भारत में मादक पदार्थ न तो कहीं से आने देंगे और न ही भारत के बाहर जाने देंगे : अमित शाह

भारत में मादक पदार्थ न तो कहीं से आने देंगे और न ही भारत के बाहर जाने देंगे : अमित शाहThe Union Home Minister, Amit Shah addressing at the inauguration of the two-day BIMSTEC (Bay of Bengal Initiative for Multi-Sectoral Technical and Economic Cooperation) ‘Conference on Combating Drug Trafficking’, in New Delhi on February 13, 2020

मादक पदार्थों का सेवन स्‍वयं, परिवार, समाज के साथ-साथ देश की सुरक्षा के लिए भी खतरा : अमित शाह

शांति, समृद्धि, खुशहाली की राह में बड़ी चुनौतियां हैं जिन्हें मिलकर हल करना होगा : अमित शाह

नई दिल्ली केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज यहां विज्ञान भवन में नशीले पदार्थों की तस्‍करी रोकने के संबंध में बिम्सटेक (बहु-क्षेत्रीय तकनीक और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल) सहयोगी देशों के दो दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस मौके पर बोलते हुए श्री शाह ने कहा कि यह मंच सभी सदस्य देशों को मादक पदार्थों की तस्करी के बढ़ते खतरों और विभिन्‍न देशों द्वारा अपनाई गई सर्वोत्तम प्रथाओं से सीख लेकर इन खतरों को समाप्‍त करने के लिए आवश्‍यक सामूहिक कदमों के बारे में बातचीत करने का अवसर प्रदान करेगा। उन्‍होंने यह भी कहा कि इस दो-द्विवसीय सम्‍मेलन के आयोजन से मादक पदार्थों की तस्‍करी की गंभीर समस्या के निराकरण में बहुत सारे नए रास्ते खुलेंगे।





अमित शाह ने कहा कि अगस्त 2018 में नेपाल की राजधानी काठमांडू में आयोजित शिखर सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मादक पदार्थों की तस्करी के खतरे से निपटने के लिए बिम्‍स्‍टेक देशों के सम्मेलन का विचार रखा था और आज वह विचार साकार हो रहा है। शाह का कहना था कि मोदी जी ने मादक पदार्थों की तस्‍करी एवं व्यापार कंट्रोल करने के लिए जो नीति बनाई है उससे भारत में मादक पदार्थों को आने भी नहीं दिया जाएगा और भारत से कहीं पर जाने भी नहीं दिया जाएगा। उनका कहना था कि पूरी दुनिया में मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए एकजुट होना आवश्‍यक है और भारत इस कार्य के लिए विश्‍व का नेतृत्‍व करने के लिए तैयार है।





शाह ने कहा कि भारत ने बहुत कम समय के अंदर ही देश में नारकोटिक्स कंट्रोल के प्रति कई महत्‍वपूर्ण कदम उठाएं हैं जिनका सकारात्‍मक प्रभाव सामने आया है। शाह ने बताया कि एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया की कुल आबादी के लगभग 5% लोग मादक पदार्थों के प्रभाव से ग्रसित हैं अर्थात विश्व के 27 करोड़ से अधिक लोग ऐसे पदार्थों की आदतों से घिरे हुए हैं, जो गंभीर चिंतन का विषय है। उन्‍होंने यह भी बताया कि इसमें बहुत तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है, सन 2009 में आंकड़ा करीब 21 करोड था और 10 साल में यह बढ़कर 30% की बढ़ोतरी के साथ 27 करोड़ तक पहुंचा है। नशे के कारण लाखों लोगों की मृत्यु होती है। मादक पदार्थों का सेवन पूरे विश्व के लिए एक अभिशाप के समान है। मादक पदार्थों का सेवन स्‍वयं, परिवार, समाज के साथ साथ देश की सुरक्षा के लिए भी खतरा है और देश विरोधी तत्वों के लिए आमदनी का एक बड़ा जरिया बन जाता है। आंकड़े बताते हैं कि पूरे विश्व में अवैध मादक पदार्थों की तस्करी से एक बडी राशि का लेनदेन होता है जिसका उपयोग अवैध सामाजिक गतिविधियों में किया जाता होगा। उनका कहना था कि अफगानिस्तान में होने वाली अफीम की खेती का प्रभाव केवल भारत पर ही नहीं, सभी देशों पर पड़ता है। पिछले वर्ष देश में दक्षिण पश्चिम एशिया के देशों से आने वाली हेरोइन की मात्रा में अत्यधिक बढ़ोतरी हुई है। सभी विकासशील देशों में शांति, समृद्धि और खुशहाली की राह में बड़ी चुनौतियां हैं जिन्हें मिलकर हल करना होगा और यह हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।


शाह ने बताया कि भारत सरकार ने समस्या के खिलाफ लड़ाई में लगी एजेंसियों के बीच प्रवर्तन और समन्वय गतिविधियों को मजबूत करने के लिए कई पहल कीं। केंद्रीय और राज्य सरकार दोनों एजेंसियों द्वारा अधिक सामंजस्य पूर्ण और समन्वित कार्यों को स्थापित करने के लिए काम किया जा रहा है। इसके साथ-साथ डिजिटलाइजेशन पर भी जोर दिया जा रहा है। सरकार एनसीबी के अधिकारियों को प्रशिक्षण देने के लिए भोपाल में केंद्रीय अकादमी शुरू करने जा रही है। भारत में इंटरनेट और सोशल मीडिया के माध्यम से होने वाले मादक पदार्थों की तस्करी के बारे में जागरूकता करने की पहल की गई है। वर्ष 2019 में भारत ने विभिन्‍न माध्‍यमों से मादक पदार्थों की तस्करी की रोकथाम पर कार्यक्रमों का आयोजन किया। भारत इस दिशा में बीटूबी(b2b) कंपनियों के साथ मिलकर कार्यक्रम को आगे बढ़ा रहा है ताकि ड्रग व्यापार को रोका जा सके। भारत सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर समन्वय स्थापित किया है और पिछले 5 वर्षों में भारत ने बांग्लादेश, श्रीलंका, इंडोनेशिया, म्‍यांमार, सिंगापुर आदि देशों से मादक पदार्थों की तस्करी के मुद्दे पर चर्चा की।





अमित शाह ने कहा कि ड्रग तस्‍करी को रोकने दिशा में ठोस कदम उठाने का बहुत अच्छा अवसर है। उनका यह भी कहना था कि हममें से कोई भी ऐसा नहीं है जिसने आतंकवाद की समस्या से जुड़े सवालों का सामना नहीं किया है, नशीले पदार्थ के व्‍यापार के माध्यम से आतंकवाद को भी बढावा मिलता है। उन्‍होंने कहा कि आज हम संकल्प करें कि मादक पदार्थों की तस्‍करी की समस्‍या को मूल रूप से समाप्‍त करेंगे। उन्‍होंने कहा कि बंगाल की खाड़ी इस समस्या का बहुत बड़ा क्षेत्र है और क्षेत्र में सबसे बड़ा देश होने के कारण भारत मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने संबंधी अपने उत्तरदायित्व को निभाने से कभी पीछे नहीं हटेगा।


शाह ने कहा कि रसायनिक प्रक्रिया से तैयार होने वाला नशा भी एक बडी चुनौता बन चुका है, यह 50 गुना ज्यादा हानिकारक होता है। श्री शाह ने इसके नियंत्रण पर भी कार्य करने को कहा और बताया कि लगभग ढाई सौ से अधिक ऐसे नशीले पदार्थ अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में नियंत्रित हो रहे है और 900 से ज्यादा मादक पदार्थ नियंत्रण से बाहर हैं । श्री अमित शाह ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने ड्रग फ्री इंडिया का जो सपना देखा है वह बहुत सारे देशों को भी फायदा करेगा ।

BIMSTEC एक क्षेत्रीय संगठन है, जिसमें बंगाल की खाड़ी के बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड के अलावा कई सदस्य देश शामिल हैं, जो एक क्षेत्रीय क्षेत्रीय एकता का निर्माण करते हैं।

समूचे बिम्‍सटेक क्षेत्र की साझा समृद्धि और आर्थिक विकास के लिए बंगाल की खाड़ी के जरिए क्षेत्रीय समुद्री कनेक्टिविटी और व्यापार जरूरी है। हालांकि, बिना किसी बाधा के समुद्री पहुंच प्रदान करते समय, समुद्री और तटीय क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियां एक खतरा हैं। इस तरह की चुनौतियों में सबसे प्रमुख समुद्र के रास्‍ते मादक पदार्थों की तस्करी। यह समुद्र में सहयोगी प्रयासों की आवश्यकता है, जिसमें इस खतरे से निपटने के लिए भागीदार देशों के बीच संचालन और सूचना साझा करने में प्रभावी समन्वय को और मजबूत करना शामिल है।



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