मुख्यमंत्री ने 12000 आशा कार्यकत्रियों तथा लगभग 2100 एएनएम के लिए दुर्घटना बीमा योजना की घोषणा की

मुख्यमंत्री ने 12000 आशा कार्यकत्रियों तथा लगभग 2100 एएनएम के लिए दुर्घटना बीमा योजना की घोषणा की

देहरादून : मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरूवार को मुख्यमंत्री आवास में अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
मुख्यमंत्री ने बारह हजार आशा कार्यकत्रियों तथा लगभग 2100 एएनएम के लिए दुर्घटना बीमा योजना की घोषणा की मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर प्रदेश की 12 हजार आशा कार्यकत्रियों एवं लगभग 2100 एएनएम को दुर्घटना एवं अपंगता की स्थिति में 02 लाख रूपये तक की बीमा योजना की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि जच्चाबच्चा की प्रारम्भिक देखभाल की जिम्मेदारी आशा कार्यकत्रियों एवं एएनएम की होती है। जन स्वास्थ्य में इनकी भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने सभी एएनएम को कम्प्यूटर टैबलेट देने की भी घोषणा की। प्रदेश की आशा कार्यकत्रियों के लिए 33 करोड़ रूपये की प्रोत्साहन राशि जारीसीएम मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रदेश की आशा कार्यकत्रियों को वर्ष 201213 से रूकी हुई वार्षिक प्रोत्साहन धनराशि हेतु 33 करोड़ रूपये जारी कर दिये गये हैं।
गौरतलब है कि वर्ष 2012 से आशा कार्यकत्रियों को 5 हजार रूपये प्रतिवर्ष प्रोत्साहन राशि देने की योजना शुरू की गयी थी, जिसका कभी भी नियमित रूप से भुगतान नहीं हो पाया। आशा कार्यकत्रियों द्वारा इसकी लगातार माँग की जा रही थी। 'आपकी राय, आपका बजट' कार्यक्रम के दौरान भी इस लम्बित राशि को जारी किए जाने का सुझाव प्राप्त हुआ था।
आशा कार्यकत्रियों की मांग का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने योजना की शुरूआत से अब तक की लम्बित पूर्ण 33 करोड़ की धनराशि जारी कर दी है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के दिन जारी हुई इस राशि से प्रदेश की 12000 आशा कार्यकत्रियों में से प्रत्येक को न्यूनतम 25 हजार रूपये प्राप्त होंगे। 481 डाॅक्टरों एवं 293 महिला स्वास्थ्य कार्यकत्री की भर्ती प्रक्रिया पूर्ण अध्यक्ष, चिकित्सा चयन बोर्ड श्री डी.एस. रावत ने बताया कि वर्तमान में चालू भर्ती प्रक्रिया में 481 चिकित्सकों का चयन और हुआ है। जिसमें से 193 महिला चिकित्सक तथा 86 विशेषज्ञ डाॅक्टर सम्मिलित हैं।
महानिदेशक चिकित्सा ने बताया कि चिकित्सा विभाग में 440 महिला स्वास्थ्य कार्यकत्री के रिक्त पदों के सापेक्ष 293 पदों पर चयन कर लिया गया है तथा 380 पदों पर चयन हेतु विज्ञप्ति जारी कर दी गयी है।
स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाना राज्य सरकार की प्राथमिकता सीएम मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाना राज्य सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बनने के बाद पहले वर्ष एक हजार डाॅक्टरों की नियुक्ति का लक्ष्य रखा गया था, जिसके मुकाबले 1140 डाॅक्टरों की नियुक्ति की जा चुकी है। सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए सरकार ने टेली मेडिसिन, टेली रेडियोलाॅजी एवं डिजिटल पैथोलाॅजी के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रही है। प्रदेश के 12 अस्पताल टेली रेडियोलाॅजी एवं 24 अस्पताल टेली मेडिसिन से जुड़ चुके हैं। उन्होंने कहा कि देश में 147 सेटरों में आॅन लाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा है, जिसमें से 47 सेंटर उत्तराखण्ड के हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष राज्य के सभी जिला अस्पतालों में आईसीयू की सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। पिथौरागढ़, पौड़ी एवं टिहरी के जिला अस्पतालों में आईसीयू के लिए कार्य प्रारम्भ हो चुका है। अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर प्रदेश में बाल लिंगानुपात को संतुलित करने का सबको संकल्प लेना होगा ।
सीएम मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि इस वर्ष अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस की थीम है 'प्रेस फाॅर प्रोग्रेस'। प्रदेश में बाल लिंगानुपात में बेटियों की संख्या में 2011 की जनगणना के बाद वृद्धि तो हुई है, लेकिन इसको संतुलित करने के लिए व्यापक स्तर पर जन जागरूकता जरूरी है। 2011 में उत्तराखण्ड में बाल लिंगानुपात 890 था जो वर्तमान में 934 तक पहुंच गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2020 तक बाल लिंगानुपात को 950 से अधिक पहुंचाना होगा। महिला सशक्तीकरण की दिशा में राज्य सरकार अग्रसरसीएम मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि अगर महिला मजबूत होगी तो समाज को मजबूती मिलेगी। यदि समाज के दो पहिये समान रूप से विकास में अपना योगदान देंगे तो प्रदेश एवं समाज का विकास तेजी से होगा।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार महिला सशक्तीकरण हेतु कृत संकल्पित है। महिला स्वयं सहायता समूहों को स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण दिये जा रहे हैं। समाज को जोड़ने एवं समाज के संरक्षण में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका मुख्य सचिव मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि समाज को जोड़ने एवं समाज के संरक्षण में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। यह अवसर केवल महिलाओं का नहीं बल्कि समाज का उत्सव है। 21वीं शताब्दी महिलाओं की शताब्दी होने जा रही है। आज महिलाएं हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रही हैं। उत्तराखण्ड की महिलाएं सभी क्षेत्रों में बढ़चढ़ कर प्रतिभाग कर रही हैं एवं अच्छा कार्य कर रही हैं। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तीकरण के लिए प्रदेश में मातृ मृत्यु दर को कम करना एवं बाल लिंगानुपात बढ़ाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य तंत्र को और सुदृढ़ किया जायेगा।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश, सचिव झा, अपर सचिव स्वास्थ्य युगल किशोर पंत, स्वास्थ्य महानिदेशक अर्चना श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे।

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