अर्चना वर्मा ने यूपीएससी की परीक्षा में 73वीं रैंक लाकर रच दिया था इतिहास

अर्चना वर्मा ने यूपीएससी की परीक्षा में 73वीं रैंक लाकर रच दिया था इतिहास
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‌मुजफ्फरनगर प्रतिभाओं के मामले में बस्ती की माटी धनी है। इसका प्रमाण है, जिले की तीन प्रतिभाओं का यूपीएससी की सिविल सर्विसेज परीक्षा में एक साथ चयनित होना। यहां के निवासी रजत सेन का आईपीएस में, बनकटी ब्लाॅक के बखरिया निवासी कलरव मिश्र का सिविल सर्विसेज में और कप्तानगंज ब्लाॅक के नकटीदेई गांव निवासी दौलत राम वर्मा की पुत्री अर्चना वर्मा का एक साथ यूपीएससी की परीक्षा पास करके चयनित होने की खबर से जिले की माटी गौरवान्वित हो उठी थी।


कामयाबी की एक इबारत लिखी





दूसरे प्रयास में भारतीय प्रशासनिक सेवा की परीक्षा में 73वीं रैंक हासिल कर अर्चना वर्मा ने आईएएस के लिए चयनित होकर जनपद अपनी जन्मभूमि के लिए कामयाबी की एक इबारत लिख दी थी। सिविल सेवा में चयनित होने की सूचना के बाद उनकी सफलता पर पूरे गांव में जश्न का माहौल बन गया था।


यूपीएससी की सिविल सर्विसेज परीक्षा में 73वां स्थान हासिल किया


अर्चना वर्मा के पिता दौलतराम वर्मा लखनऊ में डाक सहायक के पद पर कार्यरत रहे हैं। अर्चना वर्मा द्वारा यूपीएससी की सिविल सर्विसेज परीक्षा में 73वां स्थान हासिल कर इतिहास रचने के बाद 15 जून 2014 को उनके पैतृक गांव में शानदार जश्न मनाया गया था।


कमला नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्नालाॅजी सुल्तानपुर से इंजीनियरिंग की


2014 बैच की आईएएस अधिकारी अर्चना वर्मा ने प्रारम्भिक शिक्षा लखनऊ के पायनियर मान्टेसरी इण्टर काॅलेज में ग्रहण की थी, इसके बाद कमला नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्नालाॅजी सुल्तानपुर से इंजीनियरिंग किया और उ.प्र. राज्य विद्युत उत्पादन निगम लि. में असिस्टेंट इंजीनियर के पद पर तैनात हो गयी। वर्ष 2013 में उन्होंने आईएएस की परीक्षा दी और उनका सलेक्शन हो गया। सितम्बर 2014 में अर्चना वर्मा की ट्रेनिंग शुरू हुई और ट्रेनिंग के बाद उनकी पहली पोस्टिंग बाराबंकी में रामसनेही घाट के एसडीएम/ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के पद पर हुई। 24 मई 2016 को उनको ज्वाइंट मजिस्ट्रेट बाराबंकी नियुक्त किया गया। इसके बाद अर्चना वर्मा का तबादला गोंडा जिले की करनैलगंज तहसील में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के पद पर किया गया।




स्वच्छता के प्रति जागरूक


यहां जून 2017 में आईएएस अर्चना वर्मा ने लापरवाह कर्मचारियों को प्रेरणा देने के लिए खुद अपने हाथों में झाडू उठा ली थी और 9 जून को कार्यालय में खुद सफाई करनी प्रारम्भ कर दी थी। एक आईएएस अफसर का यह अंदाज देखकर कर्मचारियों को पसीना छूट गया था। उस दिन से उन्होंने तय किया कि वो खुद ही अपने कार्यालय की प्रतिदिन सफाई करेंगी। उनका तेजतर्रार व्यवहार देखकर कर्मचारी ड्यूटी के प्रति सजग हो गये थे। इसके बाद उनको गोंडा की ही सदर तहसील में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/एसडीएम बनाया गया था। इसके बाद मार्च 2018 में उनका तबादला यहां मुजफ्फरनगर में सीडीओ के पद पर कर दिया गया।


बाबा महादेव चौधरी उनके प्रेरणास्रोत


अर्चना वर्मा की शादी बिहार के मूल निवासी विपिन कुमार के साथ हुई है। उनके पति विपिन कुमार भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी हैं। वो टाटा स्टील जमशेदपुर में कार्यरत रहने के बाद अब असिस्टेंट कमिश्नर मेरठ के पद पर कार्यरत हैं। अर्चना वर्मा की मानें तो उनके बाबा महादेव चौधरी उनके प्रेरणास्रोत हैं, वे निरंतर उन्हें आईएएस बनने के लिए प्रेरित करते रहते थे। आईएएस अधिकारी अर्चना वर्मा का मानना है कि सफलता के लिए विषय चयन के साथ ही व्यावहारिक दक्षता और निरंतर संवाद आवश्यक है। केवल किताबी ज्ञान से सफलता अर्जित नहीं की जा सकती। अर्चना प्रशासनिक सेवा के जरिए देश के विकास में अपना श्रेष्ठतम योगदान देना चाहती हैं। उनका स्पष्ट कहना है कि चुनौतियों के बीच से ही सृजन का मार्ग प्रशस्त होता है।2014 बैच की आईएएस अफसर अर्चना वर्मा की गिनती तेजतर्रार और इमानदार, लेकिन सख्त अफसर की रूप में की जाने लगी है। अर्चना वर्मा का कहना है कि हमेशा उनकी कोशिश यही रहेगी कि वे लोगाें को उनका हक दिला सकें और अपने काम के साथ पूरा-पूरा न्याय कर सकें।

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