सांडू के सफाए से साथियों में दहशत एसएसपी के सामने विक्की का सरेंडर

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मुजफ्फरनगर। अभिषेक यादव के जनपद में बतौर एसएसपी चार्ज सम्भालते ही कुख्यात रोहित सांडू ने दो जुलाई को एक दरोगा की हत्या करके पुलिस अभिरक्षा से फरार होकर जो चुनौती दी थी, उसे अभिषेक यादव ने कबूल करके न केवल कुछ ही दिनों में एक मुठभेड़ के दौरान साथी सहित रोहित सांडू को ढ़ेर करके बदमाशों में पुलिस का जो खौफ पैदा कर दिया था, उसके नतीजे अब सामने आने लगे हैं। आज रोहित सांडू को फरार करने में शामिल दर्जनभर अभियुक्तों में से एक विक्की ने खुद एसएसपी के कार्यालय पहुंचकर आत्मसमर्पण कर दिया है।



ज्ञात हो कि 40 अपराधिक मुकदमों में वांछित एक लाख का इनामी बदमाश रोहित सांडू को पेशी के बाद मिर्जापुर जाते समय उसके सार्थियों ने दो जुलाई को एक दरोगा को गोली मारकर पुलिस अभिरक्षा से छुड़ा लिया था। इस मामले में 12 लोग पुलिस के निशाने पर थे, जिनमें से 7 अभियुक्तों को पुलिस ने दबोचकर जेल भेज दिया था तथा कुख्यात् रोहित सांडू सहित चार बदमाश पुलिस मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं। पुलिस पूरी सरगमी से 12वें अपराधी विक्की राठी को तलाश कर रही थी, लेकिन रोहित सांडू की फरारी में शामिल 50 हजार के इनामी केवल विक्की राठी ही पुलिस की पकड़ से बाहर था, लेकिन अब पुलिस के खौफ के चलते आज विक्की ने भी एसएसपी के सम्मुख आत्मसमर्पण कर दिया है। माना जा रहा है कि विक्की ने पुलिस के बढ़ते दबाव के कारण यह सोचते हुए आत्मसमर्पण किया है, कि यदि उसने सरेन्डर नहीं किया तो रोहित व अन्य तीन बदमाशों की तरह वह भी किसी दिन पुलिस के साथ मुठभेड़ में ढेर कर दिया जायेगा।



बता दें कि लम्बे समय से आतंक का पर्याय बने एक लाख के इनामी रोहित सांडू और उसके 50 हजारी साथी राकेश यादव को पुलिस ने अलसुबह ही मुठभेड़ में मार गिराया था। इस मुठभेड़ के दौरान एडीजी मेरठ प्रशांत कुमार भी मुजफ्फरनगर में थे। उन्होंने भी तुरन्त ही मौके पर पहुंचकर बदमाशों की घेराबंदी की थी। कुख्यात् रोहित सांडू के खिलाफ लगभग 40 और उसके साथी राकेश के खिलाफ 12 अपराधिक मामले विभिन्न थानों में दर्ज हैं। सांडू के पास से 9 एमएम व राकेश यादव के पास से .3 पिस्टल बरामद हुई थी।



रोहित सांडू की पुलिस मुठभेड में मौत होने के दस घंटे के भीतर ही दौराला क्षेत्र में स्कोर्पियो लूट कर भाग रहे दो रोहित सांडू के अन्य साथी अमित उर्फ शेरू और रविंद्र उर्फ कालू पुलिस मुठभेड़ के दौरान पुलिस की गोली लगने से ढेर हो गए थे। बताया गया ये दोनों बदमाश मुजफ्फरनगर में रोहित सांडू के साथ पुलिस से हुई मुठभेड़ में शामिल थे और दोनों वहां से पुलिस से बचकर भाग निकले थे।



पुलिस सूत्रों के अनुसार वेस्ट यूपी के कुख्यात अपराधी भूपेंद्र बाफर ने सांडू को फरार कराया था। उसका मकसद माफिया डॉन सुशील मूंछ की हत्या कराने का था। सुशील मूंछ इन दिनों जेल में बंद है। पुलिस ने भूपेंद्र बाफर ओर उसके साथियों को गिरफ्तार कर पूरे मामले का राजफाश किया था, इन्हीं बदमाशों के पकड़े जाने के बाद रोहित सांडू के बारे में पुलिस को महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे थे। मजे की बात है कि हिस्ट्रीशीटर भूपेंद्र बाफर को पुलिस-प्रशासन ने वीआईपी बनाया हुआ था। उसका आपराधिक रिकॉर्ड छुपाकर नियमों को धज्जियां उड़ाकर उसे दो सरकारी गनर दिए थे। सरकारी असलहों से लैस दोनों पुलिसकर्मियों के बीच बाफर चलता था और लोगों पर धौंस जमाता था। पुलिस मेरठ के शातिर एक लाख के इनामी रह चुके भूपेंद्र बाफर समेत 6 बदमाशों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। भूपेंद्र बाफर का जानी थानाक्षेत्र में बाफर गांव है। जानी थाने में उाकह हिस्ट्रीशीट (154 ए) खुली हुई है। भूपेन्द्र बाफर 1985 में अपने साथियों के साथ हैदराबाद में एक बैंक डकैती, 1987 में आंध्र प्रदेश में बैंक लूट, 1991 में मुजफ्फरनगर में हत्या, 1992 में देहरादून में हत्या, 2007 में लिसाड़ीगेट में जानलेवा हमला, 2007 में सदर बाजार में हत्या, 2012 में लालकुर्ती में केबल कारोबारी की हत्या समेत 30 से अधिक आपराधिक मुकदमों में वांछित रहा है। कई मुकदमों में वह बरी भी हुआ। जेल से जमानत पर छूटने के बाद भूपेंद्र बाफर ने राजनीतिक लोगों से संपर्क साधे और जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा। जिसमें वह हार गया, लेकिन पत्नी बीडीसी सदस्य का चुनाव जीत गई थी।

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