मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे मनीष- पदाधिकारियों ने स्मृति चिन्ह देकर किया सम्मानित

मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे मनीष- पदाधिकारियों ने स्मृति चिन्ह देकर किया सम्मानित

मुजफ्फरनगर। नई मंडी के मौहल्ला पटेलनगर में चल रही श्री आदर्श रामलीला कमेटी द्वारा बीती रात की रामलीला के मंचन में महिषासुर का वध रामजन्म की लीला का हुआ। श्रीराम लीला मंचन का शुभारंभ दीप प्रज्वलित करते हुए मुख्य अतिथि प्रमुख समाजसेवी मनीष चौधरी व उनकी धर्मपत्नी निधि चौधरी ने श्रीराम परिवार श्रीरामायण जी की आरती उतारी और तिलक किया। श्री रामलीला कमेटी के पदाधिकारियो ने मनीष चौधरी व उनकी पत्नी को पटका पहनाकर व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।

मुख्य अतिथि मनीष चौधरी ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि प्रभु श्रीराम की समस्त लीलाओं से मिली सीख व मर्यादा के पाठ से हम अपने जीवन में एक को भी अपना लें, तो हमारा उद्धार हो जाएगा। उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में हिंदू समाज द्वारा दशहरे के अवसर पर लाखों की संख्या में रावण, कुंभकर्ण व मेघनाद के पुतले दहन कर विजयदशमी पर्व मनाया जाता है, जो हमारी सनातन धर्म परंपरा को मजबूत करने का माध्यम बनता है। उन्होंने प्रभु श्री राम के बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लेकर आगे बढ़ने का संकल्प लिया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि मास्टर विजय सिंह को भी सम्मानित किया गया।

उल्लेखनीय है कि नगर में कोविड की आपदा से पहले सात रामलीला हुआ करती थी, गत वर्ष से नगर में एकमात्र श्री आदर्श रामलीला कमेटी पटेल नगर के तत्वाधान में ही सिर्फ यहाँ पर ही रामलीला का मंचन हो रहा है। देखने में आ रहा है कि इस रामलीला को भारी संख्या में भक्तजन देखने को आ रहे हैं तथा धर्म लाभ उठा रहे हैं। रामलीला के पदाधिकारी व सभासद विकल्प जैन ने बताया कि पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी नगर में एकमात्र पटेलनगर में ही रामलीला का मंचन किया जा रहा है, जिसमें कोविड-19 के सभी नियमों का पालन किया जा रहा तथा भक्तों को सावधानी बरतने के लिए बताया जा रहा है। इस रामलीला में भक्त बड़ी श्रद्धा व आस्था से प्रभु की आरती करते हैं तथा रामलीला का मंचन देख कर धर्म लाभ उठाते हैं।

गत दिवस की रात्रि रामलीला में सर्वप्रथम महिषासुर वध की लीला का मंचन हुआ तत्पश्चात श्रीराम जन्म की लीला का मंचन किया गया, जिसमें दर्शाया गया कि किस प्रकार पुत्र ने होने के वियोग में राजा दशरथ हतप्रभ हो जाते हैं तथा मुनि वशिष्ठ के पास इसका कोई उपाय पूछने जाते हैं, तब मुनि वशिष्ठ द्वारा राजा दशरथ को श्रृंगी ऋषि के पास भेजा जाता है, जहां पर श्रृंगी ऋषि द्वारा राजा दशरथ से पुत्रकामेश्ती यज्ञ कराया जाता है तथा अग्नि देव का प्रगट होता है तथा अग्नि देव तीनों रानियों को खीर का प्रसाद भेंट करते हैं, जिससे तीनों रानियों के द्वारा चार पुत्रों को जन्म दिया जाता है, राम जन्म की इस लीला को बहुत ही भावात्मक तरीके से रामलीला में प्रस्तुत किया गया तथा बैंड बाजा बजवाए गए व बधाई बांटकर जन्म की लीला को बहुत ही सुंदर रूप प्रदान किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में अनिल ऐरन, सुरेंद्र मंगल, अमित भारद्वाज, विकल्प जैन, जितेंद्र कुच्छल, मनीष चौधरी उर्फ गोलू, प्रमोद गुप्ता, अनिल जैन, पंकज भारद्वाज आदि का सहयोग रहा।



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