प्रदूषण की मार-एक हफ्ते तक सड़क पर नहीं चलेंगे डीजल पेट्रोल के वाहन

प्रदूषण की मार-एक हफ्ते तक सड़क पर नहीं चलेंगे डीजल पेट्रोल के वाहन

नई दिल्ली। लगातार प्रदूषित हो रही वायु की गुणवत्ता को नियंत्रण में लाने के लिए राजधानी दिल्ली में 27 नवंबर से 3 दिसंबर तक डीजल एवं पेट्रोल से चलने वाले वाहनों पर पाबंदी लगा दी गई है। केवल सीएनजी से चलने वाले वाहनों के साथ इलेक्ट्रिक वाहनों को ही राजधानी में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी।

बुधवार को दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद आयोजित की गई प्रेसवार्ता में मीडियाकर्मियों के साथ बातचीत करते हुए बताया है कि राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार कम हो रहा है, जिससे दीपावली से पहले के दिनों की तरह वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में सुधार हुआ है। दिल्ली सरकार ने इसे बनाए रखने के लिए कई उपाय किए हैं। दिल्ली के बाहर से आवश्यक सेवाओं को छोड़कर अन्य सामान के ट्रकों और अन्य वाहनों का प्रवेश रोक दिया गया है।

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने कहा कि सरकार की ओर से गुणवत्ता सुधार की बाबत लिये गये निर्णय के तहत 27 नवंबर से, केवल सीएनजी से चलने वाले और इलेक्ट्रिक वाहनों को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश की अनुमति होगी। अन्य सभी वाहनों पर 3 दिसंबर तक प्रतिबंध रहेगा। दिल्ली की हवा को स्वच्छ रखने के लिए आवश्यक उपायों पर निर्णय लेने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद यह फैसला लिया गया है।

उन्होंने कहा, स्कूल, कॉलेज, पुस्तकालय और अन्य शैक्षणिक संस्थान भी 29 नवंबर से फिर से खोल दिए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यालय भी सोमवार से फिर से खुलेंगे और सभी को परिवहन के सार्वजनिक साधन का उपयोग करने की सलाह दी जाती है।

उन्होंने बताया है कि हमने तिमारपुर और गुलाबी बाग जैसी प्रमुख कॉलोनियों के लिए विशेष सीएनजी बसें तैनात करने का भी फैसला किया है, जहां से दिल्ली सरकार के कर्मचारी कार्यालय के लिए आते हैं। हम कर्मचारियों के लिए दिल्ली सचिवालय से आईटीओ और इंद्रप्रस्थ मेट्रो स्टेशनों के लिए शटल बस सेवा भी शुरू करेंगे।

दिल्ली सरकार ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार के बाद निर्माण गतिविधियों पर से प्रतिबंध हटा लिया है। 21 नवंबर को, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के अगले आदेश तक, राष्ट्रीय राजधानी के सभी स्कूलों को शहर में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर के कारण बंद कर दिया गया था।



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