रक्षाबंधन एकजुटता, एकता और मानवतावाद का त्यौहार है: उप राष्ट्रपति

रक्षाबंधन एकजुटता, एकता और मानवतावाद का त्यौहार है: उप राष्ट्रपति
  • whatsapp
  • Telegram
  • koo
  • Story Tags

नई दिल्ली ।उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि महिलाओं का सशक्तिकरण, बालिकाओं की शिक्षा और उन्हें राष्ट्र निर्माण में समान हिस्सेदारी के लायक बनाने पर हर किसी का ध्यान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे देश में महिलाओं के सम्मान और आदर को कायम रखने का हमें फिर से संकल्प लेना चाहिए।






दिल्ली के विभिन्न स्कूलों से आए 100 से अधिक बच्चों से बात करते हुए, उन्होंने कहा कि यह पावन त्यौहार हमारे समाज में पारंपरिक तौर पर महिलाओं के ऊंचे दर्जे का स्मरण कराता है। उन्होंने कहा कि "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और बेटी बढ़ाओ" जैसे कार्यक्रमों को जन आन्दोलनों के रूप में बदलना होगा।


रक्षा बंधन को एकजुटता, एकता और मानवतावाद का त्यौहार बताते हुए, उप राष्ट्रपति ने कहा कि यह त्यौहार एक प्राचीन भारतीय परंपरा है और यह त्यौहार बहनों और भाईयों के बीच मानवीय संबंधों का उत्सव है।





रक्षाबंधन को देखभाल और संरक्षण का प्रतीक और भारत की सदियों पुरानी परंपराओं और रीति रिवाजों के मुख्य दर्शन-"लोगों से मिल-जुल कर उनका ख्याल रखने" का वाहक बताते हुए, श्री नायडू ने कहा कि इस त्यौहार का समसामयिक तौर पर और संभवतः हर समय के लिए अधिकाधिक महत्व है।


उप राष्ट्रपति ने लोगों का आह्वान करते हुए कहा कि हम एक ऐसे नए और समावेशी भारत बनाने का संकल्प लें, जहां महिला-पुरूष, जाति अथवा समुदाय के आधार पर कोई भेदभाव न हो। उन्होंने उनसे अपेक्षा करते हुए कहा कि वे विभिन्न धर्मों और क्षेत्रों के लोगों द्वारा प्रेम, प्रीति, भाईचारा और सदभावपूर्ण सह-अस्तित्व को बढ़ावा देने के लिए आगे आएं।





इस अवसर पर उप राष्ट्रपति की धर्मपत्नी ऊषा नायडू भी उपस्थित थीं और उन्होंने बच्चों के साथ बधाइयों का आदान-प्रदान किया।






ऊषा नायडू ने उप राष्ट्रपति के आवास पर सुरक्षा कार्य के लिए तैनात आईटीबीपी और दिल्ली पुलिस के कार्मिकों की कलाइयों पर राखियां बांधीं।

epmty
epmty
Top