नितिन गडकरी कल ओडिशा में 2345 करोड़ रुपये की लागत वाली तीन राष्‍ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के लिए भूमि पूजन करेंगे

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नई दिल्ली। केन्‍द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, नौवहन, जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी कल ओडिशा के ढेंकनाल जिले के कामाख्‍यानगर में तीन राष्‍ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के लिए भूमि पूजन करेंगे। इन राजमार्ग परियोजनाओं की कुल लंबाई 132 किलोमीटर है और इस पर 2345 करोड़ रुपये की लागत आएगी। केन्‍द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेन्‍द्र प्रधान भी उनके साथ होंगे।

मंत्री नितिन गडकरी कल पारादीप बंदरगाह भी जाएंगे। वहां 431 करोड़ रुपये की लागत वाली बंदरगाह परियोजना का उद्घाटन करेंगे और 3206 करोड़ रुपये की लागत वाली छह परियोजनाओं के लिए आधारशिला भी रखेंगे।

कल जिन परियोजनाओं के लिए आधारशिला रखी जाएगी, उनमें 795.18 करोड़ रुपये की लागत से एनएच 200/23 (नया एनएच 53) के तालचेर – कामाख्‍यानगर हिस्‍से की 41.726 किलोमीटर लंबाई को चार लेन बनाना, 761.11 करोड़ रुपये की लागत से एनएच 200 (नया एनएच 53) के कामाख्‍यानगर – डुबुरी हिस्‍से की 51.1 किलोमीटर लंबाई को चार लेन बनाना और 789.23 करोड़ रुपये की लागत से एनएच 200 (नया एनएच 53) के डुबुरी – चांदीखोले हिस्‍से की 39.4 किलोमीटर लंबाई को चार लेन बनाना शामिल हैं। उपर्युक्‍त परियोजनाओं के तहत यातायात के भीड़-भाड़ में कमी लाने और सड़क का इस्‍तेमाल करने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए समुचित संरचना की जाएगी। इनमें तीन बाईपास, एक फ्लाईओवर, 19 वाहन अंडरपास, 9 बड़े और 49 छोटे पुल और 45 किलोमीटर सर्विस रोड शामिल हैं।

राष्‍ट्रीय राजमार्ग की इन परियोजनाओं के पूरा होने से खनिज से समृद्ध ओडिशा के आंगुल और ढेंकनाल जिलों का राज्‍य के अन्‍य हिस्‍से से बेहतर संपर्क सुनिश्चित होगा। इन परियोजनाओं से यातायात की भीड़-भाड़ में कमी होने और एक स्‍थान से दूसरे स्‍थान तक आने-जाने में कम समय लगने के कारण वाहनों की आवाजाही पर लागत में कमी होगी और प्रदूषण में भी कमी होगी। इनसे इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर तैयार करने में मदद मिलेगी और स्‍थानीय लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा।

मंत्री नितिन गडकरी पारादीप में 431 करोड़ रूपये लागत से निर्मित 50 लाख टन प्रतिवर्ष क्षमता वाले एक मल्‍टीपर्पस क्‍लीन कार्गो बर्थ का उद्घाटन करेंगे। इस बर्थ (450 मीटर लंबा x 30 मीटर चौड़ा x 16 मीटर गहरा) में अधिकतम 125000 डीडब्‍ल्‍यूटी पर केपसाइज जहाजों को रखा जा सकता है। यहां बगल की पूरी लंबाई (3.2 किलोमीटर) से लगी रेललाइन है। कंटेनर आवाजाही क्षमता से स्‍थानीय उद्योग को वैश्विक बाजार तलाशने में मदद मिलेगी।

मंत्री नितिन गडकरी पारादीप बंदरगाह में छह परियोजनाओं की आधारशिला भी रखेंगे। इनमें शामिल हैं :-

I. साउथ ऑयल जट्टी में एलपीजी टर्मिनल : 7.5 लाख टन प्रतिवर्ष की क्षमता वाली इस परियोजना की लागत 690 करोड़ रुपये होगी। घरेलू जरूरतों की पूर्ति के उद्देश्‍य से एलपीजी के आयात के लिए मुख्‍य रूप से आईओसीएल द्वारा यह परियोजना कार्यान्वित की जाएगी।

II. कोयला आवाजाही के 3 बर्थों का मशीनीकरण : इस पर 1500 करोड़ रुपये की लागत आएगी। बर्थ की क्षमता 300 लाख टन प्रतिवर्ष होगी और निर्यात किए जाने वाले कोयले की आवाजाही में इसका इस्‍तेमाल होगा। यह दक्षिण भारत के बिजली संयंत्रों के लिए कोयला भेजने में भी महत्‍वपूर्ण होगा।

III. कोयला आयात के लिए नए बर्थ का विकास : 100 लाख टन प्रतिवर्ष क्षमता वाली इस परियोजना पर 655 करो़ड़ रुपये की लागत होगी। यह परियोजना अप्रैल, 2021 तक पूरी होगी। कोयला कार्गो के आयात के संचालन में इसका इस्‍तेमाल होगा और यह पूर्वी भारत के इस्‍पात उद्योग के लिए महत्‍वपूर्ण होगी।

IV. मल्‍टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क का विकास : 350 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैले इस पार्क पर 200 करोड़ रुपये की लागत होगी। कोनकोर द्वारा 100 एकड़ क्षेत्र का विकास किया जा रहा है। पार्क में 11 लाख वर्ग फीट में भंडारण सुविधा होगी।

V. पीपीटी में एमसीएचपी और आईओएचपी की संपर्कता : इस पर 67 करोड़ रुपये की लागत होगी। इस परियोजना का इस्‍तेमाल बीओएक्‍सएन वैगनों द्वारा लौह अयस्‍क आवाजाही संयंत्र से मशीनीकृत कोयला आवाजाही संयंत्र स्‍टॉकयार्ड तक थर्मल कोयले के स्‍थानांतरण के लिए किया जाएगा।

VI. बंदरगाह से फ्लाईओवर सहित दूसरा एग्जिट रोड : इस पर 94 करोड़ रुपये की लागत होगी महानगर क्षेत्र के भीतर यातायात में आसानी के लिए एसआईपीसी परियोजना के हिस्‍से के रूप में फ्लाईओवर सहित पीपीटी से दूसरा एग्जिट मार्ग का प्रस्‍ताव किया गया है। इस परियोजना से राष्‍ट्रीय राजमार्ग से बंदरगाह का बेहतर संपर्क कायम होगा और यह दूसरा एग्जिट रूट भी होगा। भारतीय राष्‍ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) और पोर्ट द्वारा इसे कार्यान्वित किया जाएगा।

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