प्रशांत ने पुलिस को कराया प्राउड फील : 17 घंटे में मां की गोद में पहुंचा अपहृत बालक

प्रशांत ने पुलिस को कराया प्राउड फील : 17 घंटे में मां की गोद में पहुंचा अपहृत बालक

लखनऊ तीन साल में मेरठ जोन को अपराधियों की कब्रगाह बनाकर रख देेने वाले आईपीएस प्रशांत कुमार ने यूपी पुलिस के एडीजी (कानून एवं व्यवस्था) के पद पर अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाकर दिखाया है। सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार को संकट में डाल देने वाले कानपुर के बिकरू कांड के बाद सरकार का इकबाल बुलन्द करने और पुलिस का मनोबल बढ़ाने के लिए एडीजी (कानून एवं व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने टीम लीडरशिप का अनूठा प्रदर्शन कर पुलिस के समक्ष पैदा होने वाली चुनौतियों को स्वीकार करने में देर नहीं लगायी। अब वह 6 साल के मासूम बालक को अपहरण के मात्र 17 घंटे बाद ही बदमाशों के चंगुल से सकुशल छुड़ाकर परिजनों तक पहुंचाने में सफल रहे हैं।




जनपद गोंडा के करनैलगंज इलाके के निवासी एक पान मसाला व गुटखा व्यापारी हरि गुप्ता के 6 साल के बेटे नमो का शुक्रवार को बदमाशों ने उसके घर के सामने से ही दिनदहाड़े अपहरण कर लिया था। कानपुर के संजीत यादव अपहरणकांड को लेकर सवालों के घेरे में आई यूपी पुलिस के सामने यह वारदात पहाड़ जैसी चुनौती से कमतर नहीं थी। अपहरण के बाद इन बदमाशों ने बालक के घर फोन करके चार करोड़ की फिरौती मांगी थी। इस घटना में गोंडा पुलिस के साथ एसटीएफ को लगाया गया और फिर एडीजी (कानून एवं व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने अपना पूरा अनुभव मासूम बालक को बचाने में लगा दिय। एडीजी के नेतृत्व में लगी टीम का रिजल्ट इतना तीव्र था कि मात्र 17 घंटे के बाद ही मासूस नमो अपनी माता की गोद में खेल रहा था। एडीजी प्रशांत कुमार स्वयं बालक को उसकी माता की गोद में सौंपने के लिए मौके पर मौजूद थे। वह पल काफी भावुकता भरा था। वहां मौजूद हर शख्स की आंखे नम थी तो एडीजी प्रशांत की पुलिस के इस जौहर पर पब्लिक प्राउड फील कर रही थी। सभी ने एडीजी प्रशांत कुमार और उनकी टीम का तालियों के साथ स्वागत किया।


एडीजी प्रशांत कुमार ने वहां मीडिया कर्मियों को बताया कि इस अपहरणकांड में पूरा गिरोह शामिल था, इस गिरोह के साथ पुलिस की मुठभेड़ हुए, इसमें 4 करोड़ की फिरौती मांगने वाले गिरोह के सूरज पांडे पुत्र राजेंद्र पांडे, छवि पांडे पत्नी सूरज पांडे और राज पांडेय, राजेन्द्र पांडेय निवासीगण शाहपुर थाना परसपुर जनपद गोंडा हाल मुकाम सकरोरा थाना करनैलगंज के अलावा उमेश यादव पुत्र रमाशंकर यादव निवासी सकरोड़ा पूर्वी करनैलगंज, दीपू कश्यप पुत्र राम नरेश कश्यप निवासी सोनवारा को गिरफ्तार किया गया। इनमें दो बदमाश दीपू और उमेश पुलिस कार्यवाही में गोली लगने से घायल हुए हैं। ये लोग स्वास्थ्यकर्मी बनकर हरि गुप्ता के घर पहुंचे थे, जहां सेनिटाइजर देने के बहाने मासूम बालक को कार तक लाये और अपहरण कर फरार हो गये थे। बिकरू कांड में विकास दूबे और उसके गैंग का सफाया करने के बाद एडीजी (कानून व्यवस्था) का दायित्व निभाते हुए आईपीएस प्रशांत कुमार की यह दूसरी बड़ी उपलब्धि थी।

आईपीएस प्रशांत कुमार उत्तर प्रदेश में क्राईम कंट्रोल के लिए एक विशेष पहचान बना चुके है। इससे पहले मेरठ जोन में एडीजी रहते हुए उन्होंने तीन साल में पुलिस को एग्रीसिव पुलिसिंग तक ले जाने का काम करके दिखाया। प्रशांत कुमार ने एडीजी का पद संभाला तो उनके निर्देशन में जोन की पुलिस ने बदमाशों को बदहवास करने में कोई भी कसर बाकी नहीं छोड़ी है। साल 2020 की शुरूआत में 23 दिनों के अंतराल में ही एडीजी प्रशांत कुमार की पुलिस ने 2 बड़े ईनामिया बदमाशों का सफाया किया था। 26 जनवरी को एक लाख का ईनामी चांद मुठभेड़ में मारा गया तो 18 फरवरी को दो लाख के ईनाम वाले कुख्यात शक्ति के आतंक को पुलिस ने बुलेट के जोर पर समाज से समाप्त करने का काम कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भयमुक्त समाज के कथन को सार्थक बनाने की ओर एक कदम और बढ़ाया। मेरठ जोन में करीब तीन साल के अपने कार्यकाल में एडीजी प्रशांत कुमार का औसत 15 दिन में एक अपराधी का खात्मा रहा। एडीजी प्रशांत कुमार मेरठ जोन में अपने कार्यकाल में 65 क्रिमिनलों को 'गो टू हेल' तो 3885 बदमाशों को 'इन टू जेल' की तख्ती के साथ पुलिस कार्यवाही में रुख्सत कर चुके हैं। मेरठ जोन में उनके नेतृत्व का ही कमाल था कि जोन के सभी नौ जनपदों में पुलिस ने अपराध उन्मूलन के लिए गजब का जौहर दिखाया। पुलिस मुठभेड़ से बदमाश बदहवास हुए तो वहीं अपराधी जमानत तुडवाकर जेल जाने लगे थे। एक समय ऐसा भी रहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जेलों में 'हाउसफुल' के बोर्ड लगे नजर आये।

एडीजी प्रशांत कुमार के कार्यकाल में पुलिस कार्यवाही का शिकार बने बलराज भाटी व चांद सहित 10 बदमाश एक लाख के इनामी थे, जो अपराध की दुनिया में दहशत का पर्याय बने हुए थे। इसके साथ ही 27 ऐसे बदमाशों का एनकाउंटर कर खात्मा किया गया, जिन पर पुलिस ने 50-50 हजार का इनाम घोषित किया था। 16 जुलाई 2019 को तो मेरठ जोन की पुलिस ने जौहर का वह नमूना पेश किया कि बदमाशों के पैरों तले की जमीन ही हिल गई। तीन जनपदों में पांच बदमाशों को एक ही दिन में ढेर किया गया। इनमें मुजफ्फरनगर में रोहित सांडू व उसका साथी राकेश यादव मार गिराये गये, तो मेरठ पुलिस ने इसी गैंग के अमित शेरू और रविन्द्र कालिया को ढेर कर दिया, जबकि साहिबाबाद में मेहरबान पुलिस मुठभेड़ में मारा गया।

बदमाशों के खिलाफ खुद संभाला मुठभेड़ में मोर्चा

आपदा के समय किस प्रकार से टीम को लीड करते हुए उस संकट से निकलने में आईपीएस प्रशांत कुमार 'मास्टर' हैं। यूपी के पुलिस महकमे में उनको एक 'टीम लीडिंग अफसर' भी माना जाता है। यूपी में मेरठ जोन में एडीजी रहते हुए हुई बड़ी पुलिस मुठभेड़ में से कुछ एनकाउंटर एडीजी प्रशांत ने खुद लीड कर अपनी नेतृत्व क्षमता को भी साबित किया है। तीन राज्यों की पुलिस के सिरदर्द ढाई लाख के ईनामी बलराज भाटी को जब नोएडा में पुलिस ने घेरा तो इस मुठभेड़ को खुद एडीजी प्रशांत ने पुलिस के साथ मिलकर लीड किया था। ऐसे ही मुजफ्फरनगर में रोहित सांडू मुठभेड़ में वह टीम को लीड करते नजर आये तो बदमाश श्रवण चैधरी के एनकाउंटर में भी एडीजी प्रशांत पुलिस टीम का मनोबल बढ़ाने के लिए खुद शामिल रहे।

14 दिन में रोहित सांडू का अंत

जुलाई 2019 में दरोगा की हत्या कर मुजफ्फरनगर से फरार एक लाख के ईनामी शातिर बदमाश रोहित सांडू के केस को एडीजी ने बड़ा चैलेंज माना। उसका खुलासा होने पर मेरठ जोन में एडीजी रहते हुए अपने कार्यकाल की बड़ी उपलब्धि भी वह इस मुठभेड़ को मानते हैं। रोहित सांडू के फरार होने के बाद मात्र 14 दिन में ही मुजफ्फरनगर पुलिस ने उसका और उसके साथी बदमाशों का अपनी बुलेट से आखिरी अंजाम लिख दिया था।

54 लाख की डकैती और तेलंगाना तक पीछा

मेरठ में 17 दिसंबर 2019 को नौचंदी थाना अंतर्गत रतीराम अनिल कुमार ज्वेलर्स के यहां हथियारबंद बदमाशों के द्वारा लगभग 54 लाख की ज्वेलरी और कैश तथा मोबाइल लूट की घटना को अंजाम दिया था। इसे चुनौती मानकर एडीजी प्रशांत कुमार ने पुलिस टीम को लगाया और 30 दिन के भीतर ही दिनदहाड़े हुई डकैती की घटना का सफल अनावरण करते हुये लूटे गये माल सहित चार शातिर अपराधी गिरफ्तार किया। इस डकैती को लेकर एडीजी प्रशांत इतने संवेदनशील थे कि पुलिस टीम की खुद माॅनीटरिंग की। उनके नेतृत्व में पुलिस की गठित टीमों द्वारा घटना के अनावरण के लिए उत्तर प्रदेश के साथ ही पडौसी राज्यों उत्तराखंड, दिल्ली, पंजाब के अलावा लुटेरों की तलाश में कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना तक जाकर पीछा किया।बाद में पुलिस ने घटना में शामिल 04 बदमाशों को दिल्ली से गिरफ्तार किया। इस लुटेरे गिरोह के सरगना अक्षय उर्फ विक्की था। पुलिस ने इस वारदात में बदमाशों द्वारा लूटे गये सामाने में से 75 प्रतिशत सामान बरामद किया। पुलिस की इस उत्कृष्ट और असाधारण सफलता के लिए घटना का अनावरण करने वाली टीम को अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी और तत्कालीन डीजीपी ओपी सिंह के द्वारा पचास-पचास हजार रुपये से पुरस्कृत किया गया था। यह डकैती एक ब्लाइंड केस था, लेकिन इसके बाद भी एडीजी प्रशांत कुमार ने एक जुनून के साथ काम करते हुए पुलिस टीम का मार्गदर्शन किया और रिजल्ट दिया।

एक दिन में लूट की नौ वारदात खोली

आईपीएस प्रशांत कुमार के नाम कई बड़ी उपलब्धियां हैं, मेरठ जोन में एडीजी रहते हुए उन्होंने कभी पुलिस का मनोबल गिरने नहीं दिया। जब भी वारदात हुई, तो वह स्वयं उसके वर्कआउट का लेआउट तैयार करने में अपने अधीनस्थों को मार्गदर्शन करते रहे। जब मेरठ और मुजफ्फरनगर में लुटेरे गिरोह के बदमाशों ने ताबड़तोड़ लूट की वारदातों को अंजाम देकर समाज में भय फैलाने का काम किया तो ऐसे में एडीजी प्रशांत कुमार ने दोनों जनपदों के पुलिस कप्तानों को गाइड किया और फिर 19 जनवरी 2020 मेरठ में पुलिस ने इस लुटेरे गिरोह के सरगना को साथियों सहित दबोचकर मुजफ्फरनगर व मेरठ जनपद में हुई लूट की नौ बड़ी वारदातों से पर्दा उठाया गया। इनमें जनपद मुजफ्फरनगर के जानसठ कस्बा में ज्वैलर्स की दुकान में दिनदहाड़े हुई लूट और मीरापुर में बैंक से लौटते समय हुई लूट के साथ ही नई मण्डी में व्यापारी से लूट की वारदात शामिल रहीं हैं। जबकि मेरठ जनपद में कई घटनाओं को इसी गैंग के बदमाशों ने अंजाम दिया। इस गिरोह के द्वारा अपाचे मोटर साईकिल पर सवार होकर अवैध अस्लहों से विभिन्न थाना क्षेत्रों व जनपदों में लूट की घटनाएं की जा रही थी। गिरोह का सरगना ईनामी बदमाश चॉद उर्फ काले पुत्र सत्तार निवासी-किला परीक्षितगढ थाना परीक्षितगढ मेरठ का 435ए प्रचलित हिस्ट्रीशीटर अपराधी निकला।

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