चिड़चिड़ेपन की शिकायत पर धीमी हुई मस्जिदों में अजान की आवाज
नई दिल्ली। नागरिकों द्वारा की गई चिड़चिड़ेपन की शिकायत के बाद मुस्लिमों की सबसे बड़ी आबादी वाले देश इंडोनेशिया में अजान के लाउडस्पीकर की आवाज में काफी कमी की गई है। इसके लिए बाकायदा एक कमेटी गठित की गई थी, जिसकी सिफारिशों के आधार पर अजान की आवाज धीमी की गई है। अजान की तेज आवाज इस्लामिक परंपरा है ताकि आवाज दूर तक जाए।
मुस्लिमों की सबसे बड़ी आबादी वाले देश इंडोनेशिया में इंडोनेशिया मस्जिद परिषद की ओर से गठित की गई कमेटी की सिफारिशों के उपरांत तकरीबन 70 हजार से भी ज्यादा मस्जिदों में अजान की आवाज धीमी की गई है। परिषद के अध्यक्ष युसूफ कालरा ने बताया है कि देश की ज्यादातर मस्जिदों में साउंड सिस्टम ठीक नहीं है, जिसके चलते अजान की तेज आवाज आती है। इसमें सुधार लाने के लिए परिषद की ओर से तकरीबन 7000 टेक्नीशियन को काम पर लगाया गया और देश की तकरीबन 70000 मस्जिदों के लाउडस्पीकर की आवाज कम की गई है इसके लिए एक कमेटी भी बनाई गई है।
जकार्ता की अल इकवान मस्जिद के चेयरमैन अहमद तौफीक ने बताया है कि मस्जिदों में लगे लाउड स्पीकर की आवाज कम करना पूरी तरह से स्वैच्छिक है, क्योंकि हम देश के भीतर सामाजिक सौहार्द बनाए रखना चाहते हैं। उधर हिदातुल्ला यूनिवर्सिटी के अली ने कहा है कि कई लोग लाउडस्पीकर की तेज आवाज को गलत ढंग से धार्मिक जरूरत समझ लेते हैं, जबकि इससे लोगों की दिनचर्या प्रभावित होती है। मस्जिद परिषद की पहल के बाद अब हजारों मस्जिदों के लाउडस्पीकर की आवाज पहले के मुकाबले कम हो गई है। जिसके चलते अब मस्जिदों के आसपास रहने वाले लोगों को भी आवाज से कोई शिकायत नहीं रह गई है।
बताया जा रहा है कि पिछले कुछ समय से देश के भीतर अजान के लाउडस्पीकर की तेज आवाज को लेकर नागरिकों द्वारा विरोध के स्वर उठाए जाने लगे थे जिसके चलते ऑनलाइन शिकायतों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हो गई थी। नागरिकों का कहना था कि लाउडस्पीकर की तेज आवाज की वजह से उनके मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है और उनके भीतर अवसाद चिड़चिड़ापन और अनिद्रा की शिकायत पैदा हो रही है।