चीनी कंपनी का टेंडर रद्द करने पर अपोजिशन बोला,फैसला अच्छा लेकिन रणनीति की जरूरत

चीनी कंपनी का टेंडर रद्द करने पर अपोजिशन बोला,फैसला अच्छा लेकिन रणनीति की जरूरत

पटना पटना में गांधी सेतु पर काम को लेकर चीन की कंपनी से टेंडर रद्द होने के मामले पर आरजेडी ने सरकार के फैसले का स्वागत करने के साथ सवाल भी खड़े किए हैं. आरजेडी प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने कहा कि,केवल दिखावे की बात हो रही है. अच्छी बात है चीन का बहिष्कार हो रहा है. लेकिन चीन से निपटने की ठोस रणनीति की जरूरत है. केवल दिखावे के लिए कार्रवाई नहीं होनी चाहिए।

वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा कि, चीन का बहिष्कार तो होना ही चाहिए. लेकिन बीजेपी बताए कि, पीएम केयर फंड में चीन ने कैसे पैसे दिए. मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री रहते हुए 9 बार नरेंद्र मोदी चीन कैसे चले गए. आखिर चीन से इतने याराना का क्या मतलब है? केवल दिखावे की राजनीति नहीं करे सरकार।

इधर, जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि, चीन से केंद्र सरकार ने काफी सख्ती से निपटा है, लेकिन हम चीन से खरीदते ज्यादा हैं और बेचते कम है. चीन का तो पूर्ण बहिष्कार होना ही चाहिए. बता दें कि, केंद्र सरकार ने पटना में गंगा नदी पर बने महात्मा गांधी सेतु के समानांतर बनाए जाने वाले महासेतु की परियोजना से जुड़े टेंडर को रद्द कर दिया है।

इस परियोजना में चीनी कंपनियां शामिल थीं. बिहार सरकार के शीर्ष आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को कहा कि, केंद्र ने टेंडर को रद्द कर दिया है. क्योंकि परियोजना के लिए चुने गए चार में से दो ठेकेदार चीनी कंपनियां थीं. पूरी परियोजना पर 2,900 करोड़ रुपए का पूंजीगत खर्च आने का अनुमान है. इसमें 5.6 किलोमीटर लंबा मुख्य पुल, अन्य छोटे पुले, अंडरपास और रेल उपरगामी पुल शामिल हैं।

गौरतलब है कि 16 दिसंबर, 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों पर केंद्र सरकार की कैबिनेट समिति ने इस महासेतु परियोजना को मंजूरी दी थी. अधिकारियों ने बताया कि प्रस्तावित महासेतु को गंगा नदी पर महात्मा गांधी सेतु के समानांतर बनाया जाना है, जिससे पटना, सारण और वैशाली जिलों को सहूलियत होगी।

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