समाज की ख़ामोशी और माता-पिता के अपमान से आहत होकर कातिल बना निकुंज

समाज की ख़ामोशी और माता-पिता के अपमान से आहत होकर कातिल बना निकुंज

मुजफ्फरनगर। 13 / 14 जून की रात को जब मंसूरपुर पुलिस को सूचना मिली कि संदीप उर्फ प्रदीप त्यागी की घेर में गला काट कर हत्या कर दी गई है तब गांव वालों को भी लगता था कि जैसे पहले संदीप त्यागी के पुत्र शुभम त्यागी के लापता होने का सुराग पुलिस अब तक नहीं ढूंढ पाई तो अब शायद उसके पिता के हत्यारों को भी पुलिस पकड़ नहीं पाएगी लेकिन एसएसपी संजीव सुमन के नेतृत्व में मंसूरपुर पुलिस ने संदीप त्यागी की मर्डर मिस्ट्री का जिस तरह से खुलासा किया। उससे सब हैरत में हैं कि क्या सालों से संदीप की मौत का सपना पाने वाला निकुंज त्यागी ही उसकी एक दिन हत्या कर देगा। इस हत्याकांड में पुलिस ने जिस प्रकार सब्र रखकर खुलासा किया, उससे भी पुलिस को तारीफ मिल रही है। पुलिस के इस खुलासे से नामजद 7 लोग जेल जाने से बच गए और असली कातिल पकड़ा गया।

गौरतलब है कि 13 / 14 जून की रात को मुजफ्फरनगर जनपद के थाना मंसूरपुर पुलिस को सूचना मिली कि संदीप त्यागी की उसके घेर में गला काट कर हत्या कर दी गई है। घटना की सूचना के बाद मुजफ्फरनगर के एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापत , खतौली डॉक्टर रविशंकर और मंसूरपुर इंस्पेक्टर रोजन्त त्यागी मौके पर पहुंचे । घटनास्थल का निरीक्षण करते ही पुलिस ने मान लिया था की संदीप त्यागी की हत्या करने वाला प्रोफेशनल कातिल नही है बल्कि उसने पहली बार घटना को अंजाम दिया गया है, क्योंकि बताया जाता है कि संदीप त्यागी के शरीर पर जो निशान थे वह अलग-अलग जगह थे जो साबित करते थे कि किसी नए व्यक्ति ने ही संदीप त्यागी की हत्या की है। संदीप त्यागी की हत्या के बाद गांव में लगातार चर्चा जारी थी। पुलिस भी अपनी सुरागरसी में लगी हुई थी। संदीप त्यागी की हत्या के खुलासे में जुटी पुलिस को हत्या के अलग-अलग कारण बताए जा रहे थे आशंका जताई जा रही थी कि जमीन बेचने को लेकर भाई अजय से चल रहे विवाद में भी संदीप की हत्या अजय द्वारा की जा सकती है।


इसके साथ ही एक और चर्चा थी कि कर्ज में डूब कर लापता हुआ शुभम भी अपने पिता की संदीप की हत्या कर सकता है। इसी बीच मृतक संदीप त्यागी की पत्नी शालू ने पुराने विवाद के चलते ही गांव निवासी अक्षय उसके पिता राजकुमार, भाई अंशुल, चाचा अमरीश और गांव के ही दीपक गुप्ता, हिमांशु, टिंकू तथा सोनू के खिलाफ नामजद एफआईआर कर दी थी हालांकि जब नामजद एफआईआर हुई तो पुलिस इन लोगों को जेल भेज कर अपना पल्ला झाड़ सकती थी लेकिन एसएसपी संजीव सुमन, एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापत, सीओ रवि शंकर सिंह और इंस्पेक्टर रोजन्त त्यागी हत्या के सही खुलासे के लिए जुटे रहे। इसी बीच मंसूरपुर पुलिस ने संदीप त्यागी से जुड़े पुराने रजिस्टर को खंगाला गया तो पता चला कि संदीप त्यागी के खिलाफ गांव के ही रहने वाले निकुंज त्यागी की मां के साथ बलात्कार का एक मुकदमा संदीप और उसके भाई रविकांत के खिलाफ दर्ज हुआ था हालांकि पुलिस ने इस मामले में एफआर लगा दी थी।


इसके साथ ही 2010 में निकुंज त्यागी के पिता देवदत्त के साथ संदीप आदि ने मारपीट कर दी थी। इसके अलावा 2014 में भी संदीप उसके भाई रविकांत आदि ने मिलकर निकुंज त्यागी के पिता देवदत्त के साथ मारपीट की घटना को अंजाम दिया था। हालांकि 2014 में दर्ज हुए मुकदमे में रविकांत को 3 साल की सजा हो चुकी थी और रविकांत जेल में बंद था। पुलिस का अब पूरी तरह से रुख निकुंज त्यागी की तरफ चला गया कि संदीप की हत्या में निकुंज त्यागी भी हो सकता है। पुलिस ने निकुंज से कड़ाई से पूछताछ की तो निकुंज टूट गया और उसने हत्या की घटना स्वीकार करते हुए आला कत्ल भी बरामद कर दिया करा दिया।

किस वजह से संदीप का कातिल बना निकुंज

संदीप त्यागी के मर्डर में सबसे दिलचस्प बात जो सामने आई उसको जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे । दरअसल निकुंज त्यागी के पिता ने शादी नहीं की थी। देवदत्त ने लगभग 50 साल की उम्र में अपनी उम्र से काफी छोटी निकुंज की मां से शादी कर ली थी। शादी के बाद से ही संदीप और अन्य परिजन देवदत्त से रंजिश रखते थे। सूत्रों का कहना है कि जब 2010 में निकुंज के पिता देवदत्त के साथ संदीप आदि ने मिलकर पिटाई की। उस समय निकुंज की उम्र 10 या 12 साल थी। अपने बुजुर्ग पिता को पिटते देख निकुंज के मन में बैठ गया था कि मैं बड़ा होकर अपने पिता की पिटाई और अपमान का बदला जरूर लूंगा।

इसके साथ ही साल 2014 में फिर से निकुंज के पिता देवदत्त के साथ इन्हीं लोगों ने मारपीट की और कम उम्र होने के कारण बेबसी में निकुंज इस पूरी घटना को देखता रहा। तब भी उसके मन में सवाल था कि मैं बड़ा होकर अपने पिता के अपमान और पिटाई का बदला जरूर लूंगा। छोटे से बच्चे के मन में संदीप के प्रति जो नफरत पैदा हुई, उसने निकुंज को अपनी जकड़न में ले लिया। पिता से मारपीट, मां का अपमान और इन्हीं विवाद में आर्थिक तंगी ने निकुंज की बढ़ती उम्र के साथ साथ इन सब को भी उस पर हावी कर दिया था। यही वजह रही कि निकुंज कम उम्र में ही नशे का आदी बन गया। निकुंज बड़ा होने के बाद अब इस तलाश में जुट गया था कि कैसे वह संदीप त्यागी की हत्या करके अपने पिता मां के अपमान के साथ-साथ अपनी आर्थिक तंगी का बदला कैसे ले।

बताया जाता है कि घटना वाले दिन निकुंज ने सुल्फे का सेवन किया और वह नशे की हालत में अपने मकान की छत पर सो गया क्योंकि दोनों के मकान बराबर बराबर थे। जब उसने देखा कि अकेला संदीप त्यागी अपने घर में सो रहा है तब निकुंज उठा और अपने हाथ में बलकटी लेकर संदीप के घर में उतर गया। सबसे पहला बार संदीप त्यागी पर जब उसने किया तो संदीप से उसकी नफरत की पराकाष्ठा का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उसने पहला वार करने के बाद कहा , संदीप मैं निकुंज हूं और उसके बाद निकुंज ने ताबड़तोड़ संदीप पर हमला करके उसकी हत्या कर दी। संदीप की हत्या करने के बाद निकुंज उसके गेट से थोड़ा बाहर निकला और लैट्रिन के रास्ते वापस अपने घर जाकर नहाया और फिर सो गया। निकुंज अब संदीप त्यागी के क़त्ल के इल्जाम में जेल तो चला गया लेकिन अपने पीछे सवाल छोड़ गया कि अगर छोटे छोटे इन विवादों को त्यागी बहुल इस गाँव समाज के लोग बैठकर सुलझा देते तो शायद निकुंज कातिल नहीं बनता ।




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