कैराना के खौफ फुरकान को सताया योगी का डर-कर दिया सरेंडर

कैराना के खौफ फुरकान को सताया योगी का डर-कर दिया सरेंडर

शामली। जनपदभर में कैराना के खौफ के नाम से विख्यात बदमाश को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इतना डर पैदा हुआ कि वह सीएम के दौरे के अगले दिन बाद ही अपनी जमानत तुडवाकर जेल चला गया है। कैराना के खौफ के नाम से विख्यात बदमाश के सरेंडर कर जेल चले जाने से पुलिस को भी राहत की सास प्राप्त हुई है।

दरअसल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को जनपद शामली का दौरा करते हुए कैराना में आयोजित की गई जनसभा में करोड़ों रुपए की परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया था। इस दौरान उन्होंने कहा था कि बदमाशों को किसी भी सूरत में जेल से बाहर नहीं रहने दिया जाएगा। साढे 4 साल पहले हमने सत्ता संभालने के उत्तर प्रदेश में ऐसा माहौल बना दिया है, जिससे अपराधी अब सिर उठाकर चलने के लायक भी नहीं रह गए हैं। उन्होंने कहा था कि जिसने भी व्यापारियों अथवा निर्दाेष लोगों पर गोली चलाई, उसकी छाती में गोली मारकर हमने उसे दूसरे लोग की यात्रा करा दी है। उन्होंने यह भी आगाह किया था कि उत्तर प्रदेश में यदि किसी ने भी दंगा किया तो उनकी आने वाली पीढ़ियां दंगे के इस परिणाम को भुगतेंगी। मुख्यमंत्री के कैराना दौरे का यह असर रहा है कि उनके दौरे के एक दिन बाद ही कैराना के खौफ के नाम से इलाके में विख्यात बदमाश फुरकान ने एक मामले में अपनी जमानत तुड़वाते हुए कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। जहां से उसे जेल भेज दिया गया है। गौरतलब है कि वर्ष 2014 के अगस्त माह में कैराना में कारोबारी विनोद सिंघल की सरे बाजार दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी। कारोबारी की हत्या किए जाने का आरोप कैराना निवासी फुरकान के ऊपर लगा था। बताया जा रहा है कि कैराना के खौफ के नाम से विख्यात बदमाश फुरकान के ऊपर लूट, हत्या और रंगदारी के तकरीबन डेढ़ दर्जन से भी अधिक मुकदमे दर्ज हैं। कारोबारी की हत्या के बाद फरारी काट रहे फुरकान को कैराना का खौफ कहा जाने लगा था। कुछ समय बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार करते हुए जेल भेज दिया था। लेकिन जेल जाने के बाद वह जमानत पर छूटते हुए बाहर आ गया था। बाहर निकलते ही फुरकान ने दोबारा से कारोबारियों से रंगदारी मांगकर अपनी दहशत फैला दी थी। उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद शामली में हुए पहले एनकाउंटर में कैराना का खौफ कहे जाने वाला फुरकान पुलिस की गोलियों की चपेट में आकर घायल हो गया था। यह मुठभेड़ तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अजय पाल शर्मा की अगुवाई में हुई थी। इस मुठभेड़ में 2 पुलिसकर्मी भी घायल हो गए थे।



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