IPS आकाश- अमेरिका से वापस लौटे देश- पास की सिविल सर्विसेज की परीक्षा

IPS आकाश- अमेरिका से वापस लौटे देश- पास की सिविल सर्विसेज की परीक्षा

प्रतापगढ़। आईपीएस अधिकारी ने दुनिया के मशहूर देश अमेरिका में अच्छी खासी एवं सम्मानजनक नौकरी को छोड़कर अपने पापा के सपने की मंजिल को पाने के लिये इंडिया लौट आये थे। उनके पापा द्वारा देखे गये सपने का ही जज्बा था उनके अंदर उन्होंने देश की बड़ी सर्विस को पहले प्रयास में ही पा लिया था और 138वीं रैंक हासिल की थी। इतना ही नहीं बल्कि इस आईपीएस अधिकारी की गिनती तेजतर्रार और ईमानदारी आईपीएस अधिकारियों में होती है। जनपद गाजियाबाद में एसपी सिटी के रूप में उन्होंने एक पहल की, जिसकी सूबे केे पुलिस महानिदेशक द्वारा सराहना कर पूरे प्रदेश में उसको लागू कर दिया गया था। इसी जिले में कांवड के दौरान आईपीएस अधिकारी ने शिवभक्त बनकर बाईक पर शहर में कांवड मार्ग का जायजा लेने के लिये सड़कों पर निकल गये थे। उन्होंने अपने साथ-साथ कुछ पुलिसकर्मियों को भी शिवभक्त बनकर जायजा लेने के बाद सूचना देने के लिये कहा था। आईपीएस अधिकारी ने जगह-जगह रूककर आराम कर रहे कांवडियों से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कांवड़ियों को खुद खाना और फल वितरित किये थे। जब जनता को आईपीएस अधिकारी द्वारा किये गये कार्य का पता चला, तो वहां की पब्लिक ने उनकी वाहवाही की थी। जनपद इटावा में उन्होंने एसएसपी रहते कई पहल की और वहां की जनता के दिलों पर राज किया। उन्होंने यूपीएससी की तैयारी कर रहे युवाओं के लिये उन्होंने अपने नोट्स दिये थे और मार्गदर्शन देने के लिये भी आगे आये। इसी जनपद में जब एक छात्र ट्वीटर के माध्यम से उनसे मदद मांगी तो उन्होंने उसकी तुरंत मदद कर दी थी। आईपीएस अधिकारी ने अपराधी को गोपनीय सूचना पहुंचाने वाले दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था। आईपीएस अधिकारी लोगों की समस्याओं का निस्तारण करने के लिये यूपी के 75 जिलों में से दो बार अव्वल रहे। अब आईपीएस अधिकारी जनपद प्रतापगढ़ में कप्तान के रूप में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने यहाँ एक्टिव पुलिसिंग कर दिखाई है। जी हां हम बात कर रहे हैं साल 2013 बैच के युवा तेजतर्रार आईपीएस एवं प्रतापगढ़ के पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर की। आईपीएस तोमर की कार्यशैली पर पेश है खोजी न्यूज की खास रपट...


आकाश तोमर का जन्म उत्तर प्रदेश के जनपद बुलंदशहर में 1 जनवरी 1989 को हुआ था। उनके पिता का नाम सत्यपाल सिंह तोमर है, जो एक काॅलेज में प्रधानाध्यपक रह चुके हैं। उन्होंने वीरेन्द्र स्वरूप स्कूल कानपुर से जूनियर तक की शिक्षा ग्रहण करने के पश्चात आकाश तोमर ने अनूपशहर के जेपी विद्या मंदिर से हाईस्कूल की परीक्षा को उत्तीर्ण करते हुए 92 प्रतिशत अंक हासिल किये थे। इंटर की पढ़ाई गंगा इंटरनेशनल स्कूल दिल्ली से हुई और उन्होंने इंटर में 90 प्रतिशत अंक प्राप्त किये थे। उनका चयन आईआईटी रूड़की में हुआ परन्तु इन्होंने इलाहाबाद से बीटेक किया। बीटेक करने के पश्चात एक अमेरिका कंपनी में नौकरी मिल गई थी। मशहूर देश अमेरिका में जाॅब मिलने के पश्चात भी वह अपने आपको इस जॉब से संतुष्टि नहीं दे पा रहे थे क्योंकि उनके पापा का सपना था कि वह सिविल सर्विसेज़ में जाकर लोगों की सेवा कर सकें। उनका ध्यान पापा के सपने का साकार करने पर केन्द्रित रहा, जिसके चलते उन्होंने विदेश में मिली अच्छीखासी एवं सम्मानजनक नौकरी त्यागी और वापसी के लिये अपने वतन की राह पकड़ ली। भारत लौटकर उन्होंने अपने पापा के सपने को पूरा करने के लिये सिविल सर्विसेज़ की परीक्षा देने के लिये तैयारी में जुट गये थे। आकाश तोमर ने वर्ष 2013 में पहले प्रयास में ही सिविल सर्विसेज की परीक्षा का पास कर 138वीं रैंक हासिल की और अपने पापा के सपने को साकार किया। आईपीएस आकाश तोमर का विवाह भिवानी हरियाणा निवासी डाॅ. बबीता के साथ हुआ। उनकी पत्नी डाॅ. बबीता दिल्ली के कलावती अस्पताल में डाॅक्टर है। आईपीएस आकाश तोमर एसपी सिटी गाजियाबाद के बाद संतकबीरनगर, बाराबंकी, इटावा में कप्तान रहे चुके हैं। अब आईपीएस आकश तोमर जनपद प्रतापगढ़ में एसपी के पद पर कार्यरत है। शासन ने उनको जनपद प्रतापगढ़ में 25 मार्च 2021 को तैनात किया।


आईपीएस आकाश तोमर ने अपराधों पर अकुंश लगाने के उद्देश्य से बनाई गई योजनाओं को प्रदेश के पुलिस महानिदेशक द्वारा सराहना की थी। आईपीएस आकाश तोमर ने सिटिजन वालंटियर फोर्स का गठन किया था।, जिसके अंदर उन्होंने संभ्रांत लोगों को जोड़ते हुए एक व्हाट्एप ग्रुप तैयार किया था। उनके द्वारा किया गया यह वर्क अपने-अपने इलाकों की सूचना देने में काफी सफल रहा था। इस ग्रुप के द्वारा मिली सूचनाओं के आधार पर पुलिस कई बड़ी वारदातों को बेनकाब करने का कार्य किया था। इसलिये इसे सफल मानते हुए फिर डिजिटल वालंटियर फोर्स का गठन किया गया था। उनकी इस पहल को पूरे सूबे में पुलिस महानिदेशक द्वारा लागू कर दिया गया था। इसके तहत उन्होंने स्थानीय पार्षद, शिक्षक, पत्रकार, सामाजिक संगठन, प्रधानाचार्य के अतिरिक्त धार्मिक स्थलों के प्रमुख डाॅक्टर और एडवोकेट भी जोड़ा गया था। इस ग्रुप के द्वारा किसी भी अफवाह के फैलने पर सोशल मीडिया पर सच्चाई से लोगों को अवगत कराते हुए फैलने वाली अफवाहों का खंडन किया जा सके। इसकी शुरूआत आईपीएस आकाश तोमर द्वारा इसलिये की गई क्योंकि इस दौर में सोशल मीडिया पर काफी अफवाह ऐसी फैला दी जाती है, जिनकी वजह से माहौल बिगड़ सकता है।


आईपीएस आकाश तोमर ने इटावा एसएसपी रहते हुए एक पहल की। उनके नोट्स 2012 के हैं। आईपीएस आकाश तोमर ने अपने ट्विटर हैंडल पर कहा कि अगर किसी को इस बारे में जानकारी प्राप्त करना है कि सिविल सेवाओं की तैयारी के लिए नोट कैसे बनाया जाए। कृपया अपना ईमेल आईडी पोस्ट करें। मैं आपको अपने नोट्स मेल कर दूंगा। आईपीएस आकाश तोमर की इस पोस्ट पर लोगों ने काफी कमेंट की। ट्वीट करने के 24 घंटे में ही उन्हें करीब 3500 अनुरोध मिले। जो संभव नहीं है। इसलिये उन्होंने अपने खाते पर नोट्स के पीडीएफ प्रारूप में कई लिंक पोस्ट करने का फैसला किया था। उन्होंने यह भी कहा था कि वह संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा की तैयारी में लगे उम्मीदवारों को आवश्यकता पड़ने पर मार्गदर्शन के लिये वह तैयार हैं। आईपीएस आकाश तोमर ने अधिक मेल आने के पश्चात अपने नोट्स मेल की बजाय पीडीएफ बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिये थे।


आईपीएस आकाश तोमर अपनी विशिष्ट कार्यशैली के लिए पहचाने जाते हैं। उन्होंने इटावा एसएसपी रहते हुए अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए कई नए अभियान चलाये, जिससे कि खाकी को कामयाबी मिली है। उनकी कार्यशैली का ही यह परिणाम है कि जनता और खाकी के बीच संबंध मधुर हो रहे हैं और क्राईम का ग्राफ नीचे की ओर तेजी से गिर रहा है। कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने में आईपीएस आकाश तोमर ने अपनी अहम भूमिका निभाई। वहीं आईजीआरएस पोर्टल पर आ रही शिकायतों का निस्तारण करने में भी इटावा पुलिस तत्कालीन एसएसपी आकाश तोमर के निर्देशन में त्वरित गति से कार्यवाही की। खाकी द्वारा त्वरित गति से शिकायतों के मामले में प्रभावी कार्रवाई करते हुए उनका निस्तारण करने पर इटावा पुलिस को लगातार दूसरी बार प्रथम स्थान दिया गया। लगातार दूसरी बार प्रथम स्थान पर रहने से पुलिस कर्मियों का उत्साहवर्धन हुआ और इटावा पुलिस की अफसरों द्वारा भी वाहवाही की गई। वहीं एसएसपी आकाश तोमर ने इस सफलता को प्राप्त करने के बाद आईजीआरएस कार्यालय में तैनात निरीक्षक गज्जूराम वर्मा, सिपाही सतीश कुमार को प्रशस्ति पत्र दिया था।


आईपीएस आकाश तोमर जनपद इटावा में पोस्टिंग के दौरान पुलिसिंग और अपने व्यक्तित्व का बेमिसाल उदाहरण पेश किया था। आईपीएस आकाश तोमर को इटावा के ग्राम हरिहरपुर निवासी दीपेन्द्र ने ट्वीट किया। दीपेन्द्र ने बताया कि सर मैं शाम के समय बाईक पर पढ़ाई करके वापिस आ रहा था। इसी दौरान मुझे पुलिस कर्मियों ने रोक लिया। बाईक की नम्बर प्लेट से नम्बर हट गया था, जिस कारण मुझ पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया था। दीपेन्द्र ने ट्वीटर पर अपनी गलती तो स्वीकार की ही, साथ ही आईपीएस आकाश तोमर से कहा कि सर मैं विद्यार्थी हूं। घर की स्थिति बहुत ज्यादा अच्छी नहीं है। मैं चालान की भारी-भरकम रकम भरने में असमर्थ हूं। कृपया सर आप मेरी मदद कीजिये। आप बहुत लोगों की मदद करते हैं, ऐसा मैंने सिर्फ सुना ही नहीं, वरन देखा भी है। मेरी भी हैल्प कीजिये सर, आपकी दया होगी। आईपीएस आकाश तोमर ने जब उक्त ट्वीट को पढ़ा, तो उन्होंने सभी के लिए एक अनूठा उदाहरण पेश किया। उन्होंने जो किया, उससे न सिर्फ दीपेन्द्र की मदद हुई, वरन वह कार्य अन्य के लिए भी प्रेरणा बन गया। आईपीएसआकाश तोमर ने दीपेन्द्र को ट्वीट किया आपको चालान कैंसिल हो गया। शुभकामनाएं। जब उनके ट्वीटर एकाउंट पर लोगों को चालान कैंसिल होने की जानकारी मिली, तो लोग तारीफ कर उठे। सभी ने आईपीएस एसएसपी आकाश तोमर की कार्यप्रणाली की सराहना की। इस सराहनीय कार्य को देखकर नागरिकों ने कहा था कि अफसर होने के साथ-साथ एक अच्छे इंसान के गुण होना भी बहुत जरूरी है। शिक्षा के साथ संस्कार बहुत मायने रखते हैं, जैसे कि आकाश तोमर। ऐसे अफसर पर गर्व करना चाहिए।


जब आईपीएस आकाश तोमर इटावा के एसएसपी के रूप में कमान संभाल रहे थे। इसी बीच प्रभारी निरीक्षक बचन सिंह सिरोही की प्रेषित रिपोर्ट की प्रथम दृष्टया जांच के बाद थाना कोतवाली क्षेत्र के हिस्ट्रीशीटर अनीश उर्फ पाशू से निरन्तर सम्पर्क में रहते हुए उसके विरूद्व कोई भी निरोधात्मक कार्रवाई न करने एवं थाना पुलिस संबधी सभी गोपनीय सूचनाएं हिस्ट्रीशीटर को फोन के माध्यम से उपलब्ध कराने पर नया शहर चैकी प्रभारी जितेन्द्र कुमार तथा पुलिस आरक्षी बबलू अली को तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया गया था। उन्होंने विभाग के सभी अधिकारी और कर्मचारियों को अनुशासन में रहकर अपने-अपने कार्य सम्पादित करने के लिए निर्देशित किया। उन्होंने अल्टीमेटम देते हुए कहा था कि ऐसा न करने वालों के विरूद्व नियमानुसार कठोर दण्डात्मक कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है इस अपराधी पर 18 से अधिक मामले दर्ज हैं और इलाहबाद उच्च न्यायालय से हत्या के एक मामले में उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी, लेकिन फिलहाल पैरोल पर यह अपराधी सफेद पोस बन कर अपराध करने में जुटा था।


अब आईपीएस आकाश तोमर प्रतापगढ़ में कप्तान के रूप में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने यहां भी अपराध पर अंकुश लगाने के लिये कई प्रयास किये। बता दें कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के द्वितीय चरण में जनपद प्रतापगढ़ में मतदान हुआ था। मतदान के दौरान विभिन्न थाना क्षेत्रों में कुछ अराजक तत्वों द्वारा मारपीट तोड़फोड़ और लूटपाट कर मतदान प्रक्रिया को बाधित किया था। इस संबंध में संबंधित थानों पर इन अराजक तत्वों के विरूद्ध सुसंगत धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया था। एसपी आकाश तोमर के आदेशानुसार जनपद पुलिस द्वारा उक्त घटनाओं से संबंधित अपराधियों की गिरफ्तारी के लिये लगाातर अभियान चलाया। अभियान के क्रम में विभिन्न थानाक्षेत्रों से 225 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया था। थानावार गिरफ्तार अपराधियों का विवरणः- थाना पट्टी पुलिस ने 8 अपराधियों, थाना कन्धई पुलिस नेे 4 अपराधियों, थाना संग्रामगढ़ पुलिस ने 20 अपराधियों, थाना नवाबगंज पुलिस ने 25 अपराधियों, थाना बाघराय ने 17 अपराधियों, थाना हथिगवां पुलिस ने 26 अपराधियों, थाना सांगीपुर पुलिस ने 8 अपराधियों, थाना अंत पुलिस ने 4 अपराधियों, थाना आसपुर देवसरा पुलिस ने 2 अपराधियों, थाना मांधाता पुलिस ने 65 अपराधियों, थाना रानीग पुलिस ने 7 अपराध्यिों, थाना लालगंज पुलिस ने 13 अपराधियों, थाना कुण्डा पुलिस ने 53 अपराधियों, थाना मानिकपुर पुलिस ने दो अपराधियों, थाना जेठवारा पुलिस ने 24 अपराधियों, थाना महेशगंज पुलिस ने 7 अपराधियों के गिरफ्तार किया गया था।



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