महात्मा गांधी की आज के युग में प्रासंगिकता : नरेंद्र मोदी

महात्मा गांधी की आज के युग में प्रासंगिकता : नरेंद्र मोदीThe Prime Minister, Narendra Modi addressing at a program on 'Relevance of Mahatma Gandhi in the Contemporary World', in New York, USA on September 24, 2019.
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Secretary General Antonio Guterres,

President Moon

Prime Minister Lee

Prime Minister Sheikh Hasina

Prime Minister Andrew Holness

Prime Minister Ardern

Prime Minister Lotay Tshering

Excellencies, Friend's

हम सभी महात्मा गांधी की 150वीं जन्म जयंती पर, आज के युग में उनकी प्रासंगिकता पर बात करने के लिए एकजुट हुए हैं।


आप सभी विशिष्ट अतिथियों का मैं स्वागत करता हूं।





महात्मा गांधी की डेढ़ सौ वीं जन्म-जयंती पर एक Commemorative Stamp जारी करने के लिए मैं U.N. का भी विशेष आभार व्यक्त करता हूं।

भारतीय थे, लेकिन सिर्फ भारत के नहीं थे। आज ये मंच इसका जीवंत उदाहरण है।

इतिहास में ऐसा कहीं देखने को नहीं मिलता है, जब किसी व्यक्ति का शासन से दूर-दूर तक संबंध नहीं हो और वो सत्य और अहिंसा की शक्ति से, सदियों पुराने साम्राज्य को न सिर्फ झकझोर दे बल्कि अनेक देशभक्तों में आजादी की ललक जगा दे।

महात्मा गांधी ऐसे ही व्यक्ति थे और सत्ता से इतना दूर रहने के बावजूद आज भी वो करोड़ों लोगों के दिलों पर राज कर रहे हैं।

आप कल्पना कर सकते हैं कि जिनसे गांधी जी कभी मिले नहीं, वो भी उनके जीवन से कितना प्रभावित रहे। मार्टिन लूथर किंग जूनियर हों या नेल्सन मंडेला उनके विचारों का आधार महात्मा गांधी थे, गांधी जी का विजन था।

साथियों,

आज लोकतंत्र की परिभाषा का एक सीमित अर्थ रह गया है कि जनता अपनी पसंद की सरकार चुने और सरकार जनता की अपेक्षा के अनुसार काम करे। लेकिन महात्मा गांधी ने लोकतंत्र की असली शक्ति पर बल दिया। उन्होंने वो दिशा दिखाई जिसमें लोग शासन पर निर्भर न हों और स्वावलंबी बनें।

साथियों,

महात्मा गांधी, भारत की आजादी की लड़ाई के केंद्र बिंदु थे लेकिन पलभर के लिए हमें ये भी सोचना चाहिए कि अगर आजाद देश में गांधी जी पैदा हुए होते तो वो क्या करते?

उन्होंने आजादी की लड़ाई लड़ी, ये बात महत्वपूर्ण है लेकिन गांधी जी के कार्यों का विस्तार सिर्फ इतना ही नहीं।

महात्मा गांधी ने एक ऐसी समाज व्यवस्था का बीड़ा उठाया, जो सरकार पर निर्भर न हो।

महात्मा गांधी परिवर्तन लाए, ये सर्वविदित है, लेकिन ये कहना भी उचित होगा कि उन्होंने लोगों की आंतरिक शक्ति को जगा कर उन्हें स्वयं परिवर्तन लाने के लिए जागृत किया।

अगर आजादी के संघर्ष की जिम्मेदारी गांधी जी पर न होती तो भी वो स्वराज और स्वावलंबन के मूल तत्व को लेकर आगे बढ़ते।

गांधी जी का ये विजन आज भारत के सामने बड़ी चुनौतियों के समाधान का बड़ा माध्यम बन रहा है।

बीते 5 वर्षों में हमने Peoples Participation-जनभागीदारी को प्राथमिकता दी है। चाहे स्वच्छ भारत अभियान हो, डिजिटल इंडिया हो, जनता अब इन अभियानों का नेतृत्व खुद कर रही है।

साथियों,

महात्मा गांधी कहते थे कि उनका जीवन ही उनका संदेश है। गांधी जी ने कभी अपने जीवन से प्रभाव पैदा करने का प्रयास नहीं किया लेकिन उनका जीवन ही प्रेरणा का कारण बन गया। आज हम How to Impress के दौर में जी रहे हैं लेकिन गांधी जी का विजन था- How to Inspire.

गांधी की लोकतंत्र के प्रति निष्ठा की ताकत क्या थी, इससे जुड़ा एक वाकया मैं आपको सुनाना चाहता हूं। जब कुछ वर्ष पहले मैं ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ से मिला, तो उन्होंने मुझे बहुत भावुकता से एक रुमाल दिखाया था। ये खादी से बना वो रुमाल था, जो गांधी जी ने उन्हें शादी के समय उपहार में दिया था।

सोचिए, जिसके साथ सिद्धांतों का संघर्ष था, उसके साथ संबंधों को लेकर कितनी संवेदनशीलता भी उनके मन में थी। वो उनका भी भला चाहते थे, सम्मान करते थे, जो उनके विरोधी थे, जिनके साथ वो आजादी की लड़ाई लड़ रहे थे।


साथियों,

सिद्धांतों के लिए इसी प्रतिबद्धता ने गांधी जी का ध्यान ऐसी सात विकृतियों की तरफ खींचा, जिनके प्रति सभी को जागरूक रहना चाहिए। ये हैं-

Wealth Without Work

Pleasure Without Conscience

Knowledge Without Character

Business Without Ethics

Science Without Humanity

Religion Without Sacrifice

Politics Without Principle

चाहे क्लाइमेट चेंज हो या फिर आतंकवाद, भ्रष्टाचार हो या फिर स्वार्थपरक सामाजिक जीवन, गांधी जी के ये सिद्धांत, हमें मानवता की रक्षा करने के लिए मार्गदर्शक की तरह काम करते हैं।

मुझे विश्वास है कि गांधी का दिखाया ये रास्ता बेहतर विश्व के निर्माण में प्रेरक सिद्ध होगा।

मैं समझता हूं कि जब तक मानवता के साथ गांधी के विचारों का ये प्रवाह बना रहेगा, तब तक गांधी जी की प्रेरणा और प्रासंगिकता भी हमारे बीच बनी रहेगी।

फिर एक बार आप सभी का बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूँ !

Thank you!

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