अपने धरने का समाप्त कर देते हैं या फिर वहां से भागकर दोबारा से धरना देते हैं। कुछ ही चुनिंदा नेता ऐसे होते है जो जनसेवा के लिये लाठियां खा लेते है और अपनी गिरफ्तारी देने से नहीं घबराते हैं। ऐसे ही नेताओं में राकेश शर्मा भी शामिल हैं। राकेश शर्मा की सियासत सीढ़ी पर छात्र राजनीति से ही चढ़े हैं। राकेश शर्मा छात्रों की समस्याओं के लिये छात्र नेता के रूप में हमेशा डटे रहे और कभी-भी उन उन्होंने घुटने नहीं टेके जब तक छात्रों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, चाहे फिर उन्हें पुलिस-प्रशासन की लाठियां ही क्यों ना खानी पड़ी हो। राकेश शर्मा ने समस्याओं के निराकरण के लिये कई बड़े आंदोलन किये और छात्रों मांगों को लेकर धरने पर बैठे राकेश शर्मा सफल भी हुए।


मुखिया की खातिर दोस्तों से भिड़ा सपा का सिपहसालार

मुलायम सिंह यादव जब चीफ मिनिस्टर थे। उसी दौरान मुज़फ्फरनगर में विपक्ष के लोगों ने उनका पुतला फूंकने का निर्णय लिया था। इसकी जानकारी राकेश शर्मा को मिलने पर वह पुतंला फूंकने की रणनीति बना रहे लोगों के बीच पहुंच गये और उन्हें जाकर समझाया। इस दौरान राकेश शर्मा की उन लोगों से काफी बहस हुई लेकिन राकेश शर्मा ने मुलायम सिंह यादव का पुतला कहीं नहीं फूंकने दिया था। हालाँकि पुतला फूंकने की रणनीति बनाने वालों में उनके खासमखास दोस्त भी शामिल थे और उनके दोस्त अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जिलाध्यक्ष और कार्यकर्ता थे। लेकिन समाजवादी पार्टी सिपहसालार राकेश शर्मा ने अपने पार्टी के पार्टी वफादारी दिखते हुए खासमखास दोस्तों संग भी झगड़ा कर लिया था लेकिन अपने मुखिया का पुतला फूंकने नहीं दिया था।


पब्लिक का प्रेम पाकर भावुक हुए राकेश- काबिलियत की मुख्य अतिथियों ने की तारीफ

19 सितम्बर 2021 को जीआईसी मैदान में ब्राहमण सम्मेलन किया गया था। इस सम्मेलन का नेतृत्व वरिष्ठ सपा नेता राकेश शर्मा कर रहे थे। राकेश शर्मा ब्राहमण सम्मेलन को कामयाब करने के लिये डेढ़ महीने से दिन-रात क्षेत्रों में जाकर लोगों से मुजफ्फरनगर के राजकीय इंटर कॉलेज के मैदान में पहुंचने का आह्वान कर रहे थे। यह राकेश शर्मा का व्यवहार ही था, जो भारी संख्या में पब्लिक को सम्मलेन में खींच लाया था। इस नेता की खास बात यह है कि एक बार मिले व्यक्ति को दूर से ही पहचान लेता है और सम्मान के साथ पुकारता है। जब मंच पर आये राकेश शर्मा ने सम्मेलन में हिस्सा लेने आई भीड़ की और देखा तो वह भावुक हो गये। सम्मलेन में उमड़ी भीड़ को देखने के पश्चात राकेश शर्मा की काबिलियत की मुख्य अतिथियों ने भी जमकर तारीफ की।


जब कोरोना मरीज के लिये बने संकटमोचक

सपा नेता राकेश शर्मा को जब बाबू जब्बार कुरैशी के कोविड-19 पीड़ित होने की जानकारी मिली तो वे उसे कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए अस्पताल लेकर पहुंचे। शहर के देवेंद्र सैनी के हॉस्पिटल में पहुंचकर सपा नेता राकेश शर्मा ने बाबू जब्बार कुरैशी को उपचार देने के संबंध में चिकित्सकों के साथ बातचीत की और उन्हें उपचार के लिये भर्ती कराया। अस्पताल में भर्ती कराते समय बाबू अब्दुल जब्बार कुरैशी का ऑक्सीजन लेविल काफी कम था। अस्पताल में बेड की कमी थी। लेकिन सपा नेता राकेश शर्मा द्वारा किये गये सदप्रयासों से कोरोना पीडित मरीज को बेड भी उपलब्ध हो गया और चिकित्सकों ने जब्बार कुरैशी का उपचार भी शुरू कर दिया। कोरोना संक्रमण दौरान कई मामले ऐसे देखे जा रहे थे कि कोविड-19 की बीमारी की चपेट में आकर मरे व्यक्ति को अपने घर के लोग भी कंधा देने का साहस नहीं जुटा पाए। ऐसे हालातों के बीच सपा नेता राकेश शर्मा के अपने एक कार्यकर्ता के साथ खड़े होने को लोग मानवता भरा कदम बताते हुए सपा नेता राकेश शर्मा द्वारा किये गये सदप्रयासों की जमकर सराहना की थी।



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