हरिद्वार संत परम्परा का केंद्र हैं : त्रिवेंद्र सिंह रावत

हरिद्वार संत परम्परा का केंद्र हैं : त्रिवेंद्र सिंह रावत

हरिद्वार : मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नया बड़ा उदासीन अखाड़ा कनखल में श्रीचन्द भगवान के तीसरे मूर्ति स्थापना दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सहित शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक एवं हरिद्वार नगर निगम के मेयर मनोज गर्ग ने भी चन्द भगवान की पूर्जा अर्चना की।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद राज्य में स्वच्छ एवं पारदर्शी शासन के लिए उन्होंने हरिद्वार आकर साधु सन्तों का आशीर्वाद प्राप्त किया था। उसी का परिणाम है कि राज्य सरकार ने 10 माह के कार्यकाल में पारदर्शी तरीके से कार्य किया और विपक्ष के सामने पारदर्शी शासन की मिसाल रखी। उन्होंने कहा कि वह पुनः 2021 में होने वाले महाकुम्भ के कुशलतापूर्वक आयोजन के लिए सभी संतो का आशीर्वाद एवं सहयोग लेने की अपेक्षा से अखाड़े में उपस्थित हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरिद्वार संत परम्परा का केंद्र हैं। यहां होने वाला महाकुम्भ उत्तराखण्ड ही नहीं वरन् भारत वर्ष का महापर्व है। जो अपनी भव्यता के कारण वैश्विक पहचान बना चुका है। उन्होंने कहा कि इस बार महाकुम्भ को पहले से बेहतर स्वरूप में आयोजित एवं सम्पन्न कराना राज्य सरकार की प्राथमिकता है।

महाकुम्भ को सम्पन्न करने के लिए मुख्यमंत्री ने समस्त संत समाज से सहयोग की अपील की। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह पहले ही जिला प्रशासन को निर्देशित कर चुके हैं कि हरिद्वार को एक नये धार्मिक स्वरूप के साथ सुसज्जित किया जाये। यहां आने वाले प्रत्येक तीर्थ यात्री को हरिद्वार की सीमा में प्रवेश करते ही अनुभव हो कि वह किसी तीर्थ स्थल की ओर बढ़ रहा है। सौन्दर्यीकरण की सभी योजनाओं में अखाडों, स्थानीय नागरिकों, व्यवसायियों के आपसी सहयोग से कार्य किया जाये। इस अवसर पर अखाड़े के महामण्डलेश्वर श्याम सुन्दर शास्त्री व मुखिया महन्त भगतराम दास, अखाड़ा अध्यक्ष महन्त धुनी दास, मुख्य सचिव महन्त जगतराम मुनि, सचिव महन्त त्रिवेणीदास, महन्त सुजीत मुनि, महन्त मंगल दास, महन्त रविन्द्रपुरी सहित अनेक साधु संतो ने मुख्यमंत्री सहित शहरी विकास मंत्री एवं हरिद्वार नगर निगम के मेयर को भगवान श्री चन्द्र के समक्ष सकुशल राजकीय संचालन का आर्शीवाद प्रदान किया।

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