प्रकृति का रौद्ररूप देख निकली चीन की चीख-भूकंप से मलबे मे इमारतें

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नई दिल्ली। छोटी-छोटी बातों को लेकर विश्व के अन्य देशों को आंख दिखाने और छोटे देश की जमीन कब्जाने के मामलों को लेकर सिद्धहस्त हो चुके चीन की प्रकृति के रौद्र रूप को देखकर चीख निकल गई है। 6.1 तीव्रता के भूकंप के झटकों से ऊंची ऊंची इमारतें मलबे का ढेर बन गई है। इस भूकंप की चपेट में आकर 116 लोग काल के ग्रास बन गए हैं।

चीन के गांसू प्रांत में सोमवार की देर शाम आए भूकंप के झटकों की चपेट में आकर 116 लोगों की मौत हो चुकी है। घायल हुए 400 से भी ज्यादा लोगों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। 6.1 तीव्रता का यह भूकंप चीन के दो प्रांतों में सोमवार की देर रात आया। भूकंप का केंद्र गांसू के लिंक्सिया हुई में साला काउंटी में जमीन के 10 किलोमीटर नीचे होना बताया गया है‌। भूकंप की चपेट में आकर ऊंची ऊंची इमारत का इतना घातक नुकसान हुआ है कि वह मलबे के ढेर में तब्दील हो गए हैं। चीन की आपात सेवाओं को भूकंप के ठीक बाद मलबे में तब्दील हुई कई इमारतें से लोगों को सही सलामत निकालने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। चीन के राष्ट्रपति ने भी सरकार और प्रशासन के सभी विभागों से ऑल आउट ऑपरेशन चलाने को कहा है।

उल्लेखनीय है कि टेक्नोलॉजी के मामले में खुद को विश्व के अन्य देशों से कहीं आगे मानने वाले चीन के राष्ट्रपति समय-समय पर विश्व के अन्य देशों को आंखें तरेरते हुए दिखाई दे जाते हैं। टेक्नोलॉजी के बल पर वह किसी भी दुर्लभ कार्य को करने की क्षमता का बखान करते हुए विश्व के छोटे देश पर कब्जा करने की कोशिशें में लगे रहते हैं। लेकिन भूकंप के रूप में प्रकृति के रौद्र रूप ने दिखा दिया है कि उसके आगे किसी की नहीं चल सकती है।



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