प्रशांत की पुलिस का अल्टीमेटम, मेरठ ज़ोन में क्रिमनलों की NO ENTRY, अब तक 61

प्रशांत की पुलिस का अल्टीमेटम, मेरठ ज़ोन में क्रिमनलों की NO ENTRY, अब तक 61
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मेरठ उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ दिनों में हुई वारदातों को लेकर भले ही एक सवाल उठा हो, लेकिन इन वारदातों के खुलासे के लिए जिस प्रकार से पुलिस ने काम करके दिखाया है, वह प्रशंसनीय है। मेरठ और मुजफ्फरनगर में अधिवक्ताओं की हत्या के साथ ही लखनऊ में कमलेश तिवारी हत्याकांड में पुलिस के हाथ खाली नहीं रहे और इतनी चुनौतीपूर्ण वारदातों में पुलिस ने इन घटनाओं को खोलने का काम करके साबित किया है कि आज यूपी में इंटेलीजेंस पुलिसिंग भी मजबूत हुई है। पुलिस की सुरागरसी का कोई तोड़ नहीं है। वारदात को पुलिस नहीं रोक सकती है, लेकिन यदि घटनाओं का अनावरण जल्द कर दिया जाये तो उनके साथ पैदा होने वाली कई प्रकार की चुनौतियों से आसानी से निपटा जा सकता है।


मेरठ जोन का यह माफिया क्लीन प्रोग्राम 61 फुल एनकाउंटर तक जा पहुंचा


मेरठ जोन में दो अधिवक्ताओं की हत्याओं का पुलिस ने अल्प समय में ही खुलासा कर लोगों में आक्रोश पनपने के कारण कानून व्यवस्था की चुनौती से निपटने का काम किया है। इसके साथ ही जोन के सभी जनपदों में माफियाओं और बदमाशों के खिलाफ एग्रीसिव पुलिसिंग भी लगातार जारी है। मेरठ जोन का यह माफिया क्लीन प्रोग्राम 61 फुल एनकाउंटर तक जा पहुंचा है। इसके लिए जोन के एडीजी प्रशांत कुमार का अपनी टीमों के प्रति प्रोत्साहन भी बढ़ा कारण बना हुआ है। इस जोन में एडीजी प्रशांत कुमार की कार्यप्रणाली के कारण ही गजब की पुलिसिंग की गयी है। खेल के मैदान से सड़क, बाजारों और जंगलों तक पुलिस के जवान जौहर दिखाने से पीछे नहीं हट रहे हैं। आज ही मेरठ जनपद में महिला ग्राम प्रधान की हत्या करने आया डेढ़ लाख का ईनामी बदमाश पुलिस एनकाउंटर में मारा गया। एडीजी प्रशांत कुमार के कार्यकाल का यह 61वां शिकार था।

यूपी में मेरठ जोन अपराधियों को जवाब देने और माफिया क्लीन अभियान में सबसे ऊपरी पायदान पर


उत्तर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के 30 माह पूरे हो चुके हैं। जबकि मेरठ जोन में एडीजी के रूप में आईपीएस प्रशांत कुमार ने 27 माह का कार्यकाल पूर्ण कर लिया है। एडीजी प्रशांत कुमार ने जब मेरठ जोन का जिम्मा संभाला था तो कानून व्यवस्था को लेकर यहां पर कई प्रकार की चुनौतियां बनी हुई थी। यूपी में सत्ता संभालने के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपराधियों को स्पष्ट संदेश दे दिया था और पुलिस को गोली का जवाब गोली से देने के लिए तैयार कर लिया था। यूपी में बदमाशों की धरपकड़ का काम शुरू कर दिया था। यूपी में कानून का राज साबित करना ही योगी सरकार की पहली प्राथमिकता थी। ऐसे में अपराधियों की शरणस्थली और मुजफ्फरनगर जैसे क्राईम कैपिटल वाले जिले को समाहित करने वाला मेरठ जोन कानून के पैमाने पर कितना सुधार कर पायेगा? यही सवाल उठे थे, लेकिन अगले ही कुछ महीनों में जब एडीजी प्रशांत कुमार ने जोन के सभी नौ जनपदों में अपराध उन्मूलन का टारगेट फिक्स करते हुए बदमाशों और माफियाओं के खिलाफ आपरेशन क्लीन शुरू किया तो गिरोहबंद बदमाश भी मेरठ जोन को अपराधियों की कब्रगाह बताने लगे। यहां पर अपराध उन्मूलन में बड़ी सफलता अर्जित की गयी। आलम यह रहा कि शुरूआत से आज तक यूपी में मेरठ जोन अपराधियों को जवाब देने और माफिया क्लीन अभियान में सबसे ऊपरी पायदान पर बना हुआ है।


एडीजी आईपीएस प्रशांत कुमार के नेतृत्व में पुलिस लगातार क्रेकडाउन में जुटी


एडीजी आईपीएस प्रशांत कुमार के नेतृत्व में पुलिस लगातार क्रेकडाउन में जुटी है। बदमाशों में खौफ है। घटनाओं को करने आने वाले बदमाश पुलिस की गोली का शिकार बन रहे हैं। ऐसा ही एक घटनाक्रम मेरठ जनपद में सामने आया। यहां पर डेढ़ लाख के ईनामी कुख्यात बदमाश संजीव पकौडी को पुलिस ने मुठभेड़ में ढेर कर दिया। मेरठ जनपद के गांव सरूरपुर खुर्द निवासी संजीव पकौडी पुत्र राजेन्द्र सिंह अपराध जगत में खौफ के नाम से पहचाना जाता है। संजीव पकौडी ने रंजिश के चलते साल 2012 में गांव के प्रधान नीटू की हत्या कर दी थी। उसका गांव में अच्छा खौफ बन गया था। नीटू की विधवा कविता की दूसरी शादी परिजनों ने सहमति बनने पर उसके देवर परविन्दर से करा दी थी। साल 2015 के चुनाव में कविता ग्राम प्रधान निर्वाचित हुई। इसके दो साल बाद 2017 में संजीव पकौडी ने गांव में जाकर फिर खून की होली खेली और परविन्दर की सरेआम हत्या कर दी। इसके बाद कविता की जान को खतरा बन गया। पुलिस ने कविता को सुरक्षा कर्मी उपलब्ध करा दिये थे। पुलिस सूत्रों के अनुसार शनिवार को संजीव पकौडी अपने तीन साथी बदमाशों के साथ कविता की हतया करने के लिए गांव में पहुंचा था। उसने घात लगाकर कविता पर गोलियां चलायी, वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों ने जवाबी फायरिंग की तो संजीव पकौडी जंगल की तरफ भागने लगा। एसओ सरूरपुर सतीश कुमार ने अपनी टीम के साथ कक्केपुर के जंगल में घेराबंदी करते हुए बदमाशों से मुठभेड़ की। इसमें संजीव पकौडी के सीने में पुलिस की गोली धंस गयी। वह मारा गया। संजीव पर जीन जनपदों के थानों से डेढ़ लाख का ईनाम घोषित था। इनमें सरूरपुर थाना मेरठ से एक लाख, बागपत के छपरौली थाने से दोहरे हत्याकांड में 25 हजार, भोजपुर गाजियाबाद से 25 हजार का इनाम शामिल था।


एडीजी प्रशांत कुमार ने 27 माह के कार्यकाल में जोन के जिलों में अब तक 61 कुख्यात बदमाशों को यमलोक पहुंचाने का काम किया


एडीजी जोन प्रशांत कुमार के कार्यकाल में कोई भी ऐसी बड़ी घटना नहीं है, जिसको बदमाशों ने अंजाम दिया हो और वह बचकर निकल गये। इन बदमाशों को या तो पुलिस की कार्रवाई में यमलोक का टिकट कटाना पड़ा या फिर जेल की हवा खा रहे हैं। एडीजी प्रशांत कुमार ने 27 माह के कार्यकाल में जोन के जिलों में अब तक 61 कुख्यात बदमाशों को यमलोक पहुंचाने का काम किया है। यूपी को कोई भी दूसरा जोन इस प्रतिस्पर्धा में मेरठ जोन के आसपास भी नहीं टिका नजर आता है। यही कारण है कि कभी कानून व्यवस्था के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनने वाला मेरठ जोन आज कानून व्यवस्था में सबसे सफल नजर आता है। एडीजी जोन प्रशांत कुमार के कार्यकाल में ढाई लाख का ईनामी गैंगस्टर बलराज भाटी का एनकाउंटर भी शामिल है। नोएडा में यह एनकाउंटर किया गया था। इसके अलावा मुजफ्फरनगर में एक लाख के ईनामी कुख्यात बदमाश रोहित सांडू व उसके गिरोह के बदमाशों का एनकाउंटर भी उनके कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धियों में शुमार है। उन्होंने मेरठ के सोहारका डबल मर्डर को अंजाम देने वाले बदमाशों को उनके अंजाम तक पहुंचाने का काम किया तो वहीं दिल्ली देहरादून हाईवे पर दुल्हन के हत्यारों को भी उनके मार्ग निर्देशन में मेरठ पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर किया। ऐसे ही ना जाने कितने कारनामे उनके नाम दर्ज हो चुके हैं और अब तक 61 पर आकर भी उनका माफिया क्लीन आॅपरेशन जारी है।

जब 10 घंटे में लगाया एनकाउंटर का चौका

गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर के कुख्यात अपराधी रोहित सांडू को उसके साथियों ने पुलिस कस्टडी से दरोगा को गोली मारकर छुड़ाने की हिमाकत की तो एडीजी प्रशांत कुमार की पुलिस ने 14 दिन में ही पहले रोहित सांडू को उसके साथी सहित मुजफ्फरनगर में, तो उसी रोहित सांडू के दो साथियों को उसी दिन दिनदहाड़े मेरठ में घेर कर मुठभेड़ के बाद कुख्यात बदमाशों का खात्मा कर दिया। 10 घंटे में मेरठ जोन पुलिस ने चार बड़े बदमाशों को ढेर कर एनकाउंटर का चौका लगाकर बदमाशों को मैसेज दिया मेरठ जोन में अपराध करना मना है।

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