बच्ची का कलेजा दंपत्ति को खिलाने वाले आरोपियों पर लगा NSA

बच्ची का कलेजा दंपत्ति को खिलाने वाले आरोपियों पर लगा NSA

कानपुर। संतान प्राप्ति के लिए तांत्रिक द्वारा दी गई सलाह पर 7 वर्षीय बालिका की हत्या करने के बाद उसका कलेजा निकालकर अपने चाचा चाची को खिलाने वाले दो हत्यारोपियों के ऊपर एनएसए लगा दिया गया है। वर्ष 2020 की 14 नवंबर को इस दिल दहलाने वाली घटना को अंजाम दिया गया था।

रविवार को शासन की ओर से वर्ष 2020 की 14 नवंबर को हौलनाक वारदात को अंजाम देने वाले दो आरोपियों वीरन और अंकुल पर एनएसए की कार्यवाही की गई है। दोनों आरोपियों ने जादू व तंत्र-मंत्र के चक्कर में एक तांत्रिक के कहने पर 7 वर्षीय बालिका की हत्या कर दी थी और उसका कलेजा निकालकर अपने निसंतान चाचा चाची को खिला दिया था। दरअसल दंपती के कोई संतान नहीं थी, इसलिए उन्होंने अपने भतीजे से बच्ची की हत्या कराई। भतीजे ने अपने एक दोस्त के साथ मिलकर पहले मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म किया और फिर गला दबाकर उसकी हत्या कर दी थी।

इसके बाद हत्यारोपियों ने बेरहमी से बालिका का लीवर निकालकर चाचा-चाची को दे दिया। चाचा-चाची ने लीवर का कुछ हिस्सा खुद खाया और बाकी कुत्ते को खिला दिया था। हत्याकांड को अंजाम देने के लिए दंपती ने भतीजे को महज 500 रुपए और उसके दोस्त को 1000 रुपए दिए थे। घाटमपुर थाना क्षेत्र के भदरस गांव के एक शख्स की 7 साल की बेटी दिवाली पर शनिवार शाम पड़ोस की दुकान पर कुछ सामान लेने गई थी, लेकिन वह घर नहीं लौटी। परिजन रात भर उसकी तलाश करते रहे, पुलिस को भी सूचना दी। सुबह काली मंदिर के पास कुछ लोगों को बच्ची का क्षत-विक्षत शव मिला। शरीर पर कपड़े नहीं थे। पास में ही खून से सनी उसकी चप्पलें पड़ी थीं। मौका-ए-वारदात पर पड़ताल में तंत्र-मंत्र के कारण वारदात को अंजाम देने अंदेशा जताया गया। ऐसा इसलिए, क्योंकि घटना दिवाली की रात की थी। इस दिन अघोरी साधना वाले अनुष्ठान करते हैं, दूसरा यह कि शव काली मंदिर के सामने मिला था। शरीर के कई अंदरूनी अंग भी गायब थे। पुलिस ने कई दिनों की भागदौड के बाद दो आरोपियों को गिरफ्तार किया तो पता चला कि गांव में रहने वाले परशुराम की शादी 1999 में हुई थी। लेकिन उसे कोई भी संतान नहीं थी। संतान की चाहत में उसने अपने भतीजे अंकुल को बच्ची का कलेजा लाने के लिए तैयार किया। घटना की पूरी जानकारी परशुराम व उसकी पत्नी सुनैना को भी थी।

epmty
epmty
Top