2 माह में हारे कोरोना से जंग-विख्यात हड्डी रोग विशेषज्ञ का निधन

2 माह में हारे कोरोना से जंग-विख्यात हड्डी रोग विशेषज्ञ का निधन

नई दिल्ली। कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद आईसीयू में लगभग 2 माह से जिंदगी पाने की जंग लड़ रहे वरिष्ठ डॉक्टर रमेश कुमार ने आखिरकार मौत से हार मान ली है। इलाज के दौरान अस्पताल के आईसीयू में वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ ने दम तोड़ दिया।

भारत में दूसरी लहर के रूप में आए कोरोना के संक्रमण ने पिछले 1 साल में कई चर्चित और अनुभवी चिकित्सकों को हमारे से छीन लिया है। पिछले 2 माह से आईसीयू में भर्ती रहकर कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रहे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के वरिष्ठ डॉ रमेश कुमार की आखिरकार मौत हो गई है। शुक्रवार की देर रात डॉ रमेश कुमार ने अस्पताल के आईसीयू में दम तोड़ दिया। रीड की हड्डी से जुड़ी बीमारियों के प्रति विशेषज्ञता प्राप्त डॉ रमेश कुमार ने 39 वर्ष की अवधि के भीतर हजारों सड़क दुर्घटनाओं में घायल हुए लोगों को अपने इलाज के जरिए नया जीवनदान दिया है। डॉ रमेश कुमार के नाम से 100 से भी अधिक शोध प्रकाशित हो चुके हैं। सफदरजंग अस्पताल के वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रमेश कुमार लगभग 2 माह पहले कोरोना वायरस की चपेट में आकर संक्रमित हुए थे। शुरू में उनकी हालत स्थिर ही थी। लेकिन दूसरी लहर के दौरान जब एक तरफ ज्यादातर मामले सांस फूलने और ऑक्सीजन की मांग को लेकर आ रहे थे। उसी दौरान डॉ रमेश कुमार की तबीयत बिगड़ती चली गई। आनन-फानन में उन्हें इलाज के लिये सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया। लगभग दो माह तक वरिष्ठ डाक्टरों की टीम उनके उपचार में जुटी रही। लेकिन कुछ हद तक ही उनके स्वास्थ्य को बेहतर करने में सफलता हासिल कर सके। अस्पताल के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने बताया है कि लगभग 2 सप्ताह से डॉ रमेश कुमार की हालत लगातार बिगड़ रही थी। तमाम प्रयासों के बावजूद अस्पताल के चिकित्सक उन्हें बचाने में कामयाब नहीं रहे हैं। डॉक्टर रमेश कुमार की मौत की सूचना से हर कोई स्तब्ध रह गया है।

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