डा. अमिता के अनुभव से महिला अस्पताल ने जीता 'पीएम मोदी का लक्ष्य'

डा. अमिता के अनुभव से महिला अस्पताल ने जीता पीएम मोदी का लक्ष्य
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मुजफ्फरनगर। जिला महिला चिकित्सालय नित्य नये आयाम स्थापित कर रहा है। 'कायाकल्प' में उत्तर प्रदेश में लगातार ऊंची छलांग लगाने जनपद के इस राजकीय चिकित्सालय ने डा. अमिता के अनुभव के सहारे अब 'पीएम मोदी का लक्ष्य' जीतने का काम किया है। राष्ट्रीय स्तर पर जिला महिला चिकित्सालय ने दो पुरस्कार जीतकर उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के साथ ही मुजफ्फरनगर को भी गौरवान्वित करने का काम किया है। लखनऊ से आये एक चिट्ठी ने जब यह संदेशा सुनाया तो महिला चिकित्सालय परिसर में जश्न जैसा माहौल नजर आया।


सभी ने इस उपलब्धि के लिए चिकित्सालय की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. अमिता गर्ग को बधाई दी तो इस जीत को डा. अमिता ने टीम वर्क अचीवमेंट बताकर सभी के प्रयासों की सराहना की। यहां तक की मरीजों और तीमारदारों को उन्होंने अपनी इस खुशी का हिस्सा बताते हुए उनके सहयोग के प्रति भी आभार जताया, जोकि उनके एक कुशल प्रशासक और मानवीय दृष्टिकोण को भी दर्शाता है। इन दो पुरस्कारों के लिए जिला महिला अस्पताल को 17 लाख रुपये से अधिक की कैश मनी मिलेगी, जिसे चिकित्सालय के विकास पर खर्च किया जायेगा।


अस्पतालों में गुणात्मक सुधार और सेवाओं के प्रति संवेदनशील दायित्व निर्धारण करने के लिए 'कायाकल्प' पुरस्कार योजना शुरू की गयी थी, इसका अप्रत्याशित परिणाम देखने को मिला। पुरस्कार पाने के लिए अपनी बदहाली के लिए निशाने पर रहने वाले राजकीय अस्पतालों की दशा सुधरने लगी और वहां मरीजों के लिए सुविधा व सेवा भी निखरती नजर आयी। इसके बाद अस्पतालों में सुवाओं को और भी व्यवस्थित बनाने के लिए नेशनल क्वालिटी एश्यारेंस स्टैंण्ड्र्स (एनक्यूएएस) को लागू किया गया। इसी के अन्तर्गत अस्पतालों को प्रतिस्पर्धा से जोड़कर केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में 'लक्ष्य' योजना का शुभारम्भ हुआ। इसी योजना में जिला महिला चिकित्सालय ने नेशनल स्तर पर बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए 'लक्ष्य' सर्टिफिकेट के साथ ही क्वालिटी सर्टिफिकेट भी हासिल किया है, जो राज्य में मुजफ्फरनगर को स्वास्थ्य सेवाओं में अव्वल नम्बर पर ले आया है।

भारत सरकार के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत दो सदस्यीय नेशनल सर्वे टीम ने बीते 21 अगस्त से 23 अगस्त 2019 तक जिला महिला चिकित्सालय मुजफ्फरनगर का भ्रमण कर यहां पर सुविधा, व्यवस्था और विकास का जायजा लिया था। इसके बाद सर्वे टीम ने अपनी रिपोर्ट स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार को भेज दी थी। इस सर्वे के बाद परिणाम का इंतजार किया जा रहा था। गुरूवार को यह इंतजार भी खत्म हो गया।

जिला महिला चिकित्सालय की सीएमएस डा. अमिता गर्ग ने बताया कि उनको उत्तर प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव डा. देवेश चतुर्वेदी की ओर से पत्र प्राप्त हुआ है। यह पत्र भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अपर सचिव एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक मनोज झालानी की ओर से भेजा गया है। इसमें अवगत कराया गया है कि जिला महिला चिकित्सालय मुजफ्फरनगर को राष्ट्रीय स्तरीय टीम द्वारा किये गये सर्वे में चिकित्सालय के लेबर रूम तथा मेटरनिटी आॅपरेशन थियेटर में दी जा रही व्यवस्था और सुविधा को लेकर 90 प्रतिशत स्कोर हासिल किया गया है। इसके लिए अस्पताल को राष्ट्रीय स्तर पर लक्ष्य सर्टिफिकेट और अन्य सभी व्यवस्थाओं व सेवाओं के लिए 88.5 प्रतिशत स्कोर हासिल करने पर नेशनल क्वालिटी प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया है। सर्वे में चिकित्सालय में त्रेमासिक इंटरनल एसेसमेंट के उपरांत स्टेट लेवल और फिर नेशनल लेवल पर यह सम्मान प्रदान किया गया है। सर्वे में चिकित्सालय की सेवाओं, मरीजों के अधिकार, बिजली पानी की व्यवस्था, भोजन व्यवस्था उपचार व्यवस्था, कूडा निस्तारण तथा सभी मानकों का अत्यधिक सूक्ष्म निरीक्षण किया गया, जिसमें चिकित्सालय द्वारा हर स्तर पर सफलता अर्जित की गयी। मुख्य चिकित्सा अधीक्षिका डा. अमिता द्वारा इस उपलब्धि का श्रेय समस्त अधिकारियों तथा कर्मचारियों को देते हुए बधाई दी तथा स्थानीय जन प्रतिनिधियों, समाजसेवी एवं चिकित्सालय में आने वाले मरीजों व तीमारदारों को सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। नेशनल स्तर पर यह पुरस्कार मिलने से महिला अस्पताल के सभी कर्मचारियों व चिकित्सकों में खुशी का वातावरण बना हुआ है।

अस्पताल को मिलेगा 17.20 लाख का नकद ईनाम

'लक्ष्य' योजना में 90 प्रतिशत अंक हासिल कर सर्टिफिकेट हासिल करने के साथ ही गुणवत्ता प्रमाण पत्र भी जीतने वाले महिला चिकित्सालय में अब विकास और रफ्तार पकड़ेगा। सीएमएस डा. अमिता गर्ग इस सम्मान के मिलने पर गर्व कर रही हैं। उनका कहना है कि हमने पूर्व में भी पुरस्कार राशि को अस्पताल के विकास और सेवा को अधिक सुलभ बनाने पर खर्च किया है। उन्होंने बताया कि लक्ष्य योजना में 6 लाख और क्वालिटी सर्टिफिकेट जीतने पर 11.20 लाख रुपये अस्पताल को कैश मनी के रूप में मिलेंगे। यह धनराशि अस्पताल के विकास और सुविधाओं पर खर्च की जायेगी।

कारगर रहा सीएमएस का संदेश- गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं...!


पेशे से स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञा अनुभवी मेडिकल सर्जन डा. अमिता गर्ग के कार्यकाल में महिला अस्पताल काफी निखार पर आया है। 100 बिस्तर वाले महिला अस्पताल का स्व मूल्यांकन करने में वह लगातार सक्रिय रहती हैं। 'एक टीम के रूप में कार्य करने में विश्वास रखने वाली सीएमएस डा. अमिता गर्ग की कार्यप्रणाली में गुणवत्ता सर्वोपरि है। इसके लिए उन्होंने टैग लाइन''गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं'' को अस्पताल में एक सख्त प्रशासक के रूप में लागू कराने का काम किया है। सीएमएस डा. अमिता कहती हैं, कि टीम वर्क इस अस्पताल की सबसे बड़ी ताकत है और हम विभिन्न लक्ष्यों को सफलतापूर्वक प्राप्त करने में सक्षम हैं। यह अस्पताल जिला मुजफ्फरनगर और अन्य जिलों (सहारनपुर, बिजनौर, शामली) के आसपास के शहरों में अपनी सेवाएं दे रहा है। अस्पताल का कार्य भार 900 से अधिक प्रसव और प्रति माह 300 सीजेरियन ऑपरेशन है। पोस्ट ऑपरेटिव रोगी की सख्त निगरानी सबसे बड़े उपकरण में से एक है। संक्रमण नियंत्रण प्रथाओं का कड़ाई से पालन किया जाता है। सभी श्रमिकों की निगरानी की जाती है और मानक एहतियात और जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन और गुणवत्ता वाले उपकरणों के बारे में नियमित रूप से प्रतिक्रिया प्रशिक्षण दिया जाता है।

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