मेरठ ज़ोन में --- धायं-धायं करने वाले बदमाश थानों में जाकर बोल रहे तौबा - तौबा

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मुज़फ्फरनगर। सहारनपुर शहर का कुतुबशेर पुलिस स्टेशन । यहां पर इंस्पेक्टर कुलदीप सिंह अपने दफ्तर में बैठे हुए थे कि तभी एक व्यक्ति हांफता हुआ उनके पास खड़ा हुआ और बोला कोतवाल साहब, मैं गोकशी का आरोपी हूं, मेरे ऊपर गैंगस्टर का भी मुकदमा है। मुझे आप जेल भेज दो मैं पुलिस की गोली खाकर जेल नही जाना चाहता साहब। यह अल्फाज कभी अपराध के लिहाज से सबसे संवेदनशील कहे जाने वाले मेरठ जोन के जिलों में प्रशांत की पुलिस के ऑपरेशन क्लीन से बदमाश थानों में जाकर बोल रहे है, यह मेरठ जोन में पहली बार नही हुआ है । जब से प्रशांत कुमार ने एडीजी जोन का कार्यभार संभाला है तब से पुलिस बदमाशो को बदहवास किये हुए है, बदमाश है कि अपराध से तौबा करते नजर आ रहे है या पुलिस की बुलेट से घायल होकर बड़े घर को रवाना हो रहे है। अपने दफ्तर में बैठकर अपराधियों पर शिकंजा कसने और मेरठ जोन को क्रिमिनल फ्री जोन बनाने की मुहिम में जुटे एडीजी प्रशांत कुमार की पुलिस मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप काम कर रही है।



गौरतलब है कि थाने में जाकर तौबा तौबा बोलने वाला यह बदमाश आसिफ उर्फ चीका है, वह ढोलीखाल का रहने वाला है। उस पर गोकशी का मामला दर्ज है। इसे तीन महीने पहले गैंगस्टर अधिनियम में निरुद्ध किया गया था। तब से चीका फरार चल रहा था।। जो बदमाश अपनी हनक और दबंगई से समाज में सनसनीखेज वारदातों को बेखौफ ढंग से अंजाम देकर दहशत का कारोबार किया करते थे, पुलिस के 'जौहर' ने उनको घुटने पर लाने का काम किया। पुलिस की बुलेट का बारूद जब इन बदमाशों के जिस्मों को घायल कर फटने लगा तो दहशत की भी रूह कांप उठी। नतीजा ये नजर आया कि बदमाश अपने गले में अपराध से तौबा की तख्तियां टांगकर बाजारों में घूमते नजर आये और थानों में पहुंचकर अफसरों के सामने अपराध का रास्ता छोड़ने की कसमें खाकर जान की अमान मांगी।

मेरठ जोन में एनकाउंटर करने वाली पुलिस का खौफ बदमाशों पर साफ नजर आया हैं। मेरठ, मुजफ्फरनगर, नोएडा, गाजियाबाद में अपना प्रभुत्व रखने वाले रोहित सांडू, अनुज बालियान, मुकीम काला, सुन्दर भाटी गिरोह की कमर तोड़ने वाली पुलिस की बुलेट से बचने के लिए जहां अपराधी जेल जाने लगे, वहीं पुलिस से जान की अमान मांगते हुए अपराधों से तौबा करने के लिए थानों का रुख किया। बुलन्दशहर के एसएसपी के दफ्तर में शिकारपुर क्षेत्र निवासी एक युवक पहुंचा और हाथ जोड़कर एसएसपी कार्यालय पर तैनात पुलिसकर्मियो को बताया कि वो सुन्दर भाटी गैंग के साथ काम कर चुका है, अब वो सरेंडर करना चाहता है, उसकी जान बख्श दी जाये। इस युवक ने पुलिसकर्मियों से गिड़गिड़ाते हुए जेल भेजने को कहा।

ये अकेला मामला नहीं है, शामली जनपद के कैराना के गांव मौहम्मदपुर रायसिंह निवासी दो सगे भाई तत्कालीन एसपी डाॅ. अजयपाल शर्मा के सामने पेश हुए। एसपी को शपथ पत्र देकर दोनों ने जीवन में कभी भी अपराध न करने की कसमें खायी। शपथ पत्र में सालिम उर्फ बाबा और उसके भाई इरशाद ने बताया था, ''साहब! हमारे खिलाफ कैराना थाने एवं अन्य स्थानों पर कई मुकदमे दर्ज हैं। हम एक माह पूर्व ही जेल से छूटकर घर आये हैं। हम शादीशुदा हैं और अब समाज में सभ्य व्यक्ति की भांति जीवन व्यतीत करना चाहते हैं। अपराधों से तौबा करते हुए ये दोनों भाई गले में तख्ती लेकर बाजार में घूमते नजर आये तो लोगों में पुलिस के प्रति जनविश्वास कायम हुआ। यूपी में अपराधियों के खिलाफ पुलिस के ऑपरेशन आल आउट का ये असर दिखाई दिया कि एनकाउंटर के डर से अपराधियों ने बेल से ज्यादा जेल को सुरक्षित समझा।



हापुड़ जनपद में तो एक कुख्यात लुटेरा अंकित कुमार अपने गांव के लोगों के साथ बाबूगढ़ थाने में जा पहुंचा । मुठभेड़ में पुलिस की गोली का शिकार होने का डर अंकित का सता रहा था, गोली मारकर कार लूटने के इस आरोपी पर पुलिस ने 15 हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। अंकित ने थाना प्रभारी से विनती कर कहा, ''साहब! मुझ पर 15 हजार का इनाम है, अब मैं अपराध से तौबा कर स्वयं आया हूं, कृपा मुझे गिरफ्तार कर जेल भेज दीजिए। थाना प्रभारी अंकित को लेकर एएसपी राम मोहन सिंह के पास पहुंचे और मामले से अवगत कराया। अंकित ने अपने साथी के साथ 22 दिसम्बर 2017 को मेरठ के गांव मुडाली निवासी नईम को गोली मारकर कार व नकदी लूटी थी। नईम हापुड़ के गांव भमैडा अपनी रिश्तेदारी में आ रहा था।

सिखेड़ा निवासी थाने का हिस्ट्रीशीटर बदमाश मोहम्मद इस्लाम पुत्र मासूम अली ने क्षेत्र के संभ्रात लोगों के साथ थाना प्रभारी मनोज चैधरी के समक्ष आत्मसमर्पण कर अपराध से तौबा करने की कसम खाई। बदमाश इस्लाम ने तीन वर्ष पूर्व सुपारी लेकर नंगला गंगनहर पर चरथावल थाने के वसीम पुत्र इस्तखार की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में आरोपी आठ साल जेल में रहकर अब जमानत पर बाहर आया है। इस्लाम थाने का सक्रिय अपराधी है। हालांकि वह अपराधियों के प्रति चलती एनकाउंटर करने की कार्रवाई को लेकर खौफजदा हो गया तथा थाने में सरेंडर कर दिया। थाना प्रभारी मनोज चौधरी ने बताया कि इस्लाम थाने के टॉप फाइव बदमाशों में हिस्ट्रीशीटर है। इस्लाम ने चरथावल थाना क्षेत्र के कस्बा निवासी वसीम की हत्या सुपारी लेकर की थी।



इसका एक और उदाहरण भी मुजफ्फरनगर के थाना चरथावल में भी उस समय देखने को मिला था जब थाना क्षेत्र के तीन कुख्यात बदमाशों ने थाना चरथावल में तत्कालीन इंस्पेक्टर जी सी शर्मा के सामने पहुंचकर अपराध से तौबा करने की कसम खाते हुए सरेंडर कर दिया। इन तीनों बदमाशों के नाम नसीम, मुबारिक, और अहसान था जो थाने के हिस्ट्रीशीटर अपराधी रह चुके है। साथ ही साथ लूट चोरी और गोकशी के मामले में कई कई बार जेल भी जा चुके है। ऐसे ही कई मामले मेरठ जोन में 'एग्रीसिव पुलिसिंग' की सफलता दर्शाते हैं।

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