AIMIM की हल्द्वानी मामले पर कोर्ट की सुप्रीम रोक का श्रेय लेने की कोशिश

AIMIM की हल्द्वानी मामले पर कोर्ट की सुप्रीम रोक का श्रेय लेने की कोशिश

रुड़की। ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लमीन के प्रदेश अध्यक्ष ने हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से लगाई गई रोक का श्रेय लेने की कोशिश की है। उन्होंने सर्वाेच्च अदालत के हल्द्वानी के बनभूलपुरा मामले में स्टे दिए जाने को उचित ठहराया है।

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रदेश अध्यक्ष डा.नय्यर काजमी ने देश की सर्वाेच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट द्वारा हल्द्वानी के बनभूलपुरा मामले में स्टे दिये जाने को उचित ठहराया है। जारी किये अपने वक्तव्य में उन्होंने कहा कि हल्द्वानी में जिस भूमि पर सात-आठ दशकों से जो लोग रहते आ रहे हैं और वहां राजकीय विद्यालय, अस्पताल, निगम द्वारा उनसे टैक्स वसूली के साथ ही उनके पास आवासीय संबंधी प्रमाण भी मौजूद है, किंतु अतिक्रमण के नाम पर जिस प्रकार इनको नोटिस दिया गया उसकी वजह से हजारों परिवारों को सर्द मौसम में घरों से बाहर रहना पड़ा। डा.काजमी ने कहा कि एआईएमआईएम के सुप्रीमो बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी एवं उनकी पार्टी ने इसे प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन तथा अन्य दलों के नेताओं द्वारा भी इस मामले में अपना सहयोग दिया जाना स्वागत योग्य है। उन्होंने कहा कि इस मामले का कोई आसान रास्ता निकाल लिया जाएगा, जिससे कि इन हजारों परिवारों को उजड़ने से बचाया जा सके।

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