गरीबों के बीच ही होते हैं भगवानः मौर्य

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लखनऊ। प्रदेश के श्रम एवं सेवायोजन व समन्वय मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि अधिकारियों की विभागीय कार्यों के प्रति लापरवाही एवं उदासीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विभागीय योजनाओं एवं कार्यक्रमों को गरीबों तक पहुंचाने में जवाबदेही के प्रति अकर्मण्यता ठीक नहीं है। कार्य करने की प्रवृत्ति विकसित करें तथा विभागीय कार्यों में तेजी लाई जाए।

उन्होंने निर्देशित किया है कि मिशन शक्ति अभियान के तहत महिलाओं से जुड़ी योजनाओं का लाभ ज्यादा से ज्यादा लाभार्थियों तक पहुंचाया जाए। कार्यो में तेजी लाने के लिए सहायक श्रम आयुक्त के पद से रिक्त जनपदों के पास के जनपद से सहायक श्रम आयुक्त को संबद्ध किया जाए। उन्होंने कहा कि कार्यों के प्रति जवाबदेही में शिथिलता पर संबंधित सहायक श्रम आयुक्त एवं श्रम प्रवर्तन अधिकारियों पर कार्रवाई होगी। ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अपर मुख्य सचिव एवं श्रम आयुक्त को उप श्रम आयुक्त सूचित करें।

श्रम एवं सेवायोजन मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य आज तिलक हाल में विभागीय कार्यों की समीक्षा बैठक कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी की परेशानियों के दौर से प्रदेश निकल रहा है। अधिकारियों को भी गरीबों/श्रमिकों के हितार्थ फील्ड में निकलना होगा। समाज के अंतिम पायदान के व्यक्ति तक योजनाओं को ले जाना होगा। उन्होंने कहा कि लेबर चौराहों पर विभागीय योजनाओं का प्रचार प्रसार किया जाए। श्रमिकों/गरीबों के बीच जाने में किसी भी प्रकार की शर्मिंदगी नहीं होनी चाहिए। गरीबों के बीच ही भगवान होते हैं। इनके आशीर्वाद से न जाने किसकी किस्मत बदल जाए।

उन्होंने कहा कि गरीब, मजदूर, गरीबी, बदहाली व जलालत में जिंदगी जी रहा है। हर प्रकार के मौसम में कार्य करता है। इनके जीवन स्तर को उठाने के लिए श्रम विभाग कार्य करता है, योजनाएं चला रहा है, फिर भी इनको लाभ न देने की शिकायतें आ रही हैं, कार्यों में टालमटोल किया जा रहा है। काम के प्रति किसी की भी कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

श्रम मंत्री ने निर्देशित किया है कि पंजीकृत कारखानों, खतरनाक व अति खतरनाक कारखानों का समय से निरीक्षण किया जाए। ऐसे कारखानों में दुर्घटनाओं को रोकने के लिए थर्ड पार्टी निरीक्षण कराने के लिए भी प्रस्ताव बनाया जाए। इसके लिए निदेशक कारखाना एवं निदेशक ब्वायलर जिम्मेदार होंगे। थर्ड पार्टी निरीक्षण की रिपोर्ट पर संतुष्ट न होने पर श्रम आयुक्त से अनुमति लेकर ऐसे कारखानों का निरीक्षण किया जाए। उन्होंने बीओसी बोर्ड की समस्याओं का समाधान करने तथा कार्मिकों का न्यूनतम वेतनमान निर्धारण की दरें सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को विचार-विमर्श कर प्रस्ताव बनाने निर्देश दिए।

उन्होंने श्रमिकों को हितलाभ योजना से लाभान्वित करने, श्रमिकों का पंजीकरण व नवीनीकरण करने, लंबित वादों के निस्तारण में कमी वाले जनपदों के अधिकारियों को अपनी कार्य संस्कृति बदलकर सरकार की मंशानुरूप कार्य करने के निर्देश दिए। बैठक में अपर मुख्य सचिव श्रम एवं सेवायोजन सुरेश चन्द्रा, श्रम आयुक्त मौ. मुश्ताक आदि मौजूद रहे।

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