अपराधियों को चेतावनी पुलिस पर गोली चलाएंगे तो खामियाजा भगुतना ही होगा : योगी आदित्यनाथ

अपराधियों को चेतावनी पुलिस पर गोली चलाएंगे तो खामियाजा भगुतना ही होगा : योगी आदित्यनाथ

लखनऊ : यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ राज्य की कानून व्यवस्था सुधारने और निवेश आकर्षित करने को लेकर जी तोड़ कोशिश कर रहे हैं। राज्य में अपराधियों के एनकाउंटर को योगी सही ठहराते हुए कहते हैं कि कानून-व्यवस्था के लिए ऐसा जरूरी है। सीएम कहते हैं कि अपराधियों को चेतावनी दी जा चुकी थी, लेकिन अगर वे पुलिस पर गोली चलाएंगे तो उन्हें खामियाजा भगुतना ही होगा । राज्य में लाल फीताशाही को खत्म करने के लिए भी योगी सरकार कमर कस चुकी है।

एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में योगी आदित्यनाथ ने राज्य में निवेश आकर्षित करने और कानून-व्यवस्था समेत कई मुद्दों पर खुलकर बात की है...

सवाल - उत्तर प्रदेश के लिए निवेशकों के मन में सबसे बड़ी आशंका कानून-व्यवस्था को लेकर है। आपने अपराधियों पर नकेल कसने के लिए कदम उठाए हैं। पुलिस और अपराधियों के बीच एनकाउंटर हो रहे हैं। क्या निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए यह आपकी योजना का एक हिस्सा था?
जवाब - हम पहले दिन से यह कह रहे हैं कि इस सरकार का गठन यूपी को अपराध-मुक्त बनानेके लिए हुआ था। हमने बिना किसी भेदभाव के अपराधियों की धरपकड़ की। हमने पहले उन्हें चेतावनी दी और फिर कार्रवाई की। हमने कहा, 'अगर आपने गोली चलाई, तो आपको परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा। अगर आप मारते हैं तो, परिणाम आपके लिए अच्छे नहीं होंगे। पुलिस पर गोली चलाओगे तो ठीक नहीं होगा। आज हम परिणाम देख सकते हैं। अपराधी सड़कों पर तख्तियां लेकर घूम रहे हैं जिन पर लिखा है, 'मैं अपराधी नहीं हूं'।'
सवाल -निवेशकों को आकर्षित करने में सबसे बड़ी बाधा लाल फीताशाही और सरकारी मशीनरी की मानसिकता रही है। इसके बारे में आप क्या कहेंगे?
जवाब - यूपी के बारे में धारणा इतनी खराब थी कि कोई वित्तीय संस्थान हमें लोन देने के लिए तैयार नहीं हो रहा था। जब भी हमने उनसे बात की या हमारे अधिकारी उनके पास गए, तो उन्होंने हमसे बात तक नहीं की। कुछ बैंकों के साथ तो मैंने खुद बात की। मुझे बुरा लगा। मुझे महसूस हुआ कि बाहर हमारी छवि कितनी खराब है। उस समय मैंने फैसला कर लिया कि हम भीख नहीं मांगेंगे। हम लोगों पर कोई भार दिए बिना अपने खुद के संसाधन बनाएंगे।
सवाल - लेकिन लाल-फीताशाही का डर अभी बरक़रार है...
जवाब - नकारात्मक धारणा को 'प्रशासनिक मकड़जाल' द्वारा बनाया गया था। अब हम इसे खत्म करने के लिए तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि प्रक्रिया आसान हो सके और अधिकारी जिम्मेदार बन सकें। उन्होंने कहा, 'उत्तर प्रदेश में हमारे सत्ता में आने से पहले, प्रदेश में भूखमरी के कुछ मामले सामने आए थे। जब मैं मुख्यमंत्री बना तो मैंने अधिकारियों से पूछा कि ऐसा क्यों हुआ। मुझे कोई जवाब नहीं मिला हमें पता लगा कि राज्य में 30 लाख फर्जी राशन कार्ड थे। और हमें 37 लाख लोगों के पास राशन कार्ड ना होने की जानकारी मिली। हमने लोगों को राशन कार्ड दिए। लेकिन फिर भी शिकायतें मिल रहीं थी कि पीडीएस (पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम) दुकान मालिक पूरा राशन नहीं दे रहे। हमें यह भी महसूस हुआ कि राशन कार्ड की लागत बहुत ज़्यादा हो रही थी और हमारे पास पैसे नहीं थे। तब हमने एक सादा कागज पर राशन कार्ड बनाने का फैसला किया और उनहें आधार से लिंक कराया। साथ ही राशन की दुकानों पर पीओएस मशीन उपलब्ध कराईं।'
नौकरशाही लाल-फीताशाही का एक हल तकनीक भी है। हमने इंडस्ट्री के लिए सिंगलविंडो क्लियरेंस सिस्टम का डिजिटलाइज़ेशन कर दिया है। अब सभी फाइलों के लेन-देन को मुख्यमंत्री के कार्यालय (सीएमओ) द्वारा मॉनिटर किया जाएगा। जब भी किसी फाइल को रोका जाता है, सीएमओ को अलर्ट मिलेगा और मुझे जानकारी मिलेगी कि फाइल को कहां रोका गया है। किसी को नौकरी करना होगा तो उसको जवाबदेही के साथ करना होगा। यह सब माहौल को बदलने वाली बात है। अगर आप सही काम करते हैं, तो सही लोगों तक सही मैसेज ही जाता है।
सवाल - ऐसी खबरें हैं कि यूपी सरकार को पहले ही 3 लाख करोड़ के निवेश के लिए प्रस्ताव मिल चुके हैं और यह आंकड़ा 5 लाख करोड़ पहुंचने की उम्मीद है। आपको क्या लगता है कि इनमें से कितना असल निवेश में बदलेगा?
जवाब - यह देश में अब तक का सबसे बेहतर इवनवेस्टर्स समिट होगा। निवेश का आंकड़ा उम्मीद से कहीं ज़्यादा होगा।
सवाल - आप राज्य में कानून एवं व्यवस्था को सुधारने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं और निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए दूसरे सुधार भी किए जा रहे हैं। लेकिन क्या आपको नहीं लगता कि सहारनपुर और कासगंज में हिंसा जैसी घटना रुकावट का काम कर सकती है।
जवाब - ये दुर्घटनाएं थीं ना कि दंगे। ये समान्य घटनाएं हैं। इसे आप दंगा नहीं कह सके। दोनों ही घटनाओं को यूपी पुलिस द्वारा नियंत्रित कर लिया गया। कर्फ्यू जैसी नौबत नहीं आई। कोई मिलिट्री या पैरा-मिलिट्री फोर्स को बुलाने की जरूरत नहीं पड़ी। बिना किसी पक्षपात के कार्रवाई की गई।
सवाल - जब से आप सीएम बने हैं ऐसा लगता है कि आपकी छवि पूरी तरह बदल गई है। हिंदुत्व-समर्थक से एक ऐसे सीएम जो आज मदरसों के आधुनिकीकरण की बातें करते हैं। क्या ऐसा राज्य में आपके द्वारा लाए जाने वाले बदलाव (निवेशकों को बुलाने के लिए भी) के लिए हो रहा है?
जवाब - मेरी छवि बदली नहीं है। मैं अभी भी वही हूं जो मैं पहले था। हो सकता है कि लोगों का नज़रिया बदल गया हो। ...हम सिर्फ मदरसों को पैसे नहीं देते, बल्कि उन्हें आधुनिक बनाने में भी हमने मदद की है। हम यूपी को दिव्यांग नहीं बनने देंगे। सबका विकास करेंगे।
सवाल -समिट के दौरान जब आप कारोबारियों से मिलेंगे तो उनके लिए आपका क्या संदेश होगा?
जवाब - मैं उन्हें बताऊंगा, 'देश के सबसे बड़े बाज़ार में आपका स्वागत है।' यूपी अब वाकई उत्तर प्रदेश है ना कि एक प्रश्न प्रदेश।
साभार : टाइम्स ऑफ इंडिया

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