देश में बनेगा 5जी दूरसंचार नेटवर्क

देश में बनेगा 5जी दूरसंचार नेटवर्क

लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आत्मनिर्भरता अपील पर तीन दिग्गज देसी कंपनियों ने देश में वर्चुअल 5जी दूरसंचार नेटवर्क तैयार करने का बीड़ा उठाया है। अनिल अग्रवाल की स्टरलाइट टेक्नोलॉजीज, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की रैडिसिस और टेक महिंद्रा नई पीढ़ी के इस नेटवर्क के लिए सॉफ्टवेयर, विनिर्माण और सिस्टम एकीकरण की क्षमताएं तैयार कर रही हैं। वर्चुअल नेटवर्क की सबसे बड़ी खासियत यह होगी कि इसमें हार्डवेयर पर निर्भरता खत्म हो जाएगी। हार्डवेयर के बजाय नया नेटवर्क सॉफ्टवेयर पर केंद्रित होगा। इससे ऑपरेटरों के पास वेंडरों के अधिक विकल्प होंगे और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं या ऑपरेटरों की लागत बहुत कम हो जाएगी क्योंकि वे जरूरत के मुताबिक बैंडविड्थ का इस्तेमाल करेंगे। इसका पहला उदारहण जापान में ई-कॉमर्स कंपनी राकुतेन द्वारा बनाया गया वर्चुअल नेटवर्क है। सॉफ्टवेयर कंपनी मैवरनिर के मुताबिक नए वर्चुअलाइज्ड नेटवक्र्स से पूंजीगत व्यय 40 फीसदी तक घट जाएगा और दूरसंचार ऑपरेटरों के परिचालन खर्च में भी 34 फीसदी कमी आएगी। आसान शब्दों में समझें तो अभी दूरसंचार कंपनियों के पास नेटवर्क खरीदने के लिए हुआवे, जेडटीई, एरिक्सन और नोकिया जैसे गिने-चुने विकल्प हैं और उन्हें समूचा हार्डवेयर तथा सॉफ्टवेयर नेटवर्क इन कंपनियों से खरीदना पड़ता है। यह अलग बात है कि ये कंपनियां नेटवर्क का रखरखाव करती हैं और उन्होंने शोध एवं विकास में बड़ी रकम खर्च की है। इस वक्त डेटा का इस्तेमाल और उसकी वजह से निवेश बढ़ने के बावजूद प्रति उपभोक्ता औसत आय (एआरपीयू) ज्यादा नहीं बढ़ रही है। इस कारण दूरसंचार कंपनियां पूंजी निवेश घटाने के तरीके तलाश रही हैं। वे ऐसा नेटवर्क भी तलाश रही हैं, जिसका जरूरत के हिसाब से कम या ज्यादा इस्तेमाल किया जा सके। जो ढांचा तैयार हो रहा है, उसमें ऑपरेटरों के पास हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर अलग-अलग कंपनियों से खरीदने का विकल्प होगा और वे चाहें तो बाद में खुद ही उन्हें बना भी सकते हैं। ऑपरेटर ऐसी आईटी कंपनियों से करार भी कर सकती हैं, जो हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर को मिलाकर उनका नेटवर्क चलाएंगी। बीएसएनएल 4जी नेटवर्क के लिए बोली लगाकर मोबाइल नेटवर्क के मैदान में उतरने की मंशा जाहिर कर चुकी टेक महिंद्रा भी सरकार से 5जी नेटवर्क के लिए चर्चा कर चुकी है।

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