संडे स्पेशल - अजय का अपराधियों पर रहता है अटैक - अब हरदोई वालों की बारी

संडे स्पेशल - अजय का अपराधियों पर रहता है अटैक - अब हरदोई वालों की बारी

लखनऊ। साल 2011 बैच के तेजतर्रार आईपीएस अफसर अजय कुमार कई जनपदों में 'एक्टिव पुलिसिंग' कर गुड बेटिंग की हैं। आईपीएस अजय कुमार फिरोजाबाद, बरेली, शामली, मैनपुरी के बाद फिर शासन ने दोबारा उनको जनपद फिरोजाबाद में तैनात किया था। शासन ने फिरोजाबाद से उनका तबादला कर हरदोई कप्तान का दायित्व उन्हें सौंपा है। आईपीएस अजय कुमार द्वारा जनपद फिरोजाबाद में तैनाती के दौरान यूं तो काफी गुडवर्क किये गये हैं। खोजी न्यूज उनके द्वारा किये गये कुछ गुडवर्को से आपको रूबरू कराती है। पुलिस ने हाईक्वालिटी का ट्रक से लगभग 5 करोड़ रूपये का गांजा बरामद किया था। नकली नोट छापने के अड्डे पर छापामारी कर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में बड़ी मात्रा में नकली नोट छापकर खपाने वालों के मंसूबों पर पुलिस ने पानी फेर दिया था। वारदात का खुलासा करते हुए दो लापता बच्चों को बरामद किया था व कातिल चाचा को कारागार की सींखचों के पीछे डाल दिया था। ऐसे ही 6 घंटे में दो बच्चों को सकुशल बरामद कर उनके माता-पिता से मिलवाया था। इस वर्क के लिये परिजनों ने तत्कालीन एसएसपी अजय कुमार का धन्यवाद अदा किया था। 30 वर्षीय नीरज कुमार द्वारा एक 10 वर्षीय बालिका के साथ दुराचार करने पर पुलिस ने 48 घंटे के अंदर जेल भेजा और इस मामले में मात्र 3 माह के भीतर ही दुराचार का शिकार हुई बालिका को न्याय दिलाया गया था। तत्कालीन एसएसपी अजय कुमार की पुलिस ने जाबांज कर्रावाई करते हुए अपह्त किसान को बरामद किया था, जिससे 10 लाख की रंगदारी मांगी गई थी। उन्होंने आरोपी पुलिसकर्मियों पर सट्टा माफिया, चरस माफिया और बदमाशों की साठगांठ के आरोप में पूर्व एसओजी प्रभारी समेत चार पुलिसकर्मियों को निलम्बित कर दिया था। आईपीएस अफसर अजय कुमार के रहते हुए जनपद में कोई भी अपराध करता है, चाहे वह पुलिसकर्मी हो या बदमाश, वह उनके चंगुल से बच नहीं पाता है। जनपद फिरोजाबाद में भी उन्होंने कई उपलब्धियां हासिल की। आईपीएस अजय कुमार को बेहतरीन पुलिसिंग के लिये शासन द्वारा गणतंत्र दिवस के अवसर पर डीजीपी का प्रशंसा चिह्न मिला था। इतना ही नहीं बल्कि जनपद फिरोजाबाद पुलिस को प्रदेश में अव्वल पर पहुँचाने का काम भी किया। आईपीएस अजय कुमार कुमार की जनपद फिरोजाबाद की दूसरी पोस्टिंग के कार्यकाल पर पेश ही खोजी न्यूज की खास रपट...


तत्कालीन एसएसपी अजय कुमार के नेतृत्व में थाना एका एवं स्पेशल टास्क स्क्वायड ने संयुक्तरूप से मुखबिर की सूचना पर चेकिंग अभियान चलाते हुए सामने से आ रहे टाटा ट्रक को रुकने का इशारा किया, तो चालक ने ट्रक को रोकने के बजाय उनकी स्पीड बढ़ा दी और वहां से भागने लगा। पुलिस और स्पेशल टाॅस्क स्क्वाॅयड ने काफी दूर तक पीछा करते हुए घेराबंदी कर ट्रक को रुकवा लिया। ट्रक की जब तलाशी ली गई तो उसके भीतर से 16 क्विंटल हाई क्वालिटी गांजा बरामद हुआ था। पुलिस ने इस सिलसिले में हाथरस निवासी कुख्यात अपराधी और गैंग लीडर नेपाल लोधी, जनपद एटा निवासी प्रेमपाल लोधी तथा जनपद फिरोजाबाद निवासी विनय लोधी को गिरफ्तार कर लिया था। उन्होंने बताया गिरफ्तार किए गए तस्करों से मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस द्वारा बरामद किया गया गांजा उड़ीसा राज्य के गजपति जिले से तस्करी कर आपूर्ति के लिए पंजाब के लुधियाना ले जाया जा रहा था। गिरफ्तार किए गए तीनों तस्कर अंतर्राज्यीय गिरोह का संचालन कर मादक पदार्थों की तस्करी करते थे। आसपास के जनपदों में इन्होंने एक बड़ा रैकेट खड़ा कर रखा था, जिसके चलते मादक पदार्थों की आपूर्ति की जाती थी। पुलिस द्वारा बरामद किए गए हाई क्वालिटी गांजे की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 5 करोड़ से भी ज्यादा है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने गांजे की तस्करी में प्रयोग किए जा रहे टाटा ट्रक को भी अपने कब्जे में ले लिया था।


तत्कालीन एसएसपी अजय कुमार के नेतृत्व में शिकोहाबाद पुलिस ने नकली नोट छापने के अड्डे पर छापामारी कर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में बड़ी मात्रा में नकली नोट छापकर खपाने वालों के मंसूबों पर पानी फेर दिया था। इन नोटों को प्रयोग पंचायत चुनाव में सर्वाधिक खर्चा वोट खरीदने और ग्रामीण अंचल में प्रतिबंधित शराब मंगाने में प्रयोग किया जाना था लेकिन पुलिस ने कार्रवाई से उनके सपने धरे रह गये थे। जनपद में पंचायत चुनावों को प्रभावित करने के उद्देश्य से नकली नोट छापने वाले शातिर तजेन्द्र उर्फ काका को पश्चिमी दिल्ली से बुलाया गया था। नगर के आवास विकास काॅलोनी में तजेन्द्र ने संतोष के मकान को किराये पर लेकर उसमें नकली नोट छापने का पूरा कारखाना तैयार किया था। दिन-रात नोटों की छपाई प्रारंभ हो गई थी और उसके खपाने के लिये लड़के भी तैयार कर लिये गये थे। तजेन्द्र को सौ करोड़ रुपये छापने का ऑर्डर मिला था, जिससे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में इनको खपाया जा सके। त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में रुपयों की प्रत्याशियों को भारी मांग रहती है। ऐसे में इन्हें ब्याज पर रुपये देने वाले भी सक्रिय हो जाते हैं। पंचायत चुनाव में फेक करेंसी को खपा कर करोड़ों में खेलने का सपना संजोया था। तजेंद्र ने अपने साथियों के साथ एक माह में करीब साढ़े तीन लाख से अधिक की करेंसी छाप दी। इसमें से पुलिस ने एक लाख 92 हजार रुपये के जाली नोट बरामद कर लिए हैं। शेष बचे सौ के नोट की जाली करेंसी बाजार में चल रही है। तत्कालीन एसएसपी अजय कुमार पांडेय ने बताया कि इस करेंसी का प्रयोग पंचायत चुनाव में किया जाना था। उन्होंने बताया कि नोट छापने के लिए पदम जी पेपर का प्रयोग किया जाता था। तार के लिए गिफ्ट पेपर का प्रयोग होता था। तेजेंद्र ने वर्ष 2000 में अपराध जगत में प्रवेश करने के साथ ही पहली बार जेल गया था। जेल से रिहा होने के बाद उसने नकली नोट छापने का काम शुरू कर दिया था। 2006 में थाना कमला मार्केट व वर्ष 2012 में दिल्ली के विजय विहार थाना क्षेत्र से जेल गया था। वर्ष 2017 में पुलिस ने नकली नोट छापने के आरोप में उसे जेल भेजा था। जेल से आने के बाद फिर से नकली नोट छापने का काम शुरू कर दिया था।


फिरोजाबाद के थाना जसराना के ग्राम खुशियारी निवासी मीना देवी पत्नी बच्चू सिंह ने 15 दिसम्बर को थाने पर तहरीर देते हुए पुलिस को बताया कि उसके तीन बच्चे (15 वर्षीय पुत्री व दो पुत्र उम्र क्रमशः 11 व 9 वर्ष) लापता हो गये हैं। पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज करते हुए कार्रवाई शुरू कर दी थी। इस मामले में तत्कालीन एसएसपी अजय कुमार ने पुलिस अधीक्षक ग्रामीण के नेतृत्व में एसओजी व जसराना पुलिस की संयुक्त टीम गठित करते हुए जल्द से जल्द लापता बच्चों की तलाश करने के आदेश दिये थे। पुलिस ने जब मामले की गहनता से जांच की, तो पता चला कि मीना देवी के सगे देवर अमर शर्मा उर्फ समरवीर पुत्र रमेश चंद शर्मा निवासी स्वरूपनगर लाईनपार थाना टूंडला जनपद फिरोजाबाद को एक गाड़ी में तीनों बच्चों के साथ गांव से बाहर जाते हुए देखा गया। पुलिस ने सर्विलांस की मदद से अमर शर्मा की लोकेशन पता की और स्टेशन रोड टूंडला से उसे हिरासत में ले लिया। पुलिस ने उसकी निशानदेही पर दो बच्चों को सकुशल बरामद किया। तीसरे बच्चे जिसकी उम्र 11 वर्ष थी, के संबंध में आरोपी ने बताया था कि उसने उसकी हत्या कर शव को अपने ही घर की सीवर लाईन के लिए बनाये गये गड्ढे में छिपा दिया। पुलिस ने शव को उक्त गड्डे से बरामद किया था। पुलिस ने मौके से हत्या में प्रयुक्त आलाकत्ल (धारदार हथियार बांका) भी बरामद किये थे। घटना का खुलासा करने के लिए एसएसपी ने पुलिस टीम को 20 हजार रुपये का नकद पुरस्कार दिया था।


तत्कालीन एसएसपी अजय कुमार के नेतृत्व में पुलिस ने जाबांज कार्रवाई करते हए अपह्त किशान को बरामद किया था, जिससे 10 लाख रूपये की रंगदारी मांगी गई थी। मूल रूप से आगरा निवासी कैलाश पुत्र फौरन सिंह अपने परिवार के साथ वर्तमान में फिरोजाबाद के टूंडला क्षेत्र में रह रहे थे। 24 फरवरी की दोपहर को कैलाश का नेशनल हाईवे से कार सवार तीन बदमाशों ने अपहरण कर लिया था। इस मामले में कैलाश की पत्नी रेखा ने पुलिस को तहरीर देते हुए कार्रवाई की गुहार लगाई थी। बदमाशों ने कैलाश की पत्नी रेखा को फोन कर दस लाख रुपये की फिरौती मांगी थी। इसकी जानकारी रेखा द्वारा पुलिस को दी गई थी। तत्कालीन एसएसपी अजय कुमार ने अपहरणकर्ताओं की अरेस्टिंग के लिए पांच टीमों का गठन किया था। दो टीमों को हाथरस भेजा गया था। एक टीम को आगरा व अन्य दो टीमों को अलग-अलग स्थान पर भेजा गया था। हाथरस गई टीमों को बदमाशों के बारे में सटीक सूचना मिली, तो उन्होंने आगरा टीम को मामले की जानकारी दी। आगरा में मौजूद टीम ने खंदौली क्षेत्र में खंडहर पड़े मकान में दबिश देकर दो बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया था। वहीं बदमाशों ने अगवा किये गये किसान कैलाश को भी सकुशल बरामद कर लिया। पुलिस ने बदमाशों के पास से अपहरण में प्रयोग की गई कार व बाईक तथा मोबाइल भी बरामद की थी। आरोपियों ने अपने नाम मुकेश बघेल और ब्रजकिशोर बघेल बताये। तत्कालीन एसएसपी अजय कुमार के निर्देशन में खाकी ने जिस प्रकार से अपहृत को सकुशल बरामद किया, क्षेत्र में खाकी की वाहवाही हुई थी।



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