सेक्यूलर गैंग के झूठ को बेपर्दा करती कंगना रणौत, देखें वीडियो अपील

सेक्यूलर गैंग के झूठ को बेपर्दा करती कंगना रणौत, देखें वीडियो अपील

मुंबई कंगना रणौत को ऐसे ही बालीवुड की क्वीन थोड़ी कहा जाता है। कंगना ने जो कहा उसने सेक्युलर गैंग के इस झूठ को बेपर्दा कर दिया। वाकई कंगना असली क्वीन है। कैसे देश में एजेंडा चलाया जा रहा है, सेक्युलेरिजम की आड़ में और कैसे धर्म देखकर एक तख्ती गैंग को गुस्सा आ जाता है।



एक वीडियो जारी कर अभिनेत्री कंगना रणौत ने सेक्युलर गैंग पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा, इस तरह का प्रचार हम अक्सर देखते आएं हैं जो भी हमारी फिल्म इंडस्ट्री के होनहार कलाकार हैं या जो इस देश में खुद को बुद्धिजीवी कहते हैं, अक्सर इस तरह के कार्ड लेकर हाथों में मोमबत्तियां लेकर, पत्थर लेकर, पेट्रोल बम लेकर सड़कों पर निकल जाते हैं। देश को जलाने के लिए या किसी मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय बनाने के लिए मगर उनकी ये मानवता तभी फूट पड़ती है जब इसके पीछे जेहादी एजेंडा हो।

मगर किसी और को इंसाफ दिलाना हो तो इनके मुंह से चूं तक नहीं निकलती। जिस तरह से भेड़िया, भेड़ की खाल में छिपा होता है। उसी तरह से जेहादी एजेंडा वाले जो लोग हैं सेक्युलरिज्म की खाल में छिपे हुए हैं। हिंदुओं को सेक्युलरिज्म सिखाते हैं मतलब रिवर्स साइकोलॉजी की भी हद होती है।

यह सत्य है इतिहास इसका गवाह है कि जहां हिंदू नहीं हैं वहां सेक्युलरिज्म भी नहीं है। तो मैं माननीय प्रधानमंत्री जी से ये अपील करती हूं कि पंडितों को कश्मीर वापस भेजा जाए और उन्हें उनकी जमीन दी जाए और वहां पर हिंदुज्म की फिर से स्थापना की जाए। व्यर्थ नहीं जाना चाहिए सरपंच अजय पंडिता जी का बलिदान।

आपको बता दें कि कश्मीरी पंडित सरपंच अजय पंडिता की हत्या को लेकर गजब का सन्नाटा है। सेक्युलर चुप्पी है। तख्ती गैंग चुप क्यों है? एक चुभने वाली खामोशी है। यहां तक कि आतंकियों और जेहादियों के मरने पर मातम मनाने वाली मोमबत्ती लॉबी कश्मीरी पंडित की हत्या पर चुप है। अब ना कोई गुस्सा, ना ही कोई कैंडल मार्च,अब ना कोई तख्ती, ना ही कोई मोमबत्ती, ना अब संविधान खतरे में नहीं, ना अब कोई लोकतंत्र की दुहाई देने वाला, इतना सन्नाटा क्यों है भाई? जब पालघर में साधु-संतों की हत्या होती है, केरल में हिंदुओं की मांब लिंचिंग होती है या कश्मीर में कश्मीरी पंडित की हत्या होती है तब ये सेक्युलर गैंग किसी बिल में जाकर छिप जाता है। मौलाना साद की गिरफ्तारी पर जिस सेक्युलर गैंग को बहुत गुस्सा आता है, दंगाईयों की गिरफ्तारी पर गुस्सा आ जाता है। यहां तक कि ये गैंग आतंकियों के मरने पर भी मातम मनाता है। इनके लिए तब संविधान खतरे में आ जाता है। देश में लोकतंत्र खतरे में आ जाता है। सड़कों पर तब मोमबत्ती गैंग निकल जाता संविधान बचाने को। तब तख्ती गैंग तख्ती लेकर अपना एजेंडा चलाता है। अब कहां है तख्ती गैंग जब कश्मीरी पंडित सरपंच अजय पंडिता की हत्या हुई है।

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